TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतहासिक जीत

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतिहासिक जीत

    महिला शक्ति से राष्ट्र निर्माण तक: सहरसा में पीएम मोदी ने दिखाई नेतृत्व की दूरदर्शिता

    महिला शक्ति से राष्ट्र निर्माण तक: सहरसा में पीएम मोदी ने दिखाई नेतृत्व की दूरदर्शिता

    भूरा बाल साफ करो: लालू-आरजेडी की जातिवादी राजनीति ने बिहार में फैलाई नफरत और हिंसा, उद्योग-बिजनेस से लेकर आम जनता तक सब हुआ आतंकित

    भूरा बाल साफ करो: लालू-आरजेडी की जातिवादी राजनीति ने बिहार में फैलाई नफरत और हिंसा, उद्योग-बिजनेस से लेकर आम जनता तक सब हुआ आतंकित

    खरगे की मांग बनाम RSS: डर के साथ कब तक भारतीय राजनीति में कब तक खड़ी रह पाएगी कांग्रेस

    खरगे की मांग बनाम RSS: डर के साथ कब तक भारतीय राजनीति में कब तक खड़ी रह पाएगी कांग्रेस

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतहासिक जीत

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतिहासिक जीत

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    न्योमा यह भी साबित करता है कि भारत ने भविष्य की तैयारी को गंभीरता से लिया है।

    13,700 फीट की ऊंचाई पर भारत का गर्व: न्योमा एयरबेस सीमाओं की रक्षा, वायु शक्ति की नई उड़ान और राष्ट्र की अडिग सामरिक तैयारी का प्रतीक

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

    भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    न्योमा यह भी साबित करता है कि भारत ने भविष्य की तैयारी को गंभीरता से लिया है।

    13,700 फीट की ऊंचाई पर भारत का गर्व: न्योमा एयरबेस सीमाओं की रक्षा, वायु शक्ति की नई उड़ान और राष्ट्र की अडिग सामरिक तैयारी का प्रतीक

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतहासिक जीत

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतिहासिक जीत

    महिला शक्ति से राष्ट्र निर्माण तक: सहरसा में पीएम मोदी ने दिखाई नेतृत्व की दूरदर्शिता

    महिला शक्ति से राष्ट्र निर्माण तक: सहरसा में पीएम मोदी ने दिखाई नेतृत्व की दूरदर्शिता

    भूरा बाल साफ करो: लालू-आरजेडी की जातिवादी राजनीति ने बिहार में फैलाई नफरत और हिंसा, उद्योग-बिजनेस से लेकर आम जनता तक सब हुआ आतंकित

    भूरा बाल साफ करो: लालू-आरजेडी की जातिवादी राजनीति ने बिहार में फैलाई नफरत और हिंसा, उद्योग-बिजनेस से लेकर आम जनता तक सब हुआ आतंकित

    खरगे की मांग बनाम RSS: डर के साथ कब तक भारतीय राजनीति में कब तक खड़ी रह पाएगी कांग्रेस

    खरगे की मांग बनाम RSS: डर के साथ कब तक भारतीय राजनीति में कब तक खड़ी रह पाएगी कांग्रेस

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतहासिक जीत

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतिहासिक जीत

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    न्योमा यह भी साबित करता है कि भारत ने भविष्य की तैयारी को गंभीरता से लिया है।

    13,700 फीट की ऊंचाई पर भारत का गर्व: न्योमा एयरबेस सीमाओं की रक्षा, वायु शक्ति की नई उड़ान और राष्ट्र की अडिग सामरिक तैयारी का प्रतीक

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

    भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    तालिबान का ‘ग्रेटर अफ़ग़ानिस्तान’ नक्शा: लाहौर पर सार्वजनिक तमाचा, पाकिस्तान की सीमाएं और राजनीतिक कमजोरी बेनकाब

    न्योमा यह भी साबित करता है कि भारत ने भविष्य की तैयारी को गंभीरता से लिया है।

    13,700 फीट की ऊंचाई पर भारत का गर्व: न्योमा एयरबेस सीमाओं की रक्षा, वायु शक्ति की नई उड़ान और राष्ट्र की अडिग सामरिक तैयारी का प्रतीक

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु के रहस्य को सुलझाने में भारत की मदद करना चाहता है ताइवान

क्या अब पूरी तरह सुलझ जाएगी नेताजी की मृत्यु की गुत्थी?

