TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

सिखों का एक बड़ा वर्ग क्यों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से घृणा करता है?

यह घृणा पूर्वाग्रह जनित तो नहीं!

TFI Desk द्वारा TFI Desk
11 January 2022
in चर्चित
सिख मोदी

Source- Google

Share on FacebookShare on X

आलोचना और घृणा में मूलभूत अंतर होता है। आलोचना उन्नति जनित होती है, जबकि घृणा पूर्वाग्रह जनित। आपकी आलोचना आपको परिस्कृत करती है, जबकि घृणा आपको खा जाती है। आप सोंच रहे होंगे कि राजनीतिशास्त्र के इस विषय में हम दर्शनशास्त्र की बातें क्यों कर रहें है? ऐसा इसलिए क्योंकि राजनीतिशास्त्र की इस समस्या का हल दर्शनशास्त्र के पास ही है। आजकल, भारत के राजनीतिक पटल पर एक अत्यंत विकट और वृहद समस्या का जन्म हुआ है। समस्या ये है कि आखिर क्या कारण है, जो सिख समुदाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना नहीं, बल्कि उनसे घृणा करने लगा है? आखिर क्या कारण है, जो सिख समुदाय ये भूल चुका है कि उनका उद्गम स्रोत सत्य सनातन ही है, जिसकी रक्षा हेतु अनेकों गुरुओं और बंदों ने अपना रक्त बहाया और ये भूल गए है कि किसने बहाया, किसलिए बहाया?

पाठकों को बिना लाग लपेट के हम यह स्पष्ट कर दें कि TFI आज भी कृषि कानून के पक्ष में है और हमें पूरा विश्वास है कि आज नहीं तो कल कृषक हितैषी ये कानून लागू होकर रहेगा। दूसरी चीज़ जो हम अपने पाठकों को स्पष्ट करना चाहते है वो यह है  कि ये कोई किसान आंदोलन नहीं बल्कि “जाट और जट्ट” जमींदार आंदोलन था। भारत की 63 प्रतिशत आबादी, करीब 15 करोड़ परिवार और कुल आधे राज्य कृषि पर आश्रित हैं। स्वयं चिंतन करिए कि कितने राज्यों और किसानों ने इस तथाकथित किसान आंदोलन में भाग लिया। खैर, बाद में यह जमींदार आंदोलन से खलिस्तान आंदोलन में परिवर्तित हो गया।

संबंधितपोस्ट

भारत विरोधियों की शरणस्थली बनता जा रहा लंदन, गांधी जयंती से पहले खालिस्तानी उपद्रवियों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा तोड़ी, लिखा- ‘गांधी- मोदी आतंकवादी

कनाडा ने अब खुद माना ‘खालिस्तानी साजिशों’ को सच, क्या होगा असर?

‘न हिंदुत्व ना हिंदुस्तान, ये महायुद्ध…’ महाकुम्भ 2025 को लेकर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने फिर दी धमकी , जानें क्या है महाकुम्भ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

और लोड करें

अतः हरियाणा के जाटों ने इससे दूरी बना ली और पंजाब के प्रभावशाली शासक और उच्चवर्ग के किसान कानून विरोध की आड़ में खालिस्तानी ख्वाब देखने लगे। लाल किले के प्राचीर पर खालिस्तानी ध्वजारोहण हो या फिर सिंघू सीमा पर हुआ खूनी तांडव, दिल्ली में अराजकता फैलाने का सवाल हो या फिर खालिस्तानी संगठन द्वारा जनमत संग्रह कराने की घोषणा, सब इसी बात की परिचायक है कि वास्ताव में कृषि कानून पंजाब के जमींदार किसानों की बेड़ियों में बंधे शोषित किसानों के पुनरुद्धार का मंत्र था, जिसे पंजाब के “Elite Farmers” और ‘कनाडा किसानों’ ने खालिस्तान आंदोलन में परिवर्तित कर दिया।

और पढ़ें: खालिस्तानी समर्थक सिद्धू मूसेवाला को अब कांग्रेस का खुलकर समर्थन मिल रहा है

देश में फिर से सिर उठा रहा खालिस्तान

दरअसल, भारत के राजनीतिक पटल पर ऐसे प्रश्नों का उभरना स्वयं में इस बात का प्रमाण है कि सरकार के प्रति सिखों का प्रदर्शन उनके आलोचना का नहीं, बल्कि घृणा का प्रतीक था। अगर उनके विरोध और प्रदर्शन के तरीकों से भी आप यह नहीं समझ पा रहे हैं, तो इसका मतलब आपने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। शायद, इसीलिए आप यह नहीं देख पा रहे हैं कि 80 के दशक का खालिस्तान फिर से थोड़ा अलग ढ़ंग से अपना सर उठा रहा है। इस बार खालिस्तान ने अपने संगठनात्मक, संरचनात्मक और सैद्धांतिक रूप में परिवर्तन कर भारत की जनता को दिग्भ्रमित कर दिया है।

