TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तानू

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तानू

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

Dear Imran, अगर आप चाहते हैं कि PM मोदी आपको भाव दें, तो इन 10 मामलों का निपटारा कर लो

अब अक्ल ठिकाने आई है!

Utkarsh Upadhyay द्वारा Utkarsh Upadhyay
23 February 2022
in विश्व
Imran Khan and PM Modi

Source- Google

Share on FacebookShare on X

अगर भीख मांगना एक कला है, तो पाकिस्तान और इमरान खान (Imran Khan) इसके बहुत बड़े कलाकार हैं। अपने कार्यकाल के लगभग आधा समय भीख मांगने के बाद अब इमरान खान की कला भी थोड़ी फीकी पड़ने लगी है। अब उन्हें कोई भी उधार नहीं दे रहा है। इमरान की लक्ष्मी चिटफंड वाली योजना फेल हो गई है, अब कोई भी उसके झांसे में नहीं आ रहा है। ऐसे में अरब देशों से दुत्कार और चीनी कर्ज के तले दबे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एक बार फिर से भारत की याद आई है और वो पीएम मोदी के साथ बातचीत करना चाहते हैं। लेकिन आतंक  परस्त पाकिस्तान के पीएम को समझना होगा कि अगर उन्हें भारत के साथ संबंध स्थापित करना है, तो उन्हें भारत की शर्ते माननी होगी और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो भारत भी उन्हें भाव देने के मूड में नहीं है।

जिस पाकिस्तान की उत्पत्ति भारत से हुई, वो पाकिस्तान अपने अस्तित्व में आने के बाद से ही भारत को अपना कट्टर दुश्मन बताते आया है। बीते 7 दशकों में हुए कई घटनाक्रम इसकी पुष्टि भी करते हैं। ऐसे में यदि पाक पीएम इमरान खान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत करना चाहते हैं, तो उन्हें भारत से संबंधित उन क़दमों और निर्णयों को उठाकर साबित करना होगा कि वो वास्तव में वो सुख-शांति और अमन का पैरोकार बनना चाहता है। ऐसे में यदि पाकिस्तान को वार्ता करनी है, तो उसे तत्काल प्रभाव से इन बातों पर गौर करते हुए त्वरित निर्णय लेना चाहिए।

संबंधितपोस्ट

पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

और लोड करें

और पढ़ें: MBS ने कचरे में फेंका पाकिस्तान के भीख का कटोरा

इमरान को करना होगा इन मामलों का निपटारा

जिस प्रकार पाकिस्तान को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए साम-दाम-दंड-भेद का प्रयोग पाक हुकूमत ने अब तक किया है, ऐसे में यदि पाक पीएम इमरान खान (Imran Khan) भारत से मधुर संबंध बनाने की पहल करना ही चाहते हैं, तो उन्हें कुछ बिंदुओं पर विचार कर जल्द से जल्द कदम उठा लेने चाहिए, क्योंकि बात तभी संभव होती है जब कुछ सकारात्मक निर्णय लेने वाली सोच स्वयं के भीतर हो। जिन बिंदुओं पर विचार किया जाना आवश्यक ही नहीं अतिआवश्यक है, वो निम्नवार हैं-

1. 2008 में लोकतंत्र की बहाली से पहले पाकिस्तान की सेना ने 61 में से 31 वर्षों तक सीधे तौर पर देश पर शासन किया था, लेकिन आज भी वो कुछ आतंकी समूहों के इशारे पर चलने वाला राष्ट्र है। यूं तो वो स्वयं को लोकतांत्रिक देश बताता है पर आज तक आतंक परस्त पाकिस्तान लोकतंत्र की एक भी बुनियाद पर खरा नहीं उतरा है। आज भी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान की नीतियों के निर्माण में सीधा हस्तक्षेप करते हैं। जिनको हटाने के बाद ही कोई वार्ता संभव है, ताकि वास्तव में दो लोकतांत्रिक देशों में सार्थक चर्चा हो सके।

2. विभाजन के बाद से ही पाकिस्तानी आर्मी देश की सरकार चलाती है, हुक्मरान कोई भी हो हाथ और दिमाग दोनों पाकिस्तान की क्रूर आर्मी के होते हैं। विभाजन के बाद से पाकिस्तान में सेना की ही चलती आई है। सेना की मर्जी से ही सरकारें आती जाती हैं, इसके अलावा सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े फैसले भी पाकिस्तान की सेना ही लेती है। ऐसे में इस देश के साथ वार्ता कैसे संभव है, जब रिमोट-कंट्रोल से पाक सरकार और स्वयं पाक पीएम इमरान खान चलते हों।