Yashwant Singh द्वारा Yashwant Singh
24 January 2022
in चर्चित, ज्ञान
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु

Source- TFIPOST

Share on FacebookShare on X

अगर आप से एक सवाल पूछा जाए कि महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु कैसे हुई, तो आपका जवाब क्या होगा? सम्भवतः आप दो बातें बोलेंगे। पहली यह कि वो हवाई दुर्घटना में मारे गए, दूसरी बात यह कि वह मरे ही नहीं, बल्कि अज्ञात व्यक्ति की तरह जीवन बिताने लगे। खैर ये दोनों ही तर्क अधूरे हैं, क्योंकि इन तर्कों के पीछे कोई ठोस सबूत नहीं है। दोनों बातें सुनने में जैसी भी लगे, इनके पीछे ठोस सबूत का अभाव है।

विभिन्न दावों के अनुसार, अगस्त 1945 में विमान दुर्घटना के बाद नेताजी को ताइपे में सेना अस्पताल नानमोन शाखा ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह अस्पताल वर्तमान ताइपे सिटी अस्पताल की हेपिंग फुयू शाखा है। हादसे के बाद नेताजी के बारे में अब तक की जानकारी का बड़ा हिस्सा जापानी दावों और दस्तावेजों पर आधारित रहा है। जापान सरकार ने नेताजी से संबंधित दो फाइलों को सार्वजनिक कर दिया है और उनकी अस्थियों को टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में रखा है।

संबंधितपोस्ट

क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

संघ के 100 वर्ष: डॉ. हेडगेवार को भारत रत्न से सम्मानित कर शताब्दी समारोह को ख़ास बनाएगी मोदी सरकार ?

और लोड करें

और पढ़ें: 1946 की क्रांति को चित्रित कर भारत देगा आजादी के असली नायकों को न्याय

लेकिन इतने वर्ष बाद भी क्या नेता जी से जुड़ी बातों का सही उत्तर नहीं चाहिए? वर्तमान भारत सरकार तो सत्य को सिद्ध करने के पीछे पागल है! नेताजी को जो सम्मान मिलना चाहिए, वह सम्मान दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रतिबद्ध हैं। पीएम मोदी द्वारा रविवार शाम को इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करने से यह समझ आ जाना चाहिए कि भारतीय शासन नेताजी के प्रति कितना प्रतिबद्ध है। ऊपर से भारत सरकार ने सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती से 23 जनवरी को “पराक्रम दिवस” ​​के रूप में मनाने की घोषणा भी कर दी है।

इसी बीच ताइवान ने नेताजी की विरासत को “फिर से खोजने” के लिए अपने राष्ट्रीय अभिलेखागार और डेटाबेस को खोलने की पेशकश की है, जिससे सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु से जुड़ी गुत्थियों के सुलझने की संभावना प्रबल हो गई है। ताइवान 1940 के दशक में जापानी कब्जे में था, वह आखिरी देश था, जहां भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी को जीवित देखा गया था और आम सहमति यह है कि 1945 में एक विमान दुर्घटना में सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु हो गई थी।

ताइवान पूरी तरह से है तैयार

ताइपे इकोनॉमिक एंड कल्चरल सेंटर के डिप्टी रिप्रेजेंटेटिव मुमिन चेन ने दिल्ली में ताइवान दूतावास में फिक्की द्वारा आयोजित एक आभासी कार्यक्रम में कहा, “हमारे पास राष्ट्रीय अभिलेखागार और कई डेटाबेस हैं। हम भारतीय दोस्तों को नेताजी और उनकी विरासत के बारे में अधिक जानकारी फिर से खोजने में मदद कर सकते हैं, जिसका 1930, 1940 के दशक में ताइवान पर बहुत प्रभाव रहा है।”

ताइवान के उप दूत ने बताया, “बहुत से युवा इतिहासकार दक्षिण पूर्व एशिया के साथ शोध कर रहे हैं, यहां तक ​​कि भारत के साथ भी शोध कर रहे हैं। नेताजी और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन पर बहुत सारे ऐतिहासिक दस्तावेज और सबूत ताइवान में हैं। अभी बहुत कम भारतीय विद्वान इसके बारे में जानते हैं।” उन्होंने विस्तार से बताया, “ताइवान और भारत को इंडो-पैसिफिक के सामान्य इतिहास की फिर से जांच और खोज करनी चाहिए, क्योंकि हमारे (भारत-ताइवान) ऐतिहासिक संबंध रहे हैं”।

