• About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
TFI Official Merchandise
TFI English
TFI Global
शनिवार, जून 25, 2022
TFIPOST
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Teesta Setalvad

    Gujarat 2002 Scam– कैसे तीस्ता सीतलवाड़ ने अनेकों दंगा पीड़ित मुसलमानों को उल्लू बनाया

    MODI

    कभी भारत को दुत्कारने वाला Lancet अब उसी के भजन गा रहा है

    devendra fadnavis

    देवेंद्र फडणवीस की सत्ता में वापसी की संभावना से ही थर-थर कांप क्यों रहा है बॉलीवुड?

    devendra fadnavis

    ‘मैं देवेंद्र गंगाधरराव फडणवीस ईश्वर की..’ एक हफ्ते में मुख्यमंत्री बनने जा रहा है ‘स्वयंसेवक’

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    india america

    भारत-रूस नज़दीक क्या आए, अमेरिका तो दोबारा पाकिस्तान को पालने लगा

    Zomato acquires Blinkit

    Zomato ने 4,447 करोड़ में Blinkit का अधिग्रहण कर लिया

    Covid Rashan

    मुफ्त राशन योजना पर लग सकती है रोक, वित्त मंत्रालय ने गिनाए कई महत्वपूर्ण कारण

    lAC

    जो मलेशिया कभी विरोध करता था आज भारत का LCA तेजस लेने के लिए गिड़गिड़ा रहा है

    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    VIPINRAWAT

    पूर्व सीडीएस दिवंगत जनरल बिपिन रावत के दिमाग की उपज है ‘अग्निपथ योजना’

    CDS

    CDS की नियुक्ति के प्रावधान में पीएम मोदी ने जो बदलाव किए हैं, उसके मायने समझ लीजिए

    एमके-1 मिसाइल

    भारत की इस स्वदेशी मिसाइल से थर-थर कांप रहे हैं दुश्मन देश

    भारत और जापान

    जापान ने भारत के लिए खोल दिये अपने शस्त्रागार के द्वार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    india america

    भारत-रूस नज़दीक क्या आए, अमेरिका तो दोबारा पाकिस्तान को पालने लगा

    lAC

    जो मलेशिया कभी विरोध करता था आज भारत का LCA तेजस लेने के लिए गिड़गिड़ा रहा है

    MODI & PUTIN

    बीमा कंपनियों के प्रतिबंध के बावजूद भी रूस से तेल आयात कर रहा है भारत

    g20

    भारत करेगा जम्मू कश्मीर में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    mainpuri

    मैनपुरी के गणेशपुर गांव में खुदाई से मिले हथियार हिंदुओं की अत्याधुनिकता का प्रमाण देते हैं

    chaapekar

    गोंडया आला रे! चापेकर बंधु के शौर्य का कोई जवाब नही

    बीयर योगा

    ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाना अच्छी बात है लेकिन अब पश्चिमी शैली में ढलते जा रहा है योग

    saptrishi

    मानवता के मार्गदर्शक हैं भारत के महान 7 संत, जिन्हें कहा जाता है सप्तर्षि

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    Item Number

    आइटम नंबर – फिल्म उद्योग को लील रहा है यह ‘कैंसर’

    gangs Of Wasepur

    गैंग्स ऑफ वासेपुर– भारत की सबसे महत्वपूर्ण गैंगस्टर फिल्मों में से एक

    कार्तिक आर्यन करण जौहर

    कार्तिक आर्यन जैसे स्टार के लिए करण जौहर कौन है?

    karan jauhar

    करण जौहर, वापसी के बारे में भूल ही जाओ क्योंकि अब तुमसे न हो पाएगा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
TFIPOST
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Teesta Setalvad

    Gujarat 2002 Scam– कैसे तीस्ता सीतलवाड़ ने अनेकों दंगा पीड़ित मुसलमानों को उल्लू बनाया

