महाराष्ट्र की राजनीतिक गलियारों में हलचलें थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य के सत्ताधारी गठबंधन की ओर से लगातार भाजपा को निशाने पर लिया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में आर्थिक लेनदेन में हुई गड़बड़ी के आरोप में ईडी ने शिवसेना के कई नेताओं और संजय राउत के करीबियों को रडार पर लिया है, जिससे संजय राउत बौखलाए हुए हैं।
संजय राउत ने भाजपा नेताओं को धमकी देते हुए उन्हें जेल भेजने की बात कही है। राउत ने मीडिया में बयान देते हुए कहा है कि “अगले कुछ दिनों में बीजेपी के साढ़े तीन लोग जेल में होंगे। हमने बहुत बर्दाश्त किया है, अब बर्बाद भी हम ही करेंगे।” राउत ने आगे कहा, ” शिवसेना भवन में मंगलवार को 4 बजे हमारी प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। इस दौरान शिवसेना के सभी बड़े नेता, सांसद और विधायक मौजूद रहेंगे। हमाम में सब नंगे होते हैं। नींद उड़ गई है उनकी, जो करना है उखाड़ लिजिए, मैं डरनेवाला नहीं हूं।”
और पढ़ें: महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की ईंट से ईंट बजा रही है देवेंद्र फडणवीस और नारायण राणे की जोड़ी
ईडी ने संजय राउत की पत्नी को भेजा था समन
ध्यान देने वाली बात है कि ईडी 1034 करोड़ के पात्रा चावला भूमि घोटाले की जांच कर रही थी। जांच के दौरान पता चला था कि प्रवीण राउत ने अपनी पत्नी के खाते से शिवसेना नेता संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को 55 लाख रुपये का भुगतान किया था। प्रवीण राउत इस घोटाले का एक मुख्य आरोपी है, इसी महीने में ईडी द्वारा उसकी गिरफ्तारी को आगे बढ़ाने की मांग की गई थी। ईडी ने संजय राउत की पत्नी को इस मामले में समन भी भेजा था।
संजय राउत ने पिछले दिनों यह दावा किया था कि उत्तर प्रदेश में सपा जीत रही है, इसलिए भाजपा बौखला गई है और महाराष्ट्र में नेताओं पर कार्रवाई हो रही है। उसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र में होने वाली कार्रवाई को गोवा में भाजपा की कथित कमजोर स्थिति से भी जोड़ दिया। अब राउत का दिमागी संतुलन ठीक नहीं है या वजह कुछ और है, यह नहीं बताया जा सकता, किंतु इतना तो स्पष्ट है कि वह जो बात कह रहे हैं, उसमें कोई ओर-छोर नहीं है! यदि भाजपा उत्तर प्रदेश का चुनाव हार रही है, तो वह इसके लिए सपा के नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई करेगी! गोवा में पराजय सुनिश्चित दिखेगी, तो कार्रवाई गोवा में होगी! पर इन दोनों राज्यों का महाराष्ट्र से क्या लेना देना है, यह समझ से परे है।
केपी ओली सिंड्रोम से ग्रस्त हैं संजय राउत!
संभवत: संजय राउत केपी ओली सिंड्रोम से ग्रस्त हैं, जिस प्रकार नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली को पूरा ब्रह्मांड नेपाल दिखाई देता था, उसी प्रकार संजय राउत को विश्व में हो रही सभी घटनाओं के पीछे शिवसेना और भाजपा का आपसी टकराव दिखाई देता है! राउत सोचते हैं कि भाजपा शिवसेना से डर गई है, जबकि वास्तविकता यह है कि शिवसेना खुद गठबंधन में सरकार चला रही है और भाजपा अकेले तीन दलों का सामना कर रही है। सच यह है कि विधानसभा में शिवसेना के पास जितनी सीटें हैं, उसकी दोगुनी सीट भाजपा के पास है और शिवसेना स्वयं तीसरे नंबर की पार्टी है।
गौरतलब है कि शिवसेना को अपनी सरकार की सांस चलाने के लिए शरद पवार के रहम पर जीना पड़ रहा है, गांधी परिवार की चाटुकारिता करनी पड़ रही है! राउत को ऐसी बयानबाजी से बचना चाहिए और कुछ दिन राहुल गांधी के साथ विदेश यात्रा करनी चाहिए! रही बात भाजपा की घटती शक्ति की, तो हाल ही में महाराष्ट्र में हुए उपचुनाव और बैंक कॉरपोरेशन चुनाव में भाजपा की सफलता ने यह बता दिया है कि किस दल की शक्ति घट रही है और किसकी बढ़ रही है। रही सही कसर मुंबई मुंसिपल कॉरपोरेशन के आगामी चुनाव में पूरी हो जाएगी, जब शिवसेना अपना किला बचाने के लिए मैदान में भाजपा का सामना करेगी।