किसान यूनियन के आड़ में खालिस्तानियों ने इस बार संगठन की शक्ति प्राप्त कर ली है। सिद्धू, चन्नी, कांग्रेस और अकाली दल की आड़ में खालिस्तान ने इस बार राजनीतिक संरचना भी प्राप्त कर ली है! रही बात सिद्धांत की तो इस बार खालिस्तानी इसे किसान आंदोलन और संघवाद के रूप में लेकर आए हैं। इस कारण उन्हें जनता की सहानुभूति और समर्थन भी प्राप्त हो रहा है तथा भारत की अखंडता और संप्रभुता पर प्रहार करते इन लोगों पर सैन्य कारवाई भी नहीं हो सकती।

खालिस्तानियों पर नरसिम्हा राव ने चलाया था चाबुक

ऑपरेशन ब्लू स्टार, भिंडरवाले का उदय, इंदिरा गांधी की हत्या, 1984 के सिख दंगे, राजीव-लोंगेवाला समझौता, खलिस्तान का चरमोत्कर्ष और राजीव गांधी की मृत्यु जैसी ऐतिहासिक घटनाओं ने पंजाब में खलिस्तान समर्थित उग्रवाद को चरम पर ला दिया। स्थिति इतनी गंभीर हो गयी कि इन्दिरा गांधी की हत्या के बाद ब्लू स्टार में भाग लेने वाले सैन्य अधिकारी और पंजाब के DGP तक को गोली मार दी गयी थी। ऐसा लग रहा था, जैसे पंजाब देश से अलग हो जाएगा। यह देश की अखंडता और संप्रभुता पर सबसे बड़ा खतरा था। उस समय में राष्ट्र को इस प्रलय से निकालने के लिए दो राष्ट्र नायकों नें कमान संभाली थी, जो थे भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और केपीएस गिल।

प्रसिद्ध राजनीतिक पत्रकार प्रेम शंकर झा ने 2005 में आउटलुक पत्रिका में प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के लिए श्रद्धांजलि लेख लिखते हुए उद्दृत किया, “जब मैंने तत्कालीन कैबिनेट सचिव से पंजाब चुनाव को लेकर अपनी शंका व्यक्त की, तो उन्होंने मुझे बताया कि यह निर्णय केवल प्रधानमंत्री द्वारा लिया गया था जो पंजाब में एक चुनी हुई सरकार को स्थापित करने के लिए दृढ़ थे, चाहे मत प्रतिशत कितना भी संकीर्ण क्यों न हो! प्रधानमंत्री राव का मानना ​​​​था कि केवल लोकतन्त्र ही सिख आबादी से उग्रवादियों को अलग कर सकता है। राव की यह अंतर्दृष्टि भविष्यसूचक साबित हुई।“

और पढ़ें: जागो सरदारों जागो! समय आ गया है सिख ‘खालिस्तानी तत्वों’ का बहिष्कार करें

केपीएस गिल का बेहतरीन नेतृत्व

वहीं, दूसरी ओर केपीएस गिल के नेतृत्व में पुलिस ने न सिर्फ आतंकवादियों को श्रेणी A से D में सूचीबद्ध किया, बल्कि यह सुनिश्चित किया की “A” श्रेणी में आने के बाद कोई आतंकी छह महीने से अधिक समय तक जीवित न रहे। इन तौर तरीकों ने न सिर्फ खलिस्तानियों को चुनौती दी, बल्कि उनके मन में भय भी व्याप्त कर दिया, जिससे अंततः काल्पनिक खलिस्तान का कार्यालय अमृतसर से वैंकूवर ले जाना पड़ा।

आज भी राष्ट्र ने नरसिम्हा राव और केपीएस गिल को अपनी स्मृतियों में संजो कर रखा है। आज जब कुछ खालिस्तानी सिंघू बार्डर पर एक सिख को मारकर लटका देते है या कभी दिल्ली में अराजकता फैलाते हैं, तब देश गिल जैसे होनहार अधिकारियों के लिए रोता है। आज जब लाल किले पर तिरंगे का अपमान होता है, खालिस्तनी सिर उठाते है, तब देश नरसिम्हा राव और गिल की तरफ देखता है और सोचता है कि काश ये कुछ समय और होते, तो खालिस्तान का नाग फिर कभी सर उठाने योग्य ही नहीं बचता।

खालिस्तान, सिख और पीएम मोदी

परंतु, जब से नरेंद्र दामोदर दास मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने हैं। वे शायद उसी नीति पर चल रहे हैं, जिसके सहारे पामुलापार्थी वेंकट नरसिम्हा राव जैसे ओजस्वी प्रधानमंत्री ने खालिस्तान के ख्वाब को दिन में तारे दिखा दिए। नरेंद्र दामोदर दास मोदी भारतीय जनता पार्टी के नेता और आरएसएस के प्रचारक भी रह चुके हैं। ऐसे में वो खालिस्तानियों के रग-रग से वाकिफ हैं, शायद इसीलिए खालिस्तानियों के लाख उकसाने पर भी वह सिख समुदाय के विरुद्ध नहीं जाते।

