मुख्य बिंदु
- जकार्ता की जगह अब नुसंतारा होगी इंडोनेशिया की नई राजधानी
- इंडोनेशिया की संसद में राष्ट्रीय राजधानी बिल को मंजूरी दी गई
- इंडोनेशिया की नई राजधानी नुसंतारा का ऐतिहासिक जुड़ाव भारत और विशेषकर हिन्दू धर्म से रहा है
- नई राजधानी को कम कार्बन वाले ‘सुपर हब’ के तौर पर तैयार करेगा इंडोनेशिया
भारत और इंडोनेशिया दोनों पड़ोसी देश हैं। भारत के इतिहास में एक अभिन्न भूमिका निभाने वाले देश इंडोनेशिया अब एक नया इतिहास रचने जा रहा है। इंडोनेशिया अपनी राजधानी को स्थानांतरित करने का निर्णय ले चुका है,अर्थात अब जकार्ता इंडोनेशिया की राजधानी नहीं होगी। इंडोनेशिया की संसद ने देश की नई राजधानी बनाने वाले कानून को मंजूरी दे दी है। दरअसल, यहां की मौजूदा राजधानी जकार्ता के डूबने का खतरा बढ़ गया है। साथ ही, यह शहर काफी प्रदूषित हो चुका है। वहीं, अब पूर्वी कालीमंतन प्रांत का एक शहर जिसे ‘नुसंतारा’ कहा जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘द्वीपसमूह’ है वह अब इंडोनेशिया की नई राजधानी बन गया है। बीते मंगलवार को ही इंडोनेशिया की संसद में राष्ट्रीय राजधानी बिल को मंजूरी दी गई।
बिल में कहा गया है कि राजधानी परिवर्तित होने के बाद पहली प्राथमिकता यह होगी कि नुसंतारा आर्थिक रूप से पूरे देश यानी इंडोनशिया की चालक बने। इसके साथ ही नुसंतारा अपने देश का ऐसा प्रतीक बने जो राष्ट्रीय पहचान को एकात्म रूप से प्रदर्शित कर पाए और नुसंतारा राष्ट्र की विविधता का प्रतिनिधित्व भी कर सके।
इंडोनेशिया की राजधानी हुई स्थानांतरित
किसी भी देश के लिए उसका पहला प्रतिबिम्ब उसकी राजधानी ही होती है। राजधानी स्थानांतरित करने का निर्णय लेना आम बात नहीं होती। भौगोलिक स्थितियों और आर्थिक महत्वकांक्षाओं पर टिकी देश की नींव को राजधानी ही प्रदर्शित करती है। ऐसे में जब कोई क्षेत्र इसकी पूर्ति नहीं कर पाता तब नई राजधानी की तलाश आरंभ होती है। बीते कुछ दिनों में पूर्व, इंडोनेशियाई सरकार ने जकार्ता में बैठक की, जिसमें कई बिंदुओं पर सिलसिलेवार बातचीत हुई। जकार्ता में बढ़ती भीड़भाड़, पानी से उत्पन्न होती अस्थिरता की आशंका और व्यापक आर्थिक गतिविधियों की पूर्ति न होने से लेकर बुनियादी ढांचे में आ रही कमी बैठक में उठे सर्वाधिक बिंदुओं में से एक थे।
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जाहिर-सी बात है कि जब एक क्षेत्र में वो भी देश की राजधानी में इतने Loopholes अर्थात कमियां होंगी, निश्चित ही वह देश और उसका बुनियादी ढांचा लचर अवस्था में पहुँच जाएगा। इसी कारण से पिछले काफी समय से नई राजधानी बनाने की मांग उठ रही थी, जिसपर अंततः मुहर लग गई है। यूँ तो वर्ष 2019 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने घोषणा कर दी थी कि इंडोनेशिया की राजधानी को जकार्ता से स्थानांतरित किया जाएगा, परन्तु उसके कुछ अंतराल बाद ही कोरोना ने दस्तक दे दी जिसके कारण यह कार्य विलंब हो गया।
नुसंतारा का रहा है भारत और हिन्दू धर्म से ऐतिहासिक जुड़ाव
ज्ञात हो कि मुस्लिम बाहुल्य देश इंडोनेशिया की नई राजधानी नुसंतारा का ऐतिहासिक जुड़ाव भारत और विशेषकर हिन्दू धर्म से रहा है। यहां करीब 30 लाख से अधिक हिंदू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। इंडोनेशिया में स्थित हिंदू मंदिर बेहद आकर्षक होते हैं और ये दुनिया के पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। बता दें कि इंडोनेशिया का राष्ट्रीय प्रतीक गरुड़ है। वहीं, हिंदू पौराणिक कथाओं में गरुड़ सम्मान का प्रतीक है।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि नुसंतारा का नाम 14वीं शताब्दी की एक कहानी से मिलता है। इस द्वीप ने 14वीं सदी में जावा द्वीप पर शासन करने वाले मजापहित साम्राज्य के दौर में आकार लिया था। वहीं, ऐसा माना जाता है कि मजापहित साम्राज्य के प्रमुख गजह माडा और उनके हिंदू शासक हयाम वुरुक ने शपथ ली थी कि जब तक वह नुसंतारा जीतते नहीं हैं, तब तक वह कोई मसाला नहीं खाएंगे और बाद में उन्हें इसमें सफलता भी मिली। गजह माडा इंडोनेशिया के एक राष्ट्रीय नायक हैं, जिनके कारनामे सदियों बाद इंडोनेशिया के स्वतंत्रता संग्राम में प्रेरणादायक बने।
वहीं, राजधानी बनने के तुरंत बाद ही किस तरह से नुसंतारा की विकसित किया जाएगा, उसका प्रारूप भी वर्ष 2019 में राष्ट्रपति जोको विडोडो ने पहली बार रखे प्रस्ताव में दे दिया था। नई राजधानी को विकसित करने की लागत $33 बिलियन होने का अनुमान है। अब इंडोनेशिया ने नई राजधानी के विकास को गति में स्थापित करने के लिए एक कानून भी पारित किया है, जो 2024 की पहली तिमाही तक समाप्त हो जाएगा।
‘सुपर हब’ के रूप में विकसित होगी नई राजधानी
यह तो सर्वविदित है कि हर चीज़ के दो पहलु होते हैं। यहां जानकार और आलोचक नई राजधानी नुसंतारा को बनाने के अपने-अपने आधार, तथ्य और दलीलें दे रहे हैं। आलोचकों का तर्क है कि पूर्वी कालीमंतन में नए शहर के निर्माण से ताड़-तेल के बागानों का विस्तार होगा। वहीं, बोर्नियो के स्वदेशी लोगों का कहना है कि इस कदम से उनके पर्यावरण और संस्कृति को खतरा हो सकता है। उनका यह भी तर्क है कि नया नाम भ्रमित करने वाला हो सकता है क्योंकि नुसंतारा एक पुराना जावानीस शब्द है, जिसका इस्तेमाल द्वीपसमूह राष्ट्र को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
बता दें कि नुसंतारा के राजधानी बनने पर अनुमानित 466 ट्रिलियन रुपये या 32.4 बिलियन अमरीकी डालर का खर्च आएगा और इसका सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक होने का अनुमान है। इंडोनेशियाई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नई राजधानी को सरकार कम कार्बन वाले ‘सुपर हब’ के तौर पर तैयार करेगी, जो फार्मास्युटिकल, हेल्थ और टेक्नोलॉजी क्षेत्रों के उत्थान में सहयक बनेगा। नई राजधानी नुसंतारा का नेतृत्व एक चीफ अथॉरिटी करेगा, जिसका पद एक मंत्री के बराबर होगा। ऐसे में, विकास और पुनरुत्थान के बीच आ रही बातों से हटकर नई राजधानी नुसंतारा किस अस्तित्व को आत्मसात करती है, उसे जानने और धरातल पर दिखने में समय शेष है। अंततः सब कुशल रहे यही किसी भी देश के नागरिक का अपने राष्ट्र के प्रति उद्देश्य रहता है।