और पढ़ें: पाकिस्तान को अब FATF की ‘ब्लैकलिस्ट’ में जाने से कोई नहीं बचा सकता है

3. वैश्विक स्तर पर आज सभी देशों को पता है और सदैव चर्चा भी होती है कि पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों को संरक्षण और पोषित किया जाता है, ऐसे में कैसे कोई वार्ता की जा सकती है? ऐसे में आवश्यकता है कि पाक से संचालित होने वाले सभी आतंकी कैंपों को ध्वस्त कर पाक पीएम यह आंकड़ा दें कि उनकी सरकार ने कितने आतंकियों को मारा और खत्म किया। तभी भारत के साथ बात आगे बढ़ने के द्वार खुल सकते हैं। हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और मौलाना मसूद अजहर को भारत निर्वासित करने का कार्य यदि होता है, तो भारत की बहुत बड़ी जीत होगी।

4. गज़वा-ए-हिन्द पाकिस्तान की सोच का सबसे बड़ा हिस्सा है, वो इसे सदैव पोषित करता आया है। ग़ज़वा-ए-हिंद का अर्थ है- हर मुसलमान का कर्तव्य है कि वो सुनिश्चित करें कि दुनिया भर में बुत-परस्ती यानी मूर्ति पूजा बंद होनी चाहिए, क्योंकि मूर्ति पूजा बंद होने के बाद ही दुनिया में इस्लाम का राज कायम हो सकेगा। इसी सोच पर पाकिस्तान की नींव रखी गई थी और उसके नेता आज भी हर देश में ग़ज़वा-ए-हिंद स्थापित करने की साजिश रचते हैं। ऐसे कट्टरपंथ को कोई भी कैसे स्वीकार कर सकता है। ऐसे में अगर भारत  के साथ बातचीत करनी ही है तो पाकिस्तान को इस पर भी लगाम लगाना होगा।

5. इमरान खान ने पीएम बनने से पूर्व और बाद में कई भारत विरोधी ताकतों का साथ देते हुए स्वयं भी भारत के खिलाफ कई विवादित बयान दिए थे, ऐसे में यदि वो वार्ता करने की इच्छा प्रकट कर रहे हैंं तो उन्हें सर्वप्रथम अपने दिए हर उस बयान पर देश से माफ़ी मांगनी चाहिए जो भारत विरोधी थे।

और पढ़ें: पतन की राह पर चल पड़ा है पाकिस्तान, उसका ऋण संकट वास्तव में काफी बुरा है!

6. विस्तारवाद और अतिक्रमण करने में माहिर पाकिस्तान ने कश्मीर का एक हिस्सा हमेशा से कब्जाया हुआ है, जिसे PoK यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के नाम से जाना जाता है। ऐसे में यदि पाक को भारत से मधुर संबंध स्थापित करने हैं, तो उसे जल्द से जल्द PoK खाली करना होगा।

7. पाकिस्तान में बलूच और बलोचिस्तान एक बहुत बड़ा और संजीदा विषय है। पाकिस्तान को भारत के साथ यदि वार्ता के कपाट खोलने हैं, तो उसे बलोचिस्तान के रहवासियों को उनकी मांग के अनुरूप उनकी जमीन उन्हें दे देनी चाहिए, क्योंकि यही उनके जीवन की सबसे बड़ी मांग है, जिसका कष्ट वो अब तक झेल रहे हैं।

8. चीन से पाकिस्तान सदैव मदद लेता रहा है और निस्संदेह जब हर देश पाकिस्तान के खिलाफ खड़ा हुआ है, एकमात्र चीन ही वो देश है जो उसे शह देता दिखाई पड़ा है। ऐसे में एहसान के बोझ तले पाकिस्तान सदैव थोड़ी-थोड़ी जड़-जमीन और जोरू चीन को देता रहा है। ऐसे में उससे संबंध खत्म करना पाक के लिए मुश्किल है। इस बात को लेकर भारत का सदैव यही पक्ष रहा है कि पाक भले ही चीन में हो रहे निर्माण कार्य को चालू रखे, लेकिन अगर भारत के विरुद्ध किसी भी निर्माण कार्य का इस्तेमाल किया गया, तो पाकिस्तान उसे तुरंत बैन करे। अगर पाक ऐसा नहीं करता है तो भारत के साथ उसके संबंध कभी भी बेहतर नहीं हो सकते हैं।

