I, Me and Myself ये वो तीन अहंकारी शब्द हैं जिनसे मनुष्य का अतिलगाव होते ही वह अपने विनाश की पटकथा लिख देता है। आम आदमी पार्टी सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल उन्हीं कुछ चुनिंदा लोगों में से हैं जो इसका अनुसरण करते आये हैं। मामला देश विरोधी गुटों से आम आदमी पार्टी के कथित संबंधों का है जिसको लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने देश के गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को आश्वासन दिया है कि वह खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के साथ आम आदमी पार्टी के कथित संबंधों के आरोपों को “व्यक्तिगत रूप से” देखेंगे।
HM Amit Shah in a letter to Punjab CM assures him that GoI has taken the matter seriously and that he'll personally ensure that the matter is looked into in detail
Punjab CM had written to HM alleging that banned org 'Sikhs for Justice' is in touch with Aam Aadmi Party. pic.twitter.com/1SQwU7KUSd
— ANI (@ANI) February 18, 2022
जैसे-जैसे पंजाब चुनाव का दिन नजदीक आ रहा है, राजनीतिक पारा भी अपने रुआब पर है। यूँ तो जब से आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता एवं संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास ने अपने पुराने अनुभवों और क्षणों को साझा कर जिस प्रकार अरविन्द केजरीवाल को खालिस्तान चाहने वालों का साथी बताया है, तबसे चुनावी माहौल में एक अलग सी उष्मित ऊर्जा बढ़ गई है। कुमार विश्वास के हालिया बयानों में से एक में कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने एक बार मुझसे कहा था कि वे पंजाब के सीएम या खालिस्तान के पीएम बनने का ख्वाब देख रहे हैं। यही नहीं, कुमार ने यह भी बताया कि पंजाब के पिछले चुनाव 2017 में केजरीवाल अपने घर में खालिस्तानी नेताओं के साथ बैठक करते दिखते थे, जिसपर कुमार ने आपत्ति जताई थी पर केजरीवाल अपने मद में चूर थे। इसके बाद से ही सियासी बाजार का मिज़ाज़ गर्म हो गया है।
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इन्हीं बयानों को संज्ञान में लेते हुए पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में आम आदमी पार्टी और खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के बीच कथित संबंधों की जांच की मांग की थी। एसएफजे के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू के एक कथित पत्र का हवाला देते हुए चन्नी ने लिखा: “पत्र पंजाबी भाषा में है और इस पत्र की सामग्री से पता चलता है कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे), जो एक प्रतिबंधित संगठन है, लगातार आम आदमी पार्टी के संपर्क में है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि SFJ ने 2017 में राज्य विधानसभा चुनाव में ‘आप’ को समर्थन दिया था और इसी तरह 2022 के इन चुनावों में भी SFJ ने मतदाताओं से आम आदमी पार्टी को वोट देने का आह्वान किया है।
अमित शाह मामले को व्यक्तिगत रूप से देखेंगे-
चन्नी ने आगे कहा कि यह एक “बहुत गंभीर मुद्दा” है और इसकी गहन जांच की जरूरत है। अपने पत्र में चरणजीत सिंह चन्नी ने आप के पूर्व नेता कुमार विश्वास द्वारा अरविंद केजरीवाल पर लगाए गए आरोपों का भी जिक्र किया। चन्नी ने लिखा, “इन आरोपों की भी व्यापक जांच की जानी चाहिए और तदनुसार आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए।”
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इसके बाद ही पत्र को संज्ञान में लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से जवाबी पत्र लिखा गया। चरणजीत सिंह चन्नी को शुक्रवार को लिखे एक पत्र में अमित शाह ने लिखा, “आपके पत्र के अनुसार, चुनाव के दौरान एक राजनीतिक दल का एक राष्ट्र-विरोधी, अलगाववादी और प्रतिबंधित संगठन के संपर्क में होना और समर्थन मांगना राष्ट्रीय सुरक्षा संदर्भ में एक गंभीर मामला है। ऐसे लोगों का एजेंडा देश के दुश्मनों के एजेंडे से अलग नहीं है। यह निंदनीय है कि कुछ लोग सत्ता हासिल करने के लिए अलगाववादियों के साथ मिलकर पंजाब और देश की एकता को चोट पहुंचाने की हद तक जा सकते हैं।”
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जिस प्रकार कुमार विश्वास ने एक के बाद एक बातों को सबके समक्ष रखा है, निस्संदेह यह आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया की सत्ता लोभी वास्तविकता को देश से परिचित करा रही है। यह तो तय है कि, अरविन्द केजरीवाल जिन लोकलुभावन वायदों से सरकार हथियाना चाह रहे थे, उनकी इस सत्यता जो पंजाब ही नहीं देश के लिए खतरा सिद्ध हो सकती है, इसके बाद वो न तो पंजाब में सरकार बना पाएंगे और न ही आगामी भविष्य में किसी भी राज्य में सत्ता के स्वाद को आनंदित होकर चख पाएंगे (इसमें दिल्ली भी शामिल है)। केजरीवाल के राजनितिक भविष्य की धनिया बो दी है कुमार विश्वास ने, शायद यही केजरीवाल के नसीब में था कि जिस प्रकार उन्होंने कुमार विश्वास के राजनीतिक करियर पर पूर्णविराम लगाने का षड्यंत्र रचा आज वो लौटकर उन्हीं के पास आ गया।