यह बताते हुए कि भारत और नेताजी के साथ ताइवान का ऐतिहासिक संबंध हैं, दिल्ली में राजनयिक ने कहा, “1940 के दशक में, चियांग काई-शेक ने अपनी डायरी में नेताजी के बारे में लिखा है। उन्होंने उनके लिए सहानुभूति महसूस की है। उनके दस्तावेजों से स्वतंत्रता के लिए जापानी लड़ाई में जापान का सहयोग करने का निर्णय समझ में आता है।”

चेन ने कहा, “1945 से पहले ताइवान एक जापानी उपनिवेश था, इसीलिए नेताजी ने 1943 में ताइवान पर कदम रखा और फिर 1945 में वे दूसरी बार ताइवान आए।” कहा जाता है कि चियांग काई शेक 1949 में चीन से ताइवान भाग आए और फिर 1975 में अपनी मृत्यु तक पूरी ताकत से ताइवान के द्वीप पर शासन किया। वह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेना को दिए गए मजबूत प्रतिरोध के लिए जाने जाते है।

और पढ़ें: वो सम्मान, जिसके बोस हकदार हैं- सुभाष चंद्र बोस की जयंती के साथ अब शुरु होगा गणतंत्र दिवस समारोह

क्यों इस गुत्थी को समझना जरूरी है?

दरअसल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस आम जननेता नहीं थे, वो कुछ कर गुजरने में विश्वास रखते थे। सुभाष चंद्र बोस ने भारत से ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने के लिए जापानी मदद मांगी थी और टोक्यो की मदद से इंडियन नेशनल आर्मी को खड़ा किया था। भारत को आजाद कराने के लिए नेताजी के संघर्ष का एक बड़ा हिस्सा अफगानिस्तान और बर्मा से लेकर ताइवान, जापान और सिंगापुर में दक्षिण पूर्व एशिया सहित चीन के सुदूर पूर्व तक विदेशी धरती पर था। उन्होंने महात्मा गांधी और नेहरू की तरह एक जगह बैठकर काम नहीं किया। बोस आग का भांति थे और उन्होंने अपने जीवन को एक सेनानी से ज्यादा एक युद्धनायक की तरह जिया।

एक दिन अचानक मालूम चलता है कि हादसे में वह नहीं रहे। उनपर फ़िल्म बन जा रही है, जो नाटकीय घटनाक्रम से उनको मृत दिखा रही है और राष्ट्र इसकी गुत्थी ना सुलझाए? यह भी हो सकता है कि कोई अन्य राष्ट्र नायक बनने के लिए दूसरे नायक को खत्म कर दे? यह सवाल है, किसी के मानने या न मानने से तथ्य नहीं बदलता और इसको खत्म करने का तरीका निष्पक्ष स्वतंत्र जांच है। यह तो राष्ट्र का दायित्व बनता है कि वह अपने नायकों से जुड़े सवालों का अंत करे।

भारत ने तीन बार की है कोशिश

ऐसा नहीं है कि भारत सरकार ने इस गुत्थी को सुलझाने के लिए सोचा नहीं है। भारत सरकार ने अभी तक तीन बार ऐसा किया है। भारत सरकार ने 1956 में शाह नवाज जांच समिति, 1974 में खोसला आयोग और 2005 में न्यायमूर्ति मुखर्जी जांच आयोग (JMCI) का गठन किया। पहले दो ने यह निष्कर्ष निकाला कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु एक सैन्य अस्पताल में हुई थी। 18 अगस्त, 1945 को ताइवान के ताइहोकू में, एक जापानी सैन्य विमान के टेक-ऑफ के दौरान दुर्घटना के परिणामस्वरूप उनकी मृत्यु हुई। उन दोनों दस्तावेजों ने यह भी निष्कर्ष निकाला कि टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में आज भी नश्वर अवशेष उन्हीं के हैं। लेकिन तीसरे रिपोर्ट ने सबकुछ बदलकर रख दिया।