आज भी पीएम मोदी सम्मान से सिख गुरुओं का नाम लेते हैं, उनके शौर्य को नमन करते हैं और वीर बाल दिवस की घोषणा भी इसी का सूचक है, तो अब आखिर किस बात की समस्या है? इसके अलावा जब जब सिख समुदाय पर संकट आया, पीएम मोदी ने घर के बड़े बुजुर्गों की भांति उन्हें दिशा दी, उन्हें सम्मान दिया। इसी बात पर बीजेपी नेता तजिन्दर पाल सिंह बग्गा ने अपने ट्वीट थ्रेड में प्रकाश भी डाला है, तो प्रश्न तो बनता है – गल की है पाजी?

पर आखिर करें तो करें क्या? कहें तो कहें क्या? नरेंद्र मोदी सरकार की हालत ऐसी ही हो चुकी है। अगर इन खालिस्तानियों पर 80 के दशक जैसा बर्बर प्रहार करते हैं, तो लोकतंत्र के ठेकेदार अपने राजनीतिक फायदे के लिए उन्हें पीड़ित किसान दिखाकर सहानुभूति और भ्रम की ऐसी लहर फैलाएंगे कि मामला और जटिल होता चला जाएगा। भारत सरकार के हाथ इसलिए भी बंधे हुए है कि कहीं दुष्ट खालिस्तानियों को दंडित करने के चक्कर में देशभक्त और कर्तव्य परायण सिख न पिस जाएं, अन्यथा नागरिकता कानून पर देशभर में उपद्रव फैलाने वालों का हाल क्या हुआ ये आप सभी ने देखा।

और पढ़ें: पाकिस्तान में फिर से महाराजा रणजीत सिंह की तोड़ी गई प्रतिमा, खालिस्तानी इस पर मौन हैं

सिखों से प्रेम करते हैं पीएम मोदी

पर, इस बार स्थिति भिन्न है। इन खालिस्तानियों ने कांग्रेस और अकाली दल जैसे राजनीतिक संगठनों का समर्थन प्राप्त कर लोकतांत्रिक चोगा ओढ़ लिया है। इसके साथ-साथ उन्होंने किसान का मुखौटा भी लगाया है और बहादुर सिखों को अपना ढाल भी बनाया है। सिख समाज को यह सोचना चाहिए कि जिस पीएम मोदी ने धर्म के लिए 20 प्रतिशत राष्ट्रव्यापी मतों को ठुकराते हुए जालीदार टोपी पहनने से इंकार कर दिया, उसी मोदी ने न सिर्फ पगड़ी पहन गुरुद्वारे में अरदास की, बल्कि आपातकाल के दौरान सिख पगड़ी पहनकर ही इंदिरा सरकार से लड़ाई भी लड़ी।

वास्तव में कहें, तो पाकिस्तान समर्थित उग्रवादियों के बहकावे में आकर कुछ लोगों ने जो उपद्रव फैलाया है, उसकी जिम्मेदारी न केवल सरकार पर है, अपितु हमारे सिख भाइयों पर भी है। यदि इस बार अन्याय पर मौन रहे, तो इसका परिणाम मोदी सरकार से अधिक सिख समुदाय के लिए हानिकारक होगा, जिनके हित के लिए पीएम मोदी अपना सर्वस्व अर्पण करने को तैयार है!

Tags: ऑपरेशन ब्लूस्टारखालिस्तानीपीएम नरेंद्र मोदीसिख समुदाय
शेयर6ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

भारत के सबसे ताकतवर परिवार से Meme Material तक: उत्तर प्रदेश के यादव परिवार की अद्भुत कथा

अगली पोस्ट

PM मोदी की ‘मोदीगिरी’ ने खालिस्तानी चरमपंथियों को अपना असली रंग दिखाने पर मजबूर कर दिया

संबंधित पोस्ट

राजा महेंद्र प्रताप सिंह
इतिहास

राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

1 December 2025

"हमारी आज़ादी के आंदोलन में कई महान व्यक्तित्वों ने अपना सबकुछ खपा दिया. लेकिन यह देश का दुर्भाग्य रहा है कि आज़ादी के बाद ऐसे...

चक्रवात दित्वाह ने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई है
चर्चित

चक्रवात ‘दित्वाह’ से लड़ रहे श्री लंका की मदद को भारत ने बढ़ाया हाथ, ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ ने बताया भारत क्यों है सबसे ‘भरोसेमंद’ पड़ोसी

29 November 2025

श्री लंका वक्त, बीते कुछ वर्षों की सबसे बड़ी और खतरनाक प्राकृतिक आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है। चक्रवात दित्वाह ने वहां...

शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र
चर्चित

बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

24 November 2025

सोमवार की शुरुआत सिने जगत के लिए एक दुखद ख़बर के साथ हुई। बॉलीवुड का ही-मैन, धर्मेंद्र 89 साल की उम्र में मुंबई में इस...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited