TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    देशहित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का ‘पैमाना’ क्या है?

    देशहित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का ‘पैमाना’ क्या है?

    कांग्रेस के मंत्री प्रियांक खरगे बोले- RSS को बैन करेंगे; मुस्लिम लीग से दोस्ती लेकिन संघ से दिक्कत क्यों?

    कांग्रेस के मंत्री प्रियांक खरगे बोले- RSS को बैन करेंगे; मुस्लिम लीग से दोस्ती लेकिन संघ से दिक्कत क्यों?

    बीजेपी में होगा नेतृत्व परिवर्तन, राज्यों के चुनाव से साफ होगी तस्वीर

    बीजेपी में होगा नेतृत्व परिवर्तन, राज्यों के चुनाव से साफ होगी तस्वीर

    बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का दावा: कांग्रेस और CIA का रहस्यमयी संबंध

    बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का दावा: कांग्रेस और CIA का रहस्यमयी संबंध

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    डिजिटल इंडिया

    डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी ने बताया देश के सशक्तिकरण की क्रांति का सफर

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ऊटा का कृष्ण मंदिर (Photo - ISKCON/ Vaibhavi Devi Dasi)

    अमेरिका में हिंदू मंदिर पर बड़ा हमला, इस्कॉन मंदिर परिसर को निशाना बनाकर दागी गईं 20-30 गोलियां

    ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

    ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

    स्विमिंग पूल में 2019 के पुलवामा हमले में शामिल चार आतंकियों मोहम्मद उमर फारूक, तल्हा राशिद अल्वी, मोहम्मद इस्माइल अल्वी और राशिद बिल्ला ने इसी स्विमिंग पूल में तस्वीरें खिंचवाई थीं (चित्र: द प्रिंट)

    ऑपरेशन सिंदूर के कुछ हफ्तों बाद जैश-ए-मोहम्मद ने फिर खोला बहावलपुर आतंकी केंद्र

    कांग्रेस नेता हरि किशन लाल भगत (बाएं) और दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग के प्रमुख निकोले फेदिन (दाएं)

    ‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    विदुषी संवाद

    विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    शेफाली ज़रीवाला

    शेफाली ज़रीवाला का अचानक निधन: ग्लैमर की दुनिया में शोक की लहर

    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    देशहित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का ‘पैमाना’ क्या है?

    देशहित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का ‘पैमाना’ क्या है?

    कांग्रेस के मंत्री प्रियांक खरगे बोले- RSS को बैन करेंगे; मुस्लिम लीग से दोस्ती लेकिन संघ से दिक्कत क्यों?

    कांग्रेस के मंत्री प्रियांक खरगे बोले- RSS को बैन करेंगे; मुस्लिम लीग से दोस्ती लेकिन संघ से दिक्कत क्यों?

    बीजेपी में होगा नेतृत्व परिवर्तन, राज्यों के चुनाव से साफ होगी तस्वीर

    बीजेपी में होगा नेतृत्व परिवर्तन, राज्यों के चुनाव से साफ होगी तस्वीर

    बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का दावा: कांग्रेस और CIA का रहस्यमयी संबंध

    बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का दावा: कांग्रेस और CIA का रहस्यमयी संबंध

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    डिजिटल इंडिया

    डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी ने बताया देश के सशक्तिकरण की क्रांति का सफर

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ऊटा का कृष्ण मंदिर (Photo - ISKCON/ Vaibhavi Devi Dasi)

    अमेरिका में हिंदू मंदिर पर बड़ा हमला, इस्कॉन मंदिर परिसर को निशाना बनाकर दागी गईं 20-30 गोलियां

    ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

    ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

    स्विमिंग पूल में 2019 के पुलवामा हमले में शामिल चार आतंकियों मोहम्मद उमर फारूक, तल्हा राशिद अल्वी, मोहम्मद इस्माइल अल्वी और राशिद बिल्ला ने इसी स्विमिंग पूल में तस्वीरें खिंचवाई थीं (चित्र: द प्रिंट)

