मुख्य बिंदु
- कांडला-गोरखपुर LPG पाइपलाइन दुनिया की सबसे लंबी ऐसी पाइपलाइनों में से एक है, जो पूर्वी भारत को पश्चिमी तट से जड़ेगी
- इस LPG पाइपलाइन का फैलाव क्षेत्र गुजरात में 1,063 किमी, मध्य प्रदेश में 611 किमी और यूपी में 1,083 किमी है
- लंबी दूरी परिवहन हेतु यह LPG पाइपलाइन सुरक्षित, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल है
- कांडला-गोरखपुर LPG पाइपलाइन परियोजना की समय सीमा दिसंबर, 2022 है
भारत को ऊर्जा महाशक्ति बनाने के लिए केंद्र सरकार जी जान से जुटी हुई है। इसी क्रम में भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी 2019 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान कांडला-गोरखपुर LPG पाइपलाइन की आधारशिला रखी गई थी। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल श्री राम नाईक, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कांडला-गोरखपुर LPG पाइपलाइन (KGPL) को तीन PSU तेल विपणन कंपनियों (OMC) के एक संघ द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। जिसमें इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के 50% शेयर के साथ भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के 25%-25% शेयर हैं। इस परियोजना की समय सीमा दिसंबर, 2022 है।
KGLP होगी दुनिया की सबसे लम्बी पाइपलाइन
2,757 किमी क्रॉस-कंट्री LPG पाइपलाइन को दुनिया की सबसे लंबी ऐसी पाइपलाइनों में से एक माना गया है, जो पूर्वी भारत को पश्चिमी तट से जोड़ती है। इसका फैलाव क्षेत्र गुजरात में 1,063 किमी, मध्य प्रदेश में 611 किमी और यूपी में 1,083 किमी है। 9,000 करोड़ रुपये के निवेश से बन रहा यह पाइपलाइन कांडला, दहेज और पिपावाव के तीन LPG आयात टर्मिनलों और कोयाली और बीना में बनी दो रिफाइनरियों से अपने उत्पाद हेतु संसाधन लेंगी। इसके बाद इसे फीडर लाइनों और शाखा पाइपलाइनों के माध्यम से गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में OMC के LPG बॉटलिंग संयंत्रों में पहुँचाया जायेगा।
KGPL (कांडला-गोरखपुर पाइपलाइन) गुजरात (3), मध्य प्रदेश (6) और यूपी (13) को मिलाकर कुल 22 LPG बॉटलिंग संयंत्रों से सीधे LPG की आपूर्ति करेगी। इसके अलावा यह पाइपलाइन राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और यूपी में अन्य 21 LPG बॉटलिंग संयंत्रों को सड़क-ब्रिजिंग के माध्यम से LPG की आपूर्ति करेगी। एक बार पूरा हो जाने पर यह एकल पाइपलाइन LPG के 8.5 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) का परिवहन करेगी, जो भारत की कुल LPG मांग का लगभग 25% है। इस तरह, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में लगभग 34 करोड़ लोग LPG की निर्बाध आपूर्ति से सीधे लाभान्वित होंगे।
भारत के ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति लाएगी यह पाइपलाइन
उत्तर प्रदेश में स्थापित इस कांडला-गोरखपुर पाइपलाइन के 1,083 किलोमीटर का हिस्सा कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, लखनऊ और गोरखपुर में इंडियन ऑयल के LPG बॉटलिंग संयंत्रों को सीधी आपूर्ति प्रदान करेगा। इतना ही नहीं झांसी, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद और गोरखपुर में BPCL (भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के बॉटलिंग संयंत्रों के अलावा उन्नाव, वाराणसी और गोरखपुर में स्थापित HPCL ( हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के बॉटलिंग संयंत्रों को भी आपूर्ति करेगा।
यह पाइपलाइन यूपी के शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, काशीपुर, लखीमपुर खीरी, सलीमपुर, बरेली, सुल्तानपुर में स्थित 9 LPG बॉटलिंग संयंत्रों के साथ-साथ गोंडा में स्थापित इसी तरह के दो संयंत्रों को रोड ब्रिजिंग के माध्यम से थोक LPG की आपूर्ति भी करेगी। LPG बुलेट ट्रकों के माध्यम से सड़क मार्ग परिवहन के बजाय राज्यों में स्थापित लंबी दूरी पाइपलाइन सिस्टम के माध्यम से थोक LPG की इस तरह की आवाजाही के फलस्वरूप मुख्य सड़कों पर भीड़भाड़ में भी काफी कमी आएगी, जिससे यात्री वाहनों की आवाजाही के लिए सड़कें सुरक्षित हो जाएंगी।
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ऐसे में, स्वच्छ ऊर्जा के लंबी दूरी परिवहन हेतु LPG पाइपलाइन सुरक्षित, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल साधन है, जो भारत को ऊर्जा संकट से उबरेगी। प्राकृतिक आपदाओं, सड़क अवरोधों आदि के बावजूद भी उत्पाद निर्बाध रूप से गंतव्य तक पहुंचते हैं। पाइपलाइन के माध्यम से LPG का परिवहन करने से, परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में नगण्य पर्यावरणीय प्रभाव और कम ऊर्जा खपत के साथ-साथ कम परिवहन नुकसान भी होगा। परिचालन लागत भी बहुत कम होगी, जिसके परिणामस्वरूप कम परिवहन समयावधि में समग्र ऊर्जा अर्थव्यवस्था का निर्माण होगा।