मुख्य बिंदु
- भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (ISRO) इस साल अगस्त में चंद्रयान-3 लॉन्च करने के लिए है तैयार
- चंद्रयान-3 मिशन 2021 में लॉन्च होने वाला था किंतु महामारी के कारण इस मिशन में हुई थी देरी
- चंद्रयान-2 मिशन का लैंडर और रोवर अपने गंतव्य से दूरी पर हो गया था क्रैश
पहले प्रयास में हम आंशिक रूप से विफल रहे। चंद्रयान-2 का आर्बिटर अभी भी चंद्रमा का चक्कर लगा रहा है किंतु चाँद पर उतरते वक़्त हमारे कदम थोड़े डगमगा गए थे फिर भी हमने हार नहीं मानी। भारत ने ठाना की अपने नायकों का हौसला टूटने नहीं देंगे। पूरा देश एकजुट हुआ और अब दो साल बाद, भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (ISRO) इस साल अगस्त में चंद्रयान-3 लॉन्च करने के लिए तैयार है। केंद्र सरकार ने बीते गुरुवार को इस संदर्भ में जानकारी दी। भारत के मून मिशन में लगातार हो रही देरी के कारणों के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंहने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण चल रहे कई मिशन प्रभावित हुए हैं।
और पढ़ें: चंद्रयान 3: जापान के JAXA के साथ बड़े मून मिशन की तैयारी में ISRO
चंद्रयान-3: राष्ट्रीय गौरव की उड़ान
अंतरिक्ष विभाग ने लिखित जवाब में कहा कि चंद्रयान-2 मिशन से मिली सीख और वैश्विक विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर चंद्रयान-3 पर काम चल रहा है। विभाग ने आगे कहा कि उसने आवश्यक परीक्षण पूरे कर लिए हैं और लॉन्च अगस्त 2022 के लिए निर्धारित है। मिशन में लगातार हो रही देरी के कारणों के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण चल रहे कई मिशन प्रभावित हुए हैं। मंत्री ने अपने जवाब में कहा, “अंतरिक्ष क्षेत्र के सुधारों और मांग-संचालित मॉडल की पृष्ठभूमि में परियोजनाओं की पुनः प्राथमिकता स्थापित की गयी है।”
चंद्रयान-3 मिशन अक्टूबर 2008 में शुरू किए गए पहले चंद्रयान मिशन से भी सहायता ले रहा है, जिसने चंद्र सतह पर पानी के सबूत खोजने सहित प्रमुख खोजें की थी। चंद्रयान-3 मिशन 2021 में लॉन्च होने वाला था पर महामारी के कारण इस मिशन में देरी हुई थी। तीसरा चंद्र मिशन चंद्रयान -2 के दुर्घटनाग्रस्त होने के दो साल बाद आया है जबकि लैंडर और रोवर दुर्घटनाग्रस्त हो गए, ऑर्बिटर अभी भी चंद्र सतह के ऊपर मंडरा रहा है और ISRO चंद्रयान -3 के मिसन हेतु इसका उपयोग करने की योजना बना रहा है।
और पढ़ें: चंद्रयान 2 : देश की आने वाली पीढ़ी कल रात को कभी नहीं भूलेगी
2022 में 19 मिशन लॉन्च करेगा ISRO
केंद्र सरकार में मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने लिखित उत्तर में बताया कि ISRO ने 2022 में 19 मिशन शुरू करने की योजना बनाई है क्योंकि लगातार विलमब होने के बाद अब इसने गति पकड़ ली है। इस वर्ष के दौरान, ISRO 08 प्रक्षेपण यान मिशन, 07 अंतरिक्ष यान मिशन और 04 प्रौद्योगिकी प्रदर्शक मिशनों को पूरा करेगा। मंत्री ने कहा, “अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार के साथ, अंतरिक्ष विभाग मांग-संचालित मॉडल के आधार पर उपग्रहों की आवश्यकताओं की समीक्षा करने की प्रक्रिया में है। मंत्रालयों और संभावित ग्राहकों के साथ चर्चा चल रही है।”
2022 का पहला प्रक्षेपण फरवरी के तीसरे सप्ताह में होने की संभावना है क्योंकि अंतरिक्ष एजेंसी पृथ्वी अवलोकन उपग्रह को लॉन्च करने के लिए तैयार है, जिसे ध्रुवीय उपग्रह लॉन्च वाहन पर RISAT-1A भी कहा जाता है। लॉन्च की अंतिम तारीख की घोषणा अभी बाकी है। RISAT-1A रडार इमेजिंग सैटेलाइट (RISAT) श्रृंखला का हिस्सा है, जिसका उपयोग रडार इमेजिंग और टोही कार्यक्रमों के लिए किया जाता है। इन उपग्रहों को ग्रह की सतह से लगभग 500 किलोमीटर ऊपर पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया है।
बता दें कि चंद्रयान-3 को पिछले चंद्रयान-2 मिशन के दो साल बाद लॉन्च किया जा रहा है। वहीं, चंद्रयान-2 मिशन को पूरी तरह सफलता नहीं मिल पाई थी, जिसका कारण था कि चंद्रयान-2 मिशन का लैंडर और रोवर अपने गंतव्य से दूरी पर क्रैश हो गया था। हालांकि, इस यान का ऑर्बिटर अब भी चंद्रमा की सतह के ऊपर ही है। ऐसे में, इसरो के द्वारा इसे भी चंद्रयान-3 मिशन में प्रयोग में लाया जाएगा। अंततः कहा जा सकता है कि भारत जल्द ही अंतरिक्ष में नया कीर्तिमान रचने के लिए तैयार है।