    ऑपरेशन सिंदूर के कुछ हफ्तों बाद जैश-ए-मोहम्मद ने फिर खोला बहावलपुर आतंकी केंद्र

    कांग्रेस नेता हरि किशन लाल भगत (बाएं) और दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग के प्रमुख निकोले फेदिन (दाएं)

    ‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    विदुषी संवाद

    विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    शेफाली ज़रीवाला

    शेफाली ज़रीवाला का अचानक निधन: ग्लैमर की दुनिया में शोक की लहर

    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

भारत से हर साल 3rd ग्रेड के PHD धारक निकलते हैं, जिसे तत्काल फिक्स करने की आवश्यकता है

क्या 'डॉक्टरेट' वास्तव में राष्ट्र के लिए फायदेमंद है?

Aniket Raj द्वारा Aniket Raj
24 February 2022
in समीक्षा
PHD

Source- TFIPOST

Share on FacebookShare on X

भारत में शैक्षणिक योग्यता का बहुत महत्व है। लोग शैक्षणिक योग्यता को वैयक्तिक श्रेष्ठता से जोड़कर देखते हैं और इसी श्रेष्ठता को सिद्ध करती है, आपके नाम के आगे लगनेवाला ‘डॉ’ उपसर्ग। भारत में किसी विशेष विषय में एक विद्वान के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए PHD धारक होना एक अनिवार्य शर्त के समतुल्य है। लेकिन सवाल यह है कि PHD किसी की क्षमता को साबित करने के लिए आवश्यक क्यों है? क्यों शोध के विषय और उसकी गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता? डॉक्टरेट की डिग्री कैसे प्राप्त की जाती है? क्या इसके लिए किसी कठोर प्रक्रिया की आवश्यकता है? क्या PHD शोध के क्षेत्र में योगदान देने के लिए की जाती है या यह नामांकन के माध्यम से रोजगार पाने का एक तरीका है? इस आर्टिकल में हम इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे और इसके सुधार के उपायों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, अन्यथा एक दिन यह उपसर्ग अपनी महत्ता खो देगा।

PHD प्राप्ति के लिए पागल भीड़

आज कल के जमाने में लोगों के लिए डॉक्टरेट की डिग्री मज़ाक है। डॉक्टरेट जो कभी राष्ट्र और इसके अनुसंधान परियोजनाओं की रीढ़ हुआ करती थी, आज सिर्फ एक पागल भीड़ बन गई है। सभी नहीं, बल्कि बहुत से ऐसे छात्र जिनमें कौशल की कमी होती है, वे फेलोशिप पाने के लिए PHD सीटों पर कब्जा कर लेते हैं। भारत प्रति वर्ष 24,000 PHD स्कॉलरों के उत्पादन के साथ दुनिया में चौथे स्थान पर है। सूची में संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे ऊपर है, जो हर साल 64,000 से अधिक डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान करता है। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के निष्कर्षों ने इन नंबरों को जारी किया है।

संबंधितपोस्ट

विश्व बैंक की रिपोर्ट में दिखा मोदी युग के आर्थिक बदलाव का असर, 26.9 करोड़ लोग बेहद गरीबी से बाहर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बीच मोदी सरकार के 11 साल का जश्न; BJP ने बनाया ये खास प्लान

भारत बनेगा हथियारों के निर्यात का नया हब, सैन्य ज़रूरतों के लिए दुनियाभर में देगा सस्ते ऋण

और लोड करें

आज कल के चलन के अनुसार PHD में नामांकन मुख्य रूप से दो कारणों को पूरा करने के लिए किया जाता है। एक ‘डॉ’ उपसर्ग के माध्यम से खुद के व्यक्तित्व में श्रेष्ठता और गरिमा की भावना जोड़ना। दूसरा, ‘विद्वान’ होने के नाम पर सरकारी फेलोशिप हासिल करना। पर, इसमें अनुसंधान की गुणवत्ता और महत्ता गौण हो चुकी है और गुणवत्ता की इसी न्यूनता ने बदलती गतिशीलता और दृष्टिकोण के साथ, डॉक्टरेट से जुड़ी गरिमा और सम्मान को रसातल से भी नीचे पहुंचा दिया है।