    MODI

    कभी भारत को दुत्कारने वाला Lancet अब उसी के भजन गा रहा है

    devendra fadnavis

    देवेंद्र फडणवीस की सत्ता में वापसी की संभावना से ही थर-थर कांप क्यों रहा है बॉलीवुड?

    devendra fadnavis

    ‘मैं देवेंद्र गंगाधरराव फडणवीस ईश्वर की..’ एक हफ्ते में मुख्यमंत्री बनने जा रहा है ‘स्वयंसेवक’

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    india america

    भारत-रूस नज़दीक क्या आए, अमेरिका तो दोबारा पाकिस्तान को पालने लगा

    Zomato acquires Blinkit

    Zomato ने 4,447 करोड़ में Blinkit का अधिग्रहण कर लिया

    Covid Rashan

    मुफ्त राशन योजना पर लग सकती है रोक, वित्त मंत्रालय ने गिनाए कई महत्वपूर्ण कारण

    lAC

    जो मलेशिया कभी विरोध करता था आज भारत का LCA तेजस लेने के लिए गिड़गिड़ा रहा है

    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    VIPINRAWAT

    पूर्व सीडीएस दिवंगत जनरल बिपिन रावत के दिमाग की उपज है ‘अग्निपथ योजना’

    CDS

    CDS की नियुक्ति के प्रावधान में पीएम मोदी ने जो बदलाव किए हैं, उसके मायने समझ लीजिए

    एमके-1 मिसाइल

    भारत की इस स्वदेशी मिसाइल से थर-थर कांप रहे हैं दुश्मन देश

    भारत और जापान

    जापान ने भारत के लिए खोल दिये अपने शस्त्रागार के द्वार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    india america

    भारत-रूस नज़दीक क्या आए, अमेरिका तो दोबारा पाकिस्तान को पालने लगा

    lAC

    जो मलेशिया कभी विरोध करता था आज भारत का LCA तेजस लेने के लिए गिड़गिड़ा रहा है

    MODI & PUTIN

    बीमा कंपनियों के प्रतिबंध के बावजूद भी रूस से तेल आयात कर रहा है भारत

    g20

    भारत करेगा जम्मू कश्मीर में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    mainpuri

    मैनपुरी के गणेशपुर गांव में खुदाई से मिले हथियार हिंदुओं की अत्याधुनिकता का प्रमाण देते हैं

    chaapekar

    गोंडया आला रे! चापेकर बंधु के शौर्य का कोई जवाब नही

    बीयर योगा

    ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाना अच्छी बात है लेकिन अब पश्चिमी शैली में ढलते जा रहा है योग

    saptrishi

    मानवता के मार्गदर्शक हैं भारत के महान 7 संत, जिन्हें कहा जाता है सप्तर्षि

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    Item Number

    आइटम नंबर – फिल्म उद्योग को लील रहा है यह ‘कैंसर’

    gangs Of Wasepur

    गैंग्स ऑफ वासेपुर– भारत की सबसे महत्वपूर्ण गैंगस्टर फिल्मों में से एक

    कार्तिक आर्यन करण जौहर

    कार्तिक आर्यन जैसे स्टार के लिए करण जौहर कौन है?

    karan jauhar

    करण जौहर, वापसी के बारे में भूल ही जाओ क्योंकि अब तुमसे न हो पाएगा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
TFIPOST
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें

भारत की स्वतंत्रता की वास्तविक कहानी- अध्याय 4: दांडी मार्च का अनसुना सत्य, जिसे आप नहीं जानते

ऐसा स्कैम और कहीं नहीं!