जापान, रूस, ताइवान, थाईलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका की पांच साल से अधिक लंबी जांच और यात्रा के बाद, JMIC ने 8 नवंबर, 2005 की अपनी रिपोर्ट में निष्कर्ष यह निकाला कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु ऐसे नहीं हुई थी, जैसा बताया जा रहा है। 17 मई, 2006 को संसद में पेश किया गए रिपोर्ट में यह बताया गया कि नेताजी विमान दुर्घटना में नहीं मरे। जांच आयोग ने यह भी बताया कि ‘जापानी मंदिर में रखी हुई राख नेताजी की नहीं है’। न्यायमूर्ति मुखर्जी ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी और न ही दे सकते थे कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु किसी अन्य स्थान पर हुई या कब और कैसे हुई। उन्होंने बस इतना ही निष्कर्ष निकाला कि ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस मर चुके हैं’ लेकिन वैसे नहीं, जैसे बताया जाता है।’

और पढ़ें: मोदी सरकार ने किया नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद, दिया वो सम्मान जिसके वो हकदार हैं

तत्कालीन सरकार को JMIC रिपोर्ट की जांच करने पर मूलभूत त्रुटियों का पता चला, जिसके आधार पर उसने JMIC के निष्कर्षों को खारिज कर दिया। केंद्र सरकार द्वारा 7 अगस्त, 2006 को ताइवान में कोई हवाई दुर्घटना नहीं होने और इसलिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु नहीं होने के अपने निष्कर्ष के समर्थन में न्यायमूर्ति मुखर्जी द्वारा दिए गए तथाकथित साक्ष्य और प्रमुख तर्क विश्वसनीय नहीं लगे और सीधे यह मान लिया गया कि आयोग की रिपोर्ट गलत है।

मतलब साफ है कि सरकार की कोशिश करने पर भी सत्य का पता नहीं चला और आयोग के फैसलों को तुरंत चुटकी बजाकर गलत ठहरा दिया गया। अब ताइवान के मदद से हो सकता है कि JMIC की रिपोर्ट पर स्थिति और स्पष्ट हो या फिर ये भी हो सकता है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु की गुत्थी पूरी तरह से सुलझ जाए!0

Tags: ताइवाननेताजीमोदी सरकारसुभाष चंद्र बोस
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

जम्मू-कश्मीर में ‘विकास की दिशा’ बदलने को तैयार है मोदी सरकार

अगली पोस्ट

मणिपुर में भाजपा का विकास मॉडल एक बार फिर पार्टी को दिलाएगा ‘विजय’

संबंधित पोस्ट

भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध
चर्चित

भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

3 November 2025

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, ISRO, ने एक बार फिर साबित कर दिया कि विज्ञान और तकनीक में भारत किसी से पीछे नहीं है। मार्च 2026...

न्योमा यह भी साबित करता है कि भारत ने भविष्य की तैयारी को गंभीरता से लिया है।
आयुध

13,700 फीट की ऊंचाई पर भारत का गर्व: न्योमा एयरबेस सीमाओं की रक्षा, वायु शक्ति की नई उड़ान और राष्ट्र की अडिग सामरिक तैयारी का प्रतीक

2 November 2025

भारत ने अपनी सीमाओं की रक्षा और उसकी सामरिक ताकत को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। पूर्वी लद्दाख के...

80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़
अर्थव्यवस्था

80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

1 November 2025

भारत-पाकिस्तान संबंध हमेशा तनाव और जटिलताओं से भरे रहे हैं, लेकिन हालिया जल-सैन्य रणनीति ने पाकिस्तान के लिए खेल बदल दिया है। सिंधु बेसिन पर...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

What Is The Reason Behind India’s Withdrawal from Tajikistan’s Ayni Air Base?

What Is The Reason Behind India’s Withdrawal from Tajikistan’s Ayni Air Base?

00:06:48

How Pakistan’s Navy Is Linked to the Global Meth Smuggling Network?

00:04:44

How Marya Shakil Whitewashed RJD’s Genocidal ‘Bhura Baal Saaf Karo’ Slogan?

00:07:12

Will India Finally Know The Truth About Netaji’s Death?

00:08:41

When Grief Met Greed: The Shocking Story of a Father & Bengaluru’s Bribe Chain

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited