मुख्य बिंदु
- भाजपा सरकार असम में एक सींग वाले गैंडे के संरक्षण और संवर्धन करने में सफल रही है
- कांग्रेस शासन में एक साल की अवधि में काजीरंगा से गैंडों के शिकार के 54 मामले सामने आए
- अब गैंडों के शिकार के मामले पिछले 21 वर्षों की तुलना में सबसे कम, PM मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में की हिमंता सरकार की प्रशंसा
भारत का पूर्वोत्तर राज्य असम एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध है। असम में कांग्रेस शासन के दौरान एक सींग वाले गैंडे भी सुरक्षित नहीं थे। आपको जानकर यह हैरानी होगी कि कांग्रेस के कार्यकाल में शिकारियों ने एक सींग वाले 167 गैंडे मारे जिससे प्रकृति के दुर्लभ प्रजाति विलुप्ति के कगार पर जा पहुंचे थे। जैसा कि असम में सत्ता में आने से पहले भाजपा ने वादा किया था, भाजपा सरकारें राज्य में एक सींग वाले गैंडे के संरक्षण और संवर्धन करने में सफल रही है। असम में एक सींग वाले राइनो के संरक्षण में हिमंतासरकार ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पाठकों को ये बता दें कि 2021 में केवल एक गैंडे का शिकार किया गया, जोकि पिछले 21 वर्षों में सबसे कम है। राज्य सरकार राष्ट्रीय उद्यान में राइनो शिकार पर लगाम लगाने में कामयाब रही है।
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एक सींग वाले गैंडे के संरक्षण में सफल रही भाजपा सरकार
असम के स्पेशल DGP और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के प्रमुख जीपी सिंह के अवैध शिकार विरोधी कार्य बल (APTF) ने ट्वीट किया, “वर्ष 2021 में गैंडों के अवैध शिकार की केवल एक घटना देखी गई। एक सींग वाले गैंडे के अवैध शिकार को रोकना एक बड़ी उपलब्धि रही है। @mygovassamin द्वारा जून 2021 को गठित एंटी-पोचिंग टास्क फोर्स को इस बड़ी उपलब्धि पर @assampolice, @kaziranga_personnel तथा @CMOfficeAssam को बधाई।” असम का गौरव और लुप्तप्राय जानवर, एक सींग वाला गैंडा, 2001 से 2016 तक की पिछली कांग्रेस सरकारों के शासनकाल के दौरान खतरे में था। उस अवधि के दौरान शिकारियों द्वारा सैकड़ों गैंडों को मार दिया जाता था। अकेले 2013-14 में काजीरंगा से गैंडों के शिकार के 54 मामले सामने आए। 2001 से मई 2016 तक असम में कांग्रेस सरकार के लगातार तीन कार्यकाल के दौरान काजीरंगा और मानस में शिकारियों द्वारा कम से कम 167 गैंडे मारे गए।
@assamforest and Commandos of @assampolice patrolling the @kaziranga_ We would ensure safety of our pride – One horn rhino from predators. @mygovassam @CMOfficeAssam pic.twitter.com/ay6YiKsnNw
— GP Singh (@gpsinghips) January 25, 2022
बता दें कि APTF का गठन 2021 में काजीरंगा में गैंडों के अवैध शिकार की जांच के लिए किया गया था और पहले वर्ष में, राष्ट्रीय उद्यान से केवल एक गैंडे के अवैध शिकार की सूचना मिली । अप्रैल 2021 में, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के अंदर एक जल निकाय के पास उसके सींग के साथ एक वयस्क नर गैंडे का शव मिला था और पिछले साल असम में शिकार की यह एकमात्र घटना थी, जो 21 वर्षों में सबसे कम थी। 2016 में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद एक सींग वाले गैंडों के शिकार की संख्या में भारी कमी आई। 2017 में शिकारियों द्वारा केवल 6 गैंडे मारे गए। पिछले साल यह संख्या 18 थी। 2018 में सात घटनाएं सामने आईं और 2019 में यह घटकर केवल तीन रह गई और 2020 में सिर्फ दो मामले सामने आए।
भारत का उद्यान बनकर उभरेगा असम
बताते चलें कि असम में गैंडों की एक बड़ी संख्या है, जो पिछले कई दशकों में संरक्षण के कारण कई गुना बढ़कर संख्याबल में 3400 हो गए है। हेमंत सरकार के कार्यकाल में असम में विकास का नवजागरण प्रारंभ हुआ है। सरकार असम के सर्वांगीण विकास हेतु प्रतिबद्ध है। इसी प्रतिबद्धता को देखते हुए पीएम मोदी ने भी ‘मन की बात’ के दौरान हिमंतासरकार की प्रशंसा की और ये कहा कि उन्हीं के प्रयासों के कारण ये सफल हो पाया है। सीमाओं को राष्ट्रविरोधी तत्वों, रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशी घुसपैठियों से सुरक्षित किया जा रहा है, तो वहीं राज्य के पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। असम सरकार के अथक प्रयास को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि आनेवाले समय में असम भारत का उद्यान बन कर उभरेगा।
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