Animesh Pandey
द्वारा Animesh Pandey
19 जनवरी 2022
in इतिहास
0
दांडी यात्रा

Source- TFI

970
व्यूज़
Share on FacebookShare on Twitter

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अनेक महत्वपूर्ण अध्याय हैं, लेकिन उनमें सबसे प्रमुख अध्याय निस्संदेह दांडी यात्रा (12 मार्च 1930 – 6 अप्रैल 1930) का है। आज भी कई वामपंथी इतिहासकार मोहनदास करमचंद गांधी की तारीफ करते नहीं थकते कि कैसे उन्होंने नमक उठाकर ब्रिटिश साम्राज्य को घुटने टेकने पर विवश कर दिया। लेकिन दांडी यात्रा के पीछे कुछ ऐसे सत्य हैं, जिनसे आज भी देश अपरिचित हैं और आज भी लोग एक अनावश्यक यात्रा को स्वतंत्रता आंदोलन का अभिन्न अंग मानते हैं, जिसने भारत को लाभ के बजाए केवल हानि पहुंचाई।

इस कथा की उत्पत्ति होती है नमक कर से, जो ब्रिटिश शासन ने भारतीयों पर लगाया था। उनके अनुसार भारतीयों को यदि नमक का उत्पादन करना है, तो उन्हे अंग्रेज़ों को भारी मात्रा में कर यानि टैक्स चुकाना होगा, अन्यथा नमक उत्पादन किसी अपराध से कम नहीं होगा। इसके विरोध में महात्मा गांधी ने साबरमती में स्थित अपने आश्रम से लेकर गुजरात में दांडी के तट तक यात्रा की, जहां पर उन्होंने समुद्र के खारे पानी से नमक बनाया और यहीं से सविनय अवज्ञा आंदोलन की नींव पड़ी। गांधी एक बार फिर राष्ट्रीय चर्चा का केंद्र बन गए और लोग मानो ‘उनका नाम जपने लगे’।

और पढ़ें: भारत की स्वतंत्रता की असल गाथा: अध्याय-1- कांग्रेस की स्थापना क्यों की गई थी?

साइमन कमीशन का विरोध

लेकिन क्या दांडी यात्रा सच में इतना महत्वपूर्ण था या इसके पीछे कोई और कारण था? पिछले अध्याय में हमने पढ़ा था कि कैसे पूर्ण स्वराज कांग्रेस का मूल सिद्धांत नहीं था, परंतु कैसे जन समर्थन के भारी दबाव में उन्हें इसे अपनाने पर विवश होना पड़ा। इसी प्रकार से दांडी यात्रा कोई राष्ट्रव्यापी आंदोलन नहीं था, परंतु गांधी को वापस लाइमलाइट में लाने और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की दिशा बदलने में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिससे एक बार फिर देश की स्वतंत्रता में बाधा आने वाली थी।

वो कैसे? ये बात है सन् 1928 की, जब साइमन कमीशन का दल भारत आया था। तब कांग्रेस को पूर्ण स्वराज में कोई रुचि नहीं थी और वे ‘Dominion Status’ की भीख में ही प्रसन्न रहना चाहते थे, लेकिन एक विरोध प्रदर्शन ने पूरा खेल बदल दिया। पूर्व कांग्रेस नेता और प्रखर राष्ट्रवादी, ‘पंजाब केसरी’ लाला लाजपत राय अग्रवाल के नेतृत्व में लाहौर स्टेशन के समक्ष साइमन कमीशन के दल का भारी विरोध हुआ, जिसमें कांग्रेस, हिन्दू महासभा समेत हर दल से लोग एकजुट हुए थे।

ये विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होकर भी इतना तीव्र और प्रचंड था कि अंग्रेज़ बौखला गए और उन्होंने अंधाधुंध लाठियां बरसानी प्रारंभ कर दी। तत्कालीन एसपी जेम्स ए स्कॉट और उनके सहयोगी जॉन पी सॉन्डर्स ने लालाजी को घेरकर इतना पीटा, इतना पीटा कि वे लहू लुहान हो गए। लाला लाजपत राय इस आघात से उबर नहीं पाए और 17 नवंबर 1928 को उन्होंने अंतिम सांस ली। परंतु उनके बलिदान ने क्रांति की एक ऐसी ज्योति जलाई, जिसने देश का इतिहास ही बदलकर रख दिया।

और पढ़ें: लाला लाजपत राय: वो वीर पुरुष जिनके बलिदान ने स्वतंत्रता आंदोलन की दिशा ही बदल दी!

