प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को रोककर खालिस्तान समर्थक तत्वों का मनोबल बढ़ा हुआ है। पीएम पंजाब के फिरोजपुर के दौरे पर थे, जब हाईवे पर बने फ्लाईओवर के पास उनके काफिले का रास्ता रोक दिया गया। 20 मिनट तक प्रधानमंत्री की गाड़ी फ्लाईओवर पर रुकी रही। इस मामले पर केंद्र सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है और पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांगी गई है। फिरोजपुर के बड़े पुलिस अधिकारियों को जल्द से जल्द विस्तृत जवाब देने को कहा गया है एवं केंद्र सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच दल पूरे मामले की जांच के लिए पंजाब गई है। इसी बीच सोशल मीडिया पर खालिस्तानियों द्वारा मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ दिया गया है।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें एक 20 वर्षीय युवक, इस पूरे प्रकरण पर एक एनीमेटेड वीडियो बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले की कहानी सुना रहा है। वीडियो में प्रसिद्ध कंप्यूटर गेम GTA की तरह एक सिख युवक द्वारा बेसबॉल बैट लेकर प्रधानमंत्री को मारने के लिए दौड़ाया जा रहा है! 20 वर्षीय युवक ‘मोदी बाहर आ जा’ और ‛काका बाहर आ जा’ कहते दिखाई दे रहा है।
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वीडियो में पीएम को अपशब्द कह रहा है यह युवक
वीडियो में प्रधानमंत्री को जब सिख युवक दौड़ाता है, तब यह युवक कहता है कि तुझे डरा-डरा के ‛भगाऊंगा’! इसके बाद वीडियो में प्रधानमंत्री के सिर पर बेसबॉल बैट से हमला होता है और युवक इस समय प्रधानमंत्री को अपशब्द कहता है। यह सब देखकर या तो आप इस युवक पर गुस्सा करेंगे या आप इसकी मानसिक अवस्था पर शोक व्यक्त करेंगे। यह कौन है, कहां का है, भारतीय है अथवा पाकिस्तानी, इसने यह वीडियो कहां से प्राप्त की और किस उद्देश्य से इसे अपलोड किया, यह जांच का विषय है। यह भी संभव है कि यह युवक पाकिस्तान के इशारे पर काम करने वाला कोई आदमी हो। हो सकता है इस वीडियो के माध्यम से भारत में हिंदुओं और सिखों के बीच सांप्रदायिक टकराव बढ़ाने की साजिश रची गई हो।
20-Year-Old Punjabi YouTuber depicts killing PM Modi through a GTA video game.
Religious hatred for PM Modi in Punjab crosses all limits.
pic.twitter.com/o3vq7pEiMt— Treeni (@TheTreeni) January 7, 2022
जो भी सत्य हो, किंतु वास्तविकता ये है कि यह वीडियो किसी भी देशभक्त व्यक्ति का क्रोध बढ़ा सकता है। प्रधानमंत्री पर हमले की साजिश यदि सफल हो गई होती, तो संभवत देश में व्यापक रूप से तनाव बढ़ सकता था। सरकार को तत्काल इस प्रकार के वीडियो फुटेज पर कार्रवाई करनी चाहिए और खालिस्तानी प्रोपेगेंडा को हवा देने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए। अन्यथा ऐसे वीडियो लोगों के बीच आपसी मतभेद को बढ़ाएंगे एवं इसके कारण परिस्थितियां और भी तनावपूर्ण होंगी।
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बहुत आवश्यक है मामले के तह तक जाना
भारत 1984 के दुर्भाग्य को पुनः नहीं दोहरा सकता। पंजाब खालिस्तान की गिरफ्त में नहीं जाना चाहिए और न ही हिंदुओं और सिखों के बीच वैसी दूरियां बढ़नी चाहिए, जो श्रीमती इंदिरा गांधी की मृत्यु एवं 84 के दंगों के बाद बढ़ी थी! पंजाब चुनाव इस तनाव को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पंजाब सरकार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में हुए बदलाव की पूरी जानकारी पहले से ही थी, इसके बाद भी सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक हुई है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने स्वीकार किया है कि प्रधानमंत्री के काफिले के हाईवे से जाने की बात पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बताई थी। इस मामले की तह तक जाना बहुत आवश्यक है, अन्यथा पंजाब और भारत एक बार फिर अपने भाग्य पर रोएंगे!
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