मुख्य बिंदु
- रिलायंस इंडस्ट्रीज ने Addverb Technologies में 983 करोड़ रुपए (13.2 करोड़ डॉलर) में 54% हिस्सेदारी खरीदी
- अब ऑटोमेशन और रोबॉटिक्स प्रणाली के साथ खुद को सशक्त बनाने के लिए तैयार है रिलायंस
- रिलायंस द्वारा किए जा रहे ऑटोमेशन यानी रोबॉटिक मैन्युफैक्चरिंग में निवेश से Amazon की असहजता देखने को मिलेगी
भारत की रिलायंस इंडस्ट्रीज अब आधुनिक 5G संचालन और रोबॉटिक्स प्रणाली के साथ खुद को सशक्त बनाने के लिए तैयार हो रहा है। ई-कॉमर्स का भविष्य स्वचालन (Automation) और रोबॉटिक्स में निहित है, जिसको ध्यान में रखते हुए रिलायंस इस क्षेत्र में भारी निवेश कर रही है। ई-कॉमर्स सेक्टर में प्रभुत्व की लड़ाई में Amazon के साथ मुकेश अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने एक बड़े बाज़ार के अधिग्रहण का मन बना लिया है। रिलायंस ने Addverb Technologies प्राइवेट नामक भारतीय रोबॉटिक्स स्टार्टअप में एक बड़ी हिस्सेदारी खरीदी है। दरअसल, Addverb Technologies ई-कॉमर्स और ऊर्जा उत्पादन को और अधिक कुशल बनाने के लिए रोबॉट का उपयोग करती है। उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित यह कंपनी रोबॉटिक्स, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर आदि हर एक पहलू में काम करने में समर्थ है।
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Addverb Technologies में अब रिलायंस की 54 फ़ीसदी हिस्सेदारी
वहीं, Amazon जैसी वैश्विक कंपनी के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए रिलायंस ने टॉप-ऑफ-द-लाइन मशीनरी प्लस रोबॉटिक्स के मामले में मजबूत होने के लिए Addverb Technologies के साथ सौदा किया है, जिससे आने वाले भविष्य में रिटेल की दुनिया में Amazon को मात दी जा सके। ब्लूमबर्ग के साथ एक टेलीफ़ोनिक साक्षात्कार में, Addverb Technologies के संस्थापक संगीत कुमार ने कहा, “रिलायंस की डिजिटल warehousing में स्वचालन को लागू करने की बड़ी योजनाएं हैं। उनके पास अगले दो वर्षों में सैकड़ों स्थानों पर warehouse का विस्तार करने की योजना है। यह पहली बार नहीं है कि दोनों कंपनियां एक साथ सहयोग कर रही हैं। Addverb Technologies ने पहले ही जामनगर स्थित रिलायंस समूह में विशाल नई सौर कारखानों की रिफाइनरी के लिए स्वचालन तैयार किया है।”
इस अधिग्रहण के साथ रिलायंस कंपनी ‘Next level 5G रोबॉटिक्स और बैटरी सिस्टम के साथ-साथ किफायती और एडवांस रोबॉट बनाने के लिए कार्बन फाइबर का निर्माण करने की योजना बना रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने $ 132 मिलियन (लगभग 983 करोड़ रुपये) के लिए रोबॉटिक्स स्टार्ट-अप Addverb Technologies में बहुमत की हिस्सेदारी ली है, जो ऊर्जा से दूरसंचार समूह के रूप में अपने कारोबार को स्वचालित करता है।
Addverb Technologies ने RIL , फ्लिपकार्ट, एचयूएल, एशियाई पेंट्स, कोका-कोला, पेप्सी, आईटीसी, और मैरिको के लिए अत्यधिक स्वचालित गोदाम विकसित किए हैं। इस निवेश के साथ, रिलायंस की Addverb Technologies में लगभग 54 फीसदी हिस्सेदारी होगी। यह वित्त पोषण यूरोप और अमेरिका में कंपनी के विस्तार में तेजी लाएगा और इसे एक बड़ी रोबॉटिक विनिर्माण सुविधा स्थापित होगी। Addverb कंपनी के अनुसार यह सुविधा पूरी तरह से स्वचालित हो जाएगी और रोबॉटिक क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर भारत को प्रेरित करेगी।
रोबॉटिक्स और ऑटोमेशन को बढ़ावा देगी ये हिस्सेदारी
इसी क्रम में Addverb Technologies भी यूरोप, अमेरिका और भारत में एक नवाचार प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना बना रहा है। Addverb Technologies के CEO ने कहा, “रिलायंस पहले से ही एक ग्राहक था। हमने अपने जियो-मार्ट किराने के व्यवसाय के लिए अत्यधिक स्वचालित गोदामों को सह-निर्मित और वितरित किया था।” वहीं, Addverb Technologies के सह-संस्थापक ने कहा, “यह रणनीतिक साझेदारी हमें नई ऊर्जा पहलों के माध्यम से 5G, बैटरी तकनीक का लाभ उठाने में मदद करेगी, भौतिक विज्ञान (कार्बन फाइबर) को अधिक उन्नत और किफायती रोबॉट प्रदान करने के लिए।”
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उन्होंने आगे कहा कि “रिलायंस गोदामों को स्केल कर रहा है, उन्हें एक समर्पित साथी की आवश्यकता थी। यह किराने, फैशन और जीवनशैली, फार्मा, सामान्य व्यापार और फर्नीचर जैसे व्यवसाय के हर खंड के लिए गोदाम स्थापित कर रहा है।” उन्होंने आगे यह भी कहा कि “इन गोदामों को स्वचालन की आवश्यकता होती है और हम इन गोदामों में से कुछ में हमारी कई तकनीकों का परीक्षण और कार्यान्वित कर सकेंगे।” RIL ई-कॉमर्स पर भी बिगिंग कर रहा है और विश्लेषकों के अनुसार Addverb Technologies की तकनीक से रिलायंस को अपने ऑनलाइन खुदरा प्लेटफ़ॉर्म जैसे AJIO और JIO मार्ट को स्केल करने में मदद मिलेगी। यह RIL को अपने फर्मों को स्वचालन समाधान प्रदान करने में भी मदद करेगा, जिसमें डिलीवरी फर्म डूंजो और ऑनलाइन फ़ार्मा फर्म नेटमेड्स जैसे निवेश शामिल हैं।
Amazon के एकाधिकार को चुनौती
Addverb Technologies ने अपने रोबॉट्स को 100 से अधिक ग्राहकों को प्रदान किया है, जिससे उनकी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलती है। Addverb Technologies ने कहा कि “यह भारत का एक दुर्लभ हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर स्टार्ट-अप है, जो खुद रोबॉट बनाती है और इन रोबॉटों को नियंत्रित करने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करती है। यह अपने प्रोडक्ट्स में यूनिक और Innovative विशेषताओं को जोड़ने की अनुमति देता है और ग्राहकों के मौजूदा बुनियादी ढांचे और सॉफ्टवेयर सिस्टम के साथ अनुकूलन प्रदान करता है।”
बता दें कि Addverb Technologies ने ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, फिलीपींस, ब्रिटेन और वियतनाम जैसे देशों में ग्राहकों को रोबॉट निर्यात किए हैं। Addverb Technologies के पास एक वर्ष में विभिन्न प्रकार के 10,000 रोबॉट बनाने की क्षमता है। मार्च 2021 में शुरू की गई विनिर्माण इकाई, नोएडा में 2.5 एकड़ में फैली हुई है और मोबाइल रोबॉट, रोबॉट, पैलेट शटल और कार्टन शटल सहित सभी प्रकार के रोबॉट का उत्पादन करने की क्षमता रखती है।
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वित्त वर्ष 2023 में नई विनिर्माण सुविधा के साथ कंपनी के पास एक वर्ष में 50,000 रोबॉट का उत्पादन करने की क्षमता होगी। विश्लेषकों के मुताबिक, वैश्विक रोबॉटिक्स बाजार का मूल्य 2020 में 27.73 अरब डॉलर था और इसका मूल्य 2026 में 74.1 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। Addverb के साथ गठजोड़ के बाद रिलायंस अपने प्रतिद्वंद्वियों पर एक अस्थायी बढ़त रख सकता है, जिनमें Amazon सबसे प्रमुख है। रिलायंस द्वारा किए जा रहे ऑटोमेशन और रोबॉट्स में निवेश से Amazon की असहजता देखने को मिलेगी। ऐसे में, भारत में ई-कॉमर्स का भविष्य उज्जवल है और यह एक अच्छी खबर है कि एक भारतीय कंपनी अमेरिकी कंपनी के एकाधिकार को चुनौती दे रही है।