वर्ष 2014 से पूर्व, भारत कभी टेक क्षेत्र में अन्य देशों का मुकाबला करने की स्थिति में आ पाएगा, ऐसी कल्पना करना भी हास्यास्पद हुआ करता था। अप्रैल 2014, में केंद्र में मोदी सरकार के आते ही, भारत अन्य देशों के साथ मुकाबला करने तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि उसने उनसे ऊपर स्थान पर खड़ा होने का स्वप्न भी पूरा किया। इसका एक बढ़ा श्रेय पीएम मोदी द्वारा चलाए गए डिजिटल इंडिया को भी जाता है l और आज भारत इस स्थान पर पहुंच गया है कि काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, आपूर्ति में व्यवधान और घटकों की कमी के कारण कीमतों में वृद्धि के बावजूद, 2021 में भारत का स्मार्टफोन शिपमेंट बढ़कर 169 मिलियन हो गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 11% अधिक है।
विगत 2 वर्षों से कई देशों ने चीनी कंपनियों से तौबा करनी शुरू कर दी है, क्योंकि अब अन्य देशों को भी समझ आने लगा है कि चीन से व्यापार करना ठीक मगरमच्छ के मुंह में हाथ डालने जैसा सौदा है। कोरोनाकाल में चीन का व्यवसाय घाटे में गया, जिसमें एक सेक्टर मोबाइल उत्पादन का भी था।
भारत सरकार ने जैसे ही चीन के साथ अपने व्यापारिक सबंधों को कम करना शुरू किया और सीधे कम्पनियों को भारत में उत्पादन निर्माण करने के लिए कहा, उसके बाद स्थिति में एक बढ़ा अंतर आया है। उसके लिए PLI योजना भी शुरू की गई, आज भारत में सैमसंग M सीरीज का हर फोन नोएडा में बन रहा है। यही कारण है जो कई कंपनियां अब चीन छोड़ भारत की और रुख करने में लगी हुई हैं।
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हमनें आपको पहले भी बताया था कि कैसे मोदी सरकार इस मोर्चे पर भारतीय हित को मजबूती से रख रही है। भारतीय सामान और गैर चीनी फोन उत्पादों की कीमत पर नियन्त्रण के लिए सरकार ने इस मोर्चे पर भी क्रमबद्ध तरीके से लगाम लगानी शुरू कर दी थी। सरकार द्वारा 2020 में फोन को जीएसटी स्लैब 12 से 18% में रखा गया। इसके नतीजतन चाइनिज फोन कम्पनियों के फोन की कीमत में एक हजार से दो हजार तक का अंतर आ गया। यूँ तो फोन निर्माताओं के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा है पर सस्ते 5G चिपसेट की उपलब्धता और 5G उपकरणों की घटती कीमतों से ब्रांड अधिक 5G उपकरणों को बाजार में लाने में सक्षम होंगे।
2021 में भारत का स्मार्टफोन शिपमेंट बढ़कर 169 मिलियन हो गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 11% अधिक है। मार्केट रिसर्चर ने 5G स्मार्टफोन की रिप्लेसमेंट डिमांड और 5G स्मार्टफोन की डिमांड को जिम्मेदार ठहराया, जिसने 2021 में कुल शिपमेंट में लगभग 17% का योगदान दिया, पिछले साल की तुलना में इस साल छह गुना वृद्धि दर्ज की गई है। भारत ने कोरोना काल में जिस प्रकार सरकारी स्तर के अतिरिक्त जमीनी रूप से जब जनता ने चीन के उत्पादों को नकारना प्रारम्भ किया, भारत की एक बड़ी जीत तब ही सुनिश्चित हो गई।
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डिजिटल इंडिया की तर्ज़ पर आज भारत की स्मार्टफोन शिपमेंट बढ़कर 169 मिलियन हो गई है। इस लक्ष्य की प्राप्ति में स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया का बहुत बड़ा योगदान है । यह बड़े हर्ष की बात है कि धीरे-धीरे ही सही लेकिन भारत वैश्विक स्तर पर टेक क्षेत्र में पैर ज़माने शुरू कर चुका है और यह अब थमेगा नहीं। बाहर के देशों से निवेश आना एक बहुत बड़ा उदाहरण है कि भारत में अब बहुत कुछ बदल रहा है।