कैसे मोदी के करीबी प्रफुल्ल पटेल CM केजरीवाल को अपंग करने जा रहे हैं?

केजरीवाल की अब लंका लगने वाली है!

PM Modi and Prafull Patel

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बॉलीवुड की एक मूवी में एक डायलॉग है कि ‘आग लगी नहीं और धुआं उठने