और पढ़ें: मिलिए देश के ‘सबसे घटिया’ शिक्षा मंत्रियों से

‘डॉक्टरों’ के महत्ता को गौण करती अंधी भीड़

ध्यान देने वाली बात है कि सभ्यता के आरंभिक युग से ही भारत ने इस बात की वकालत की है कि पढ़ने और ज्ञान प्राप्त करने के लिए कोई आयु सीमा नहीं होती है। लेकिन, आयु सीमा की परिधि को बेवजह या गलत कारण से तोड़ना भी न्यायोचित नहीं है। शिक्षा प्राप्ति ब्रह्मचर्य आश्रम में ही श्रेष्ठकर है और आज गलाकाट प्रतिस्पर्धा के युग में सही उम्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्ति बहुत आवश्यक है। प्राचीन काल में भारत ज्ञान प्राप्ति का गंतव्य स्थान था, लेकिन आज हम भारतीय ज्ञान के पैमाने पर कहां खड़े हैं, यह एक अनुत्तरित सवाल है। यह सवाल हम से ही होना चाहिए, क्योंकि हमारा देश हर साल लगभग 60 लाख स्नातक और 15 लाख स्नातकोत्तर पैदा करता है।

जहां कई भारतीय डॉक्टरेट हासिल करने में गर्व महसूस करते हैं, वहीं उनके साथ हो रहे निकृष्ट व्यवहार के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। डॉक्टरेट में नामांकित लोगों को अक्सर अनुसंधान करते और अनुसंधान बिरादरी में योगदान करते हुए नहीं देखा जाता है। ‘डॉक्टर’ उपसर्ग का स्वप्न देखते PHD विद्यार्थी अब कागज के ढेर से बंधे हुए नज़र आते हैं। कॉलेजों और गाइडों के दौरे भी बहुत कम होते हैं और सबसे बड़ी बात, इस उपसर्ग को पाने के लिए गाइड उनका दोहन करता है। गाइड उन विद्यार्थियों से अपने निजी काम करवाता है और विद्यार्थी भी इसके लिए खुशी-खुशी राजी हो जाता है, क्योंकि उसे अनुसंधान के क्षेत्र में श्रम किए बिना डॉक्टरेट की उपाधि जो मिल जाएगी।

आप स्वयं ऐसे कई शिक्षण संस्थानों को जानते होंगे, जो पैसे लेकर डॉक्टरेट की उपाधि दे देंगे। इसमें दोषी सरकार की संस्था भी है, जो अपने शोधार्थियों को न सिर्फ कम अनुदान देती है और न ही गुणवत्ता निखारने के लिए कोई समर्थन। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने हाल ही में भारत में PHD शोध की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की थी। इसका कारण डॉक्टरेट में नामांकन की संख्या में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी है। लेकिन थीसिस की गुणवत्ता में लगातार गिरावट आई है। यह कहना गलत नहीं होगा कि PHD गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के नाम पर चल रहा एक घोटाला है।

और पढ़ें: ‘केरल में उच्च शिक्षा कुत्तों के पास चली गई है,’ आरिफ मोहम्मद ने CPI को खुल्ले में धोया

लगातार बिगड़ती गुणवत्ता

जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, PHD कार्यक्रमों के नामांकन में वृद्धि हुई है। लेकिन चुने गए विषयों की गुणवत्ता और लिखी जा रही थीसिस लगातार बिगड़ती जा रही है। जिन विषयों को बोर्ड की मंजूरी के बाद चुना जाता है, वे भी अब प्रासंगिक नहीं हैं। आज कल लिखी जा रही थीसिस प्रमुख रूप से सर्वेक्षण आधारित है। आज की पीढ़ी विश्लेषणात्मक शोध करना चाहती है और ऊपर से चुने गए विषयों और लिखी गई थीसिस की कोई प्रासंगिकता नहीं। जो थीसिस आज प्रमुख रूप से लिखी गई है वह सैद्धांतिक दोहराव वाली है, जिसमें कोई समकालीन प्रासंगिकता और उपयोग नहीं है।

उदाहरण के लिए चुने गए कुछ विषय इस प्रकार हैं- ’19वीं और 20वीं सदी में गुजरात के आदिवासी आंदोलन’, ‘केरल में उपनिवेश और विकास की समस्याएं- 1850-1956 की सार्वजनिक कार्रवाई के विकास और प्रकृति का एक केस स्टडी’, ‘औपनिवेशिक पंजाब में विधवाएं और विधवापन’ और ‘1947 से झारखंड में कोयला क्षेत्र और इस्पात संयंत्रों में कामकाजी महिलाओं की स्थिति पर एक सर्वेक्षण’।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ी राशि का निवेश करने के बाद भी अनुसंधान राष्ट्र को लाभ नहीं दे रहा है, क्योंकि इस क्षेत्र में किया गया कार्य पर्याप्त रूप से नवीन नहीं है। इतिहास, राजनीति विज्ञान और साहित्य के विषय अक्सर दोहराए जाते हैं और समकालीन दुनिया से दूर होते हैं। यह थीसिस गुणवत्ता में काफी नीचे है और अक्सर साहित्यिक सामग्रियों से भरे होते हैं। साहित्यिक चोरी की सीमा की जांच करने के लिए ज्यादातर विश्वविद्यालयों के पास कोई तंत्र नहीं है और यह अनियंत्रित रूप से चुराई हुई किताब बनकर रह जाती है। यह किताब मात्र ‘विद्वान’ ‘नकल’ के अलावा कुछ नहीं हैं। MP3 और जीपीएस PHD विद्वानों के योगदान के बिना जीवन का हिस्सा नहीं होते। लेकिन लगातार बिगड़ती गुणवत्ता के साथ, डॉक्टरेट के मूल्य और उपयोगिता पर बहस चल रही है। क्या डॉक्टरेट वास्तव में राष्ट्र के लिए फायदेमंद है? या यह सिर्फ संसाधनों की बर्बादी है?

और पढ़ें: “स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पहनना अनुशासनहीनता है”, कर्नाटक के शिक्षा मंत्री ने कहा

Tags: पीएचडीमोदी सरकारशिक्षा व्यवस्था
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

कद 5 फुट 2 इंच और लफड़े 27, मिलिए रियल लाइफ Ricky Bahl से!

अगली पोस्ट

NDTV का भारत का नंबर-1 चैनल बनने से लेकर ‘हँसी का पात्र’ बनने तक का सफर

संबंधित पोस्ट

ज़ोहरान ममदानी (Photo - X/@ZohranKMamdani)
चर्चित

ज़ोहरान ममदानी: भारत और हिंदुओं को बदनाम करने वाला क्यों बन गया वामपंथियों का नया नायक?

27 June 2025

न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के प्राइमरी चुनाव में ज़ोहरान ममदानी ने एंड्रयू कुओमो को हरा दिया है, यानि अब वे...

फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?
राजनीति

फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?

23 June 2025

25 जून 1975 को देश में कांग्रेस की सरकार थी और दिल्ली के उन इलाकों में बिजली काट दी गई थी, जहां बड़े मीडिया हाउस...

राजा रघुवंशी की बहन सृष्टि रघुवंशी
समीक्षा

राजा रघुवंशी की बहन सृष्टि के इंस्टाग्राम रील्स: न्याय की लड़ाई या फॉलोअर्स का खेल?

13 June 2025

इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी की उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी द्वारा हत्या किए जाने का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इस हत्याकांड में...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Kerala Muslim Groups oppose Zumba classes for School Children

Kerala Muslim Groups oppose Zumba classes for School Children

00:07:21

Crash or sabotage? Aviation expert on ahmedabad plane crash probe.

00:13:37

Ahmedabad Air India Crash: Was It Sabotage? Major Investigation Underway

00:06:27

10% Seats for Muslims? Shocking Demand from DMK’s ally MMK Ahead of 2026!"

00:04:52

The gulf crossroads: usa stakes, China's money and Iran's nuclear threat.

00:30:34
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited