“सौगंध राम की खाते हैं, मंदिर वहीं बनाएंगे,
अरे रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे!”
ये केवल एक उद्घोष नहीं था, ये एक रीति थी, जिसके लिए लोग धर्मयुद्ध तक में कूदने का संकल्प ले चुके थे। आज उन अमर बलिदानियों के संकल्प, उनके साहस और उनके योगदानों को उचित सम्मान दिलाने का निर्णय लिया गया है।
हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने एक जनसभा को आयोजित करते हुए बताया कि कैसे श्रीराम जन्मभूमि के लिए आंदोलन करने वाले संतों, कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों पर तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार और मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में प्रशासन ने बेहिसाब अत्याचार ढाए थे।
इसी बीच उन्होंने ये भी कहा, “प्रभु श्री राम का मंदिर बन रहा हैl हम सौभाग्यशाली हैं जो इस पावन और पुनीत मौके के हम साक्षी हैं। राम जन्भूमि की मुक्ति के लिए न जाने कितने वीरों ने अपने प्राण की आहुति दे दी, न जाने कितने हिन्दुओं ने शौर्य और पराक्रम दिखाते हुए प्रभु श्री राम का नाम लेकर अपने आप को धर्म के लिए न्योछावर कर दिया। भगवान राम का भव्य मंदिर बनने दीजिये, जितने भी लोग अयोध्या में राम जन्मभूमि के लिए शहीद हुए हैं, उन सब का भव्य स्मारक हम बनवाएंगे।”
न्यूज 18 के सूत्रों की माने, तो इस प्रस्तावित स्मारक में न केवल उन अमर बलिदानियों का उल्लेख होगा, बल्कि कुछ प्रमुख बलिदानी, जैसे कोठारी बंधुओं इत्यादि की मूर्तियाँ भी लग सकती हैं –
#BREAKING | U.P CM Yogi's big tribute to karsevaks, Announces Memorial for 'Ayodhya martyrs'
Colmnist @Radrama and political expert @ajitarticle decode #BattleForUP
Join the broadcast with @AnchorAnandN pic.twitter.com/mVte8e5Hom
— News18 (@CNNnews18) January 8, 2022
1990 में जब ‘राम रथ यात्रा’ प्रारंभ हुई, तो उसी के अंतर्गत लाखों अनुयाई ‘कारसेवा’ हेतु अयोध्या पहुंचे, जिसमें बजरंग दल से जुड़े रामकुमार कोठारी और शरदकुमार कोठारी सबसे प्रमुख थे। परंतु इनके साथ न केवल प्रशासन ने दुर्व्यवहार किया, बल्कि निर्ममता से गोली मारकर दोनों की हत्या भी की गई। कोठारी बंधु तो केवल एक उदाहरण हैं, ऐसे न जाने कितने हुतात्मा थे, जिन्हे तथाकथित धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए मृत्युलोक पहुँच दिया गया।
परंतु योगी आदित्यनाथ प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया गया है कि इनका बलिदान अब व्यर्थ नहीं जाएगा। जुलाई 2021 में यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ऐलान किया कि 1990 फायरिंग में मारे गए कारसेवकों के नाम पर सड़कें बनवाई जाएगी। अयोध्या में एक कार्यक्रम के दौरान केशव मौर्य ने कहा कि, “कारसेवक भगवान राम के दर्शन करना चाहते थे लेकिन उन पर गोलियां चलवाई गई। इन सड़कों पर स्मारक पट्टिका भी लगाई जाएगी जिन पर कारसेवकों के नाम और तस्वीर होगी।”
डेप्युटी सीएम केशव मौर्य ने कहा, “कारसेवक 1990 में अयोध्या आए थे और राम लला के दर्शन करना चाहते थे। उस दौर की सपा सरकार ने निहत्थे राम भक्तों पर गोली चलवाई थी। कई मारे गए। आज मैं घोषणा करता हूं कि यूपी में उन सभी कारसेवकों के नाम पर सड़कें बनवाई जाएंगी। चाहे 30 अक्टूबर 1990 हो या 2 नवंबर 90 हो, जो बलिदानी रामभक्त हैं उनके घर तक कारसेवक सड़क बनवाएंगे। वहां बलिदानी राम भक्तों का नाम भी लिखेंगे और तस्वीर भी लगाएंगे।”
ऐसे में अब योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि इन वीर हुतात्माओं को वही सम्मान दिया जाएगा जिसके वे वास्तव में योग्य हैं। जब श्रीराम जन्मभूमि परिसर पुनरनिर्मित होगा, तो उन्हें भी उचित स्थान मिलेगा, जिन्होंने अपना सर्वस्व इस स्वप्न के साकार होने में अर्पण कर दिया।