‘पंजाब केसरी’ की हत्या का प्रतिशोध

फिर आया दिसंबर 1928। इस माह में दो दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं – 17 दिसंबर और 29 दिसंबर। 17 दिसंबर को लाला लाजपत राय की हत्या का प्रतिशोध अवश्य लिया गया, परंतु वह तनिक अधूरा था, क्योंकि मुख्य अपराधी स्कॉट के बजाए एएसपी सॉन्डर्स क्रांतिकारी शिवराम हरी राजगुरु और भगत सिंह के हाथों मारा गया था। उसे बचाने के चक्कर में हवलदार चनन सिंह को चंद्रशेखर आज़ाद ने अपने पिस्तौल के एक वार से ढेर कर दिया था। उसके बाद ये तीनों क्रांतिकारी वेश बदलकर सकुशल लाहौर से कलकत्ता स्थानांतरित हो गए और कुछ दिन के पश्चात चंद्रशेखर आजाद और राजगुरु ने वाराणसी (बनारस) में शरण ले ली।

इसी बीच 28-29 दिसंबर 1928 को कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में वेश बदलकर भगत सिंह ने भी हिस्सा लिया। परंतु इस अधिवेशन में इतना क्या महत्वपूर्ण था? इस अधिवेशन की मेजबानी कर रहे थे एक युवा नेता, जिनका नाम था सुभाष चंद्र बोस। उन्होंने कांग्रेस के सेवादल को पारंपरिक पोशाक पहनाने के बजाए अंग्रेज़ी सैन्य परिधान पहनाया और सैन्य शक्ति प्रदर्शन भी कराया। अंग्रेज़ इस प्रदर्शन से स्तब्ध हुए, जबकि महात्मा गांधी ने इसका उपहास उड़ाते हुए इसे ‘सर्कस का बचकाना करतब’ बताया, जिसका उल्लेख हंसल मेहता द्वारा रचित वेब सीरीज़ ‘बोस – डेड ऑर अलाइव’ में बड़ी तत्परता से किया गया है।

और पढ़ें: अध्याय 2: भारतीय स्वतंत्रता की वास्तविक कहानी: मोहनदास करमचंद गांधी वास्तव में भारत क्यों लौटे?

लेकिन सुभाष चंद्र बोस द्वारा उस प्रदर्शन का एक विशेष उद्देश्य था। वो कांग्रेस के तौर तरीकों से पूर्णतया सहमत नहीं थे। बोस जानते थे कि सशस्त्र क्रांति के बिना भारत को स्वतंत्रता कदापि नहीं मिलेगी और इसीलिए उन्होंने ‘Bengal Volunteers’ नामक एक दल तैयार किया। इस दल ने न केवल विभिन्न क्रांतिकारी आंदोलनों में भाग लिया, अपितु इसी दल ने आगे चलकर सुभाष चंद्र बोस के बहुप्रतिष्ठित आज़ाद हिन्द फ़ौज की नींव भी रखी। इसी में एक स्वयंसेवक थे यतीन्द्रनाथ दास, जो बाद में जाकर भगत सिंह के हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का अभिन्न अंग बने और 63 दिन तक आमरण अनशन कर, उन्होंने गांधी को उन्हीं के अस्त्र से चारों खाने चित्त भी किया।

परंतु बात यहीं तक सीमित नहीं रही। इसी ‘Bengal Volunteers’ ने 1930 के चटगांव क्रांति को भी बढ़ावा दिया। क्या आप सोच सकते हैं कि एक स्कूल मास्टर और कुछ बच्चे एक पूरे शहर को अंग्रेज़ों के शासन से लगभग एक हफ्ते तक मुक्त रख सकते हैं? परंतु ऐसा हुआ था, जिसके बारे में काफी कम लोग जानते हैं और वामपंथी इतिहासकारों ने भी दांडी यात्रा के आगे इसे दफन कर दिया। ऐसे में यह सिद्ध होता है कि दांडी यात्रा तो केवल बहाना था, असल में गांधी को सुर्खियों में वापस लाना था!

