पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले ही नहले पर दहला हो गया। सभी को चौंकाते हुए कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब कांग्रेस के प्रख्यात नेता नवजोत सिंह सिद्धू के स्थान पर पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को अपने अगले CM चेहरे के रूप में पंजाब कांग्रेस का प्रतिनिधि चुना है। जिस कुर्सी को पाने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू ने तरह-तरह के तिकड़म आजमाए थे, यहां तक कि उन्होंने पंजाब कांग्रेस के सबसे चमकते सितारे (कैप्टन अमरिंदर सिंह ) को भी धक्के मारकर बाहर निकलवाया।
अब उसी कुर्सी की रेस से वो ऐसे आउट हो चके हैं जैसे 1990 के एक क्लासिक मैच में वकार युनुस ने अपनी पहले ही गेंद पर उन्हें क्लीन बोल्ड किया था। पंजाब के CM बनने के लिए संसार से लड़ने को उद्यत नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस पार्टी ने ऐसी स्थिति में लाकर पटक दिया है कि न वह घर के रहे और न ही घाट के।
और पढ़ें: सिद्धू की बहन उनसे घृणा करती है और वास्तविकता जानकर आप भी करेंगे
पंजाब में चन्नी के आगे सिद्धू चित
हाल ही में, पंजाब कांग्रेस ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस की ओर से पंजाब का CM उम्मीदवार घोषित किया है। राहुल गांधी ने इसकी औपचारिक घोषणा करते हुए बताया कि, “हमने पंजाब के मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने से पहले कार्यकर्ताओं, वर्किंग कमेटी के लोगों और सदस्यों से बात की थी। सभी ने एक ‘गरीब व्यक्ति’ को सीएम पद पर बैठाने की माँग की। चन्नी गरीब परिवार से आते हैं औऱ उन्होंने बहुत ही करीब से न केवल गरीबी को देखा है बल्कि उसे जिया भी है। उन्होंने कहा, सबसे बड़ी बात उनमें किसी भी तरह का अहंकार नहीं है और वो लोगों के बीच जाते हैं।”
अब राहुलगांधी ने कितना सत्य बोला और कितना असत्य ये चर्चा का विषय है, परन्तु इतना तो स्पष्ट हो गया है कि नवजोत सिंह सिद्धू न घर के रहे न घाट के और इस बात का लाभ उठाने में कोई भी विपक्षी नहीं चूकेगा। स्वयं कैप्टन अमरिन्दर सिंह इस स्थिति का जमकर लाभ उठा रहे हैं। विश्वास नहीं होता तो उनके पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का सोशल मीडिया हैंडल देख लीजिये, वहां तो अलग ही रौनक छाई हुई है।
Hain g? #CurtainsForSidhu pic.twitter.com/ry4Dchcash
— Punjab Lok Congress (@plcpunjab) February 6, 2022
पंजाब लोक कांग्रेस तो नवजोत सिंह सिद्धू का न केवल उपहास उड़ा रही है अपितु उनको लेकर एक ट्विटर हैशटैग #CurtainsForSidhu भी ट्रेंड कर रहा है। अपने एक व्यंग्यात्मक ट्वीट में पंजाब लोक कांग्रेस ने लिखा है, “ठोको, ठोको, रुको, ज़ोर से ठोको!”
Thoko
ThokoRuko!!
Zoor k Thoko! #CurtainsForSidhu
— Punjab Lok Congress (@plcpunjab) February 6, 2022
A picture is worth a thousand words. pic.twitter.com/zZp9DRL1wH
— Punjab Lok Congress (@plcpunjab) February 6, 2022
सिद्धू का राजनीतिक करियर अब समाप्ति की ओर है
ऐसे में, सवाल उठना स्वाभाविक है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह नवजोत सिंह सिद्धू के गम से इतना प्रसन्न क्यों है? दरअसल, जिस पार्टी को सींचकर उन्होंने पंजाब में लड़ने योग्य बनाया, जिस पार्टी के लिए वे राहुल गांधी जैसे अयोग्य और अशिष्ट नेता तक से 2017 विधानसभा चुनाव में अपने नेतृत्व को सुदृढ़ रखने हेतु भिड़ गए उसे एक ऐसे नेता ने अपदस्थ किया, जो कांग्रेस के लिए एक टिशू पेपर से अधिक कुछ नहीं था और पलटने में तो शायद नीतीश कुमार को भी एक बार टक्कर दे देता।
इसी विषय पर TFI के संस्थापक श्री अतुल मिश्रा ने सिद्धू की राजनीतिक यात्रा के बारे में ट्वीट करते हुए लिखा, “ठीक है तो सिद्धू को लाया गया कैप्टन को हटाने, चन्नी को लाया गया सिद्धू को हटाने के लिए अब कैप्टन [अमरिन्दर] भाजपा गठबंधन के अघोषित CM उम्मीदवार है, और चन्नी को कांग्रेस पार्टी का CM उम्मीदवार बनाया गया है। तो सिद्धू पाजी अब केवल पार्टी बदलने वाले नखरेबाज फेंकूचंद तक ही सीमित रह गए हैं, ठोकों ताली!”
Okay so Sidhu was brought in to remove Captain.
Then Channi was brought in to remove Sidhu.
Captain is the undeclared CM face of BJP+ alliance
Channi is the declared CM face of Congress party
So Sidhu is now just a party-switching-tantrum-throwing-has-been. Thoko Taali.
— Atul Mishra (@TheAtulMishra) February 6, 2022
और पढ़ें: जब सिद्धू और चन्नी भिड़ेंगे, तो लड़ाई राहुल और प्रियंका के वर्चस्व की भी होगी
बता दें कि पंजाब में सिद्धू ने अपनी ही पार्टी की प्रदेश सरकार से कई मुद्दों को लेकर बगावत की। इसके अलावा सिद्धू के पास प्रदेश में कुल तीस फीसदी दलित सिखों के बीच लोकप्रियता कम है जबकि इस रेस में चन्नी उनसे आगे हैं। वहीं, सिद्धू पजाब में कांग्रेस पार्टी से हटकर अपना विकास मॉडल लोगों के बीच प्रस्तुत करते आये हैं। हालांकि, उनके विकास मॉडल से पार्टी असंतुष्ट थी। ऐसे में, नवजोत सिंह सिद्धू की राजनीति धीरे- धीरे समाप्ति की ओर बढ़ रही है। सिद्धू पंजाब कांग्रेस को हथियाने और कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अकड़ को धूल में मिलाने का प्रत्यन कर रहे थे लेकिन अंत में नवजोत सिंह सिद्धू को ही खाली हाथ लौटने पर मजबूर होना पड़ा!