मुख्य बिंदु
- भारत में निर्मित सुजुकी-टोयोटा की इलेक्ट्रिक SUV होगी चौड़ी, क्रेटा से ज्यादा लंबा होगा इसका व्हीलबेस
- 48kWh और 59kWh बैटरी पैक रखने की क्षमता, 400-500km का ड्राइविंग रेंज करेगी प्रदान
- टाटा नेक्सन EV के आस-पास होगी इसकी कीमत
देश की दो बड़ी कंपनियां सुजुकी और टोयोटा पूरी तरह से भारत में निर्मित इलेक्ट्रिक व्हीकल ला रही हैं। भारत में इलेक्ट्रॉनिक वाहन बाजार दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। वैश्विक ऑटोमोबाइल दिग्गज सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन और टोयोटा मोटर कॉरपोरेशन अपनी भारतीय सहायक कंपनियों के माध्यम से 2025 तक भारतीय बाजार में एक मिड साइज SUV लॉन्च करने के लिए तैयार है। क्रेटा जैसी SUV की तुलना में सुजुकी और टोयोटा की SUV लंबी और चौड़ी होने के कारण लोगों का ध्यान आकर्षित करेगी। नई मारुति इलेक्ट्रिक एसयूवी का निर्माण सुजुकी के गुजरात स्थित प्लांट में किया जाएगा। भारत में तैयार की जाने वाली इस इलेक्ट्रिक कार का दुनियाभर के बाजारों में निर्यात किया जाएगा।
EV सेक्टर में सुजुकी-टोयोटा की एंट्री
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों कंपनियां प्रति वर्ष मॉडल की करीब 1,14,000 इकाइयों का निर्माण करने की सोच रही हैं। इसके अलावा, मेड-इन-इंडिया कार को यूरोप और थाईलैंड के बाजार में निर्यात किया जा सकता है। ऑटोकार इंडिया के अनुसार, मॉडल का कोडनेम YY8 बताया जा रहा है और यह एक नई डिजाइन में लांच किया जाएगा। भविष्य में होने वाले बदलावों को देखते हुए मॉडल का निर्माण किया जा रहा है और मौजूदा IC (आंतरिक दहन) इंजन रेंज की स्टाइल से मौलिक रूप से अलग होने की उम्मीद है। वहीं, इलेक्ट्रिक कार का विकास कार्य जारी है। हालांकि, दोनों कंपनियों ने अभी तक विनिर्माण संयंत्र की स्थापना पर फैसला नहीं किया है। बता दें कि कार में 48kWh या 59kWh बैटरी पैक होगा, जो 400-500km ड्राइविंग रेंज देगा और टाटा के Nexon EV के साथ प्रतिस्पर्धा को देखते हुए इसकी कीमत में भी प्रतिस्पर्धा होगी।
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टाटा ने बढ़ाई प्रतिस्पर्धा
इस बीच, जैसा कि TFI के एक रिपोर्ट में कहा गया है कि टाटा EV की बिक्री का विस्तार करने के लिए मध्यम वर्ग के बाजार का दोहन करने की तलाश में है। खबरों के अनुसार, टाटा मोटर्स अपने इलेक्ट्रिक कार नैनो के साथ वापसी करने को तैयार है। इलेक्ट्रा ईवी, एक फर्म जो टाटा मोटर्स और कई अन्य वाहन निर्माताओं को EV समाधान प्रदान करती है, उसने हाल ही में अपने संस्थापक रतन टाटा को एक कस्टम-निर्मित इलेक्ट्रिक नैनो प्रदान की है। इलेक्ट्रा ईवी ने अपने लिंक्डइन पेज पर लिखा, “टीम इलेक्ट्रा ईवी के लिए यह गौरव का क्षण है जब हमारे संस्थापक इलेक्ट्रा ईवी के पावरट्रेन की इंजीनियरिंग ताकत द्वारा संचालित कस्टम-निर्मित 72वी नैनो ईवी में सवारी कर रहे हैं। हमें श्री टाटा को नैनो ईवी देने और उनकी अमूल्य प्रतिक्रिया से बहुत गर्व है।”
मेक इन इंडिया को सुजुकी-टोयोटा ने बनाया सफल
बता दें कि भारत अपनी गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 2030 तक 500 GW तक लाने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। वर्तमान में, इलेक्ट्रिक वाहन भारत में बेचे जाने वाले कुल वाहनों का केवल 1.3 प्रतिशत हैं। हालांकि, यह उम्मीद की जाती है कि 90 प्रतिशत CAGR के साथ इसका बाजार पूंजीकरण 2030 तक 150 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
वहीं, भारत सरकार के समर्थन ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान में, मोदी सरकार की पीएलआई योजना इलेक्ट्रिक वाहनों को 26,058 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है। एक इलेक्ट्रिक वाहन में 1 किलोमीटर की सवारी के लिए औसतन एक ग्राहक 80 पैसे का भुगतान करता है। ऐसे में, ऑटोमोबाइल कंपनियां समझती हैं कि अगर उन्हें EV बाजार पर अपना दबदबा बनाना है, तो उन्हें जल्द से जल्द भारत में कम्पनी लगाने की जरूरत है। वहीं, यह कहना गलत नहीं होगा कि मेक इन इंडिया को सुजुकी-टोयोटा ने अपनी इस स्वागत योग्य पहल से सफल बनाया है।