दांडी यात्रा ने हर तरह से देश को नुकसान पहुंचाया

दरअसल, 1929 के अंत तक भगत सिंह के क्रांतिकारी दल और गांधी के अनुयायियों में मानो एक प्रतियोगिता हो रही थी। कहीं न कहीं अंग्रेज़ों को भी आभास हो रहा था कि भगत सिंह के विचार गांधी से अधिक लोकप्रिय बन चुके हैं और लोकप्रियता में तो वो गांधी को भी पीछे छोड़ चुके थे। ऐसे में अंग्रेज अपने ‘प्रिय सेवक’ को लाइमलाइट से पीछे कैसे हटने देते?

यदि हम आपसे कहें कि फाइजर की भांति अंग्रेज़ों और उनके चाटुकारों ने एक कुत्सित रीति को बढ़ावा दिया, जिसका दुष्परिणाम हम आज तक भुगत रहे हैं, तो आप भी कहोगे – पागल हो क्या? परंतु दांडी यात्रा का एक कड़वा सत्य यह भी है – भारत को आयोडीन युक्त नमक पर अतिनिर्भर बना देना, जिसमें कहीं न कहीं महात्मा गांधी का भी महत्वपूर्ण योगदान था। आज भारत को समय-समय पर नीचा दिखाने वाले न्यू यॉर्क टाइम्स ने एक समय स्वयं इस बात को स्वीकारा था कि गांधीवादी इस बात को लेकर बहस करते थे कि क्या उनके कारण भारत में आयोडीन युक्त नमक को बढ़ावा दिया गया।

परंतु आयोडीन युक्त नमक से समस्या क्या है? हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती, वैसे ही हर ‘औषधि’ गुणकारी नहीं होती। प्रत्यक्ष रूप से न सही पर अप्रत्यक्ष रूप से गांधी ने वही किया, जिसका अन्य स्वदेशी आंदोलनकारी विरोध करते आए थे, वो था विदेशी वस्तुओं को शालीनता से सजाकर प्रस्तुत करना। स्वदेशी तो मात्र छलावा था, अंग्रेज़ों के हितों को पूरा जो करना था। आज आयोडीन पर अत्यधिक निर्भरता के कारण हम कई ऐसे बीमारियों से ग्रसित हैं, जिनसे हमारा दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था। दांडी यात्रा ने राजनीतिक रूप से देश को भ्रमित तो किया ही, संस्कृति और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी देश को काफी नुकसान पहुंचाया।

और पढ़ें: भारत की स्वतंत्रता की असल गाथा- अध्याय 3: क्यों और कब कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज को अपने मूल सिद्धांत के रूप में अपनाया?

Tags: कांग्रेसदांडी मार्चभगत सिंहमहात्मा गाँधीसुभाष चंद्र बोस
शेयर173ट्वीटभेजिए

पिछली पोस्ट

भारत की स्वतंत्रता की वास्तविक कहानी- अध्याय 3: क्यों और कब कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज को अपने मूल सिद्धांत के रूप में अपनाया?

अगली पोस्ट

DD बना ताइवान समर्थक देशों की सबसे बड़ी आवाज, तो चीन तिलमिलाया

Animesh Pandey

Animesh Pandey

Lead Editor, TFI Media Vidyarthi of History, Cinema Buff, Akhand Bharat Parmo Dharma

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

  • सर्वाधिक पढ़े गए
  • टिप्पणियाँ
  • नवीनतम
“धौंसिये को औकात बता दी”, अजय देवगन ने करण जौहर की दादागिरी उतार उसे माफी मांगने पर मजबूर कर दिया

“धौंसिये को औकात बता दी”, अजय देवगन ने करण जौहर की दादागिरी उतार उसे माफी मांगने पर मजबूर कर दिया

24 जून 2020
चीन, ऑस्ट्रेलिया,

‘जांच तो होकर रहेगी, चाहे जितना रो लो’, ऑस्ट्रेलिया ने ड्रैगन को उसी की भाषा में मजा चखा दिया

29 अप्रैल 2020
G7

दुनिया के 7 बड़े देश एक बात पर हुए सहमत – हम सब चीन के खिलाफ हैं

18 अप्रैल 2020
जापान, चीन

‘हमारी जल सीमा से तुरंत निकल लो’, East China Sea में घुसपैठ करने जा रहे चीनियों को जापानी नौसेना ने खदेड़ा

10 मई 2020
रवीश कुमार

यदि रवीश कुमार मेरे सवालों का ठीक ठीक उत्तर दे दें, तो मैं लिखना छोड़ दूंगा

सरकारी बैंक

प्रिय बैंक कर्मचारियों, अपनी हड़ताल जारी रखें, PSB का निजीकरण होकर रहेगा

संदीप मिश्रा

अखबार के एक मैट्रिमोनियल कॉलम से शुरू हुई प्रेम और देश प्रेम की कहानी

संजय झा

यक्ष – संजय झा संवाद: ऐसे प्रश्न और ऐसे उत्तर जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे

Teesta Setalvad

Gujarat 2002 Scam– कैसे तीस्ता सीतलवाड़ ने अनेकों दंगा पीड़ित मुसलमानों को उल्लू बनाया

25 जून 2022
mainpuri

मैनपुरी के गणेशपुर गांव में खुदाई से मिले हथियार हिंदुओं की अत्याधुनिकता का प्रमाण देते हैं

25 जून 2022
india america

भारत-रूस नज़दीक क्या आए, अमेरिका तो दोबारा पाकिस्तान को पालने लगा

25 जून 2022
Amit Shah

‘भगवान शंकर की तरह 19 साल तक मोदी ने विषपान किया’, शाह ने पहली बार सबकुछ बताया

25 जून 2022

इस सप्ताह लोकप्रिय

Shopping Mall culture is losing its sheen in India
प्रीमियम

भारत के शॉपिंग मॉल ‘डेड मॉल’ या ‘जॉम्बी मॉल’ क्यों बन रहे हैं?

द्वारा Chaman Kumar Mishra
19 जून 2022
PARLE-g
प्रीमियम

एक या दो दशक में Parle-G बिस्किट का उत्पादन बंद करने पर विवश हो जाएगी पारले कंपनी

द्वारा Chaman Kumar Mishra
22 जून 2022
फ्लिपकार्ट
चर्चित

कभी भारत में फ्लिपकार्ट की बोलती थी तूती, अब चीन की गोद में जा बैठा

द्वारा Deeksha Sharma
16 जून 2022
ललितादित्य
प्रीमियम

भारत के अवेन्जर्स– जिन्होंने अरबी आक्रान्ताओं को 313 वर्ष भारतवर्ष में घुसने तक नहीं दिया

द्वारा Animesh Pandey
18 जून 2022
RuPay in France
चर्चित

पूरी दुनिया में बज रहा है भारत के RuPay का डंका, अब फ्रांस ने भी जताया भरोसा

द्वारा Aniket Raj
17 जून 2022

©2022 TFI Media Private Limited

  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFI Official Merchandise
TFI English
TFI Global
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships

©2022 TFI Media Private Limited

Follow us on Twitter

and never miss an insightful take by the TFIPOST team

Follow @tfipost_in