9. यह सर्वविदित है कि पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुओं की स्थिति सदैव दयनीय रही है, ऐसे में यदि पाक पीएम वार्ता करना चाहते हैं, तो उन्हें इस मुद्दे पर तत्काल प्रभाव से विचार और कार्य करना चाहिए। निस्संदेह यह आवश्यक है कि हिन्दू और हिन्दू धर्म के अनुयायियों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान के हर विभाग में हिन्दुओं को 50 फीसदी आरक्षण, राजनीतिक विचार से नीति-निर्माता और जनता के नुमांइदे के तौर पर भी 50 फीसदी का आरक्षण हिन्दुओं को मिलना चाहिए। और साथ ही 30 फीसदी पुलिसकर्मी हिंदू होने चाहिए एवं सक्षम और प्रतिभाशाली हिंदू क्रिकेटरों को भी क्रिकेट टीम में जगह दी जानी चाहिए।

10. इमरान सरकार को उन सभी लोगों से माफी मांगने के साथ ही उन्हें बहाल करना चाहिए, जिन्हें बीते दो दशकों के भीतर जबरन धर्मपरिवर्तन की आड़ में मुसलमान बनाया गया और साथ ही पाक सरकार को उन मंदिरों का पुनर्निर्माण कराना चाहिए, जिन्हें पहले तोड़ा गया था। पाक पीएम को स्वंय हिंदुओं  की स्थिति पर ध्यान देते तोड़े  गए मंदिरों के पुनर्निमाण की नींव रखनी चाहिए।

इमरान खान को करना चाहिए विचार

इन सभी बिंदुओं पर यदि पाक पीएम इमरान खान संजीदगी से विचार करते हुए अमल में लाते हैं, तो निस्संदेह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) न केवल उनके साथ वार्ता के लिए आगे आएंगे, बल्कि उनके सम्मान में भी कोई कमी नहीं आने देंगे, क्योंकि भारत चीन नहीं है जो किसी को अपना बंधुआ बना ले। और हम कश्मीर के लिए जनमत संग्रह की बात करने जैसी इमरान की विवादास्पद टिप्पणी को वापस लेने का भी सुझाव देंगे। संक्षेप में, यदि इमरान खान पीएम मोदी से बातचीत करना चाहते हैं, तो एक सभ्य नेता की तरह व्यवहार करना शुरू कर दें। अन्यथा, भारत के प्रधानमंत्री के सहारे लाइमलाइट प्राप्त करने का विचार तो भूल ही जाइए।

और पढ़ें भारत और UAE के बीच हुआ बहुत बड़ा समझौता, अब पाकिस्तान को अपना भीख वाला ‘कटोरा’ भी बेचना पड़ेगा!

Tags: इमरान खानपाकिस्तानपीएम मोदी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

विवेक अग्निहोत्री की ‘द कश्मीर फाइल्स’ रिलीज से पहले ही हिट हो गई है!

अगली पोस्ट

आर प्रग्गानंधा: भारत के सबसे कम उम्र के ग्रैंड मास्टर

संबंधित पोस्ट

भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा
AMERIKA

भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

23 October 2025

भारत और अमेरिका के बीच बहु-प्रतीक्षित व्यापार समझौते की खबर पिछले दो दिनों से भारतीय मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई है। बताया जा...

जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?
इतिहास

जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

22 October 2025

दिवाली की अगली सुबह आए अख़बारों में जो ख़बर पहले पेज में सबसे प्रमुखता के साथ छपी है, उसके अनुसार दिल्ली देश का ही नहीं...

राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प
इतिहास

राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

22 October 2025

गोरखपुर के पावन मंच से जब योगी आदित्यनाथ ने यह कहा कि राजनीतिक इस्लाम ने सनातन धर्म को सबसे बड़ा झटका दिया है, तो यह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

00:06:22

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16

What Really Happened To the Sabarimala Temple Gold Under Left Government?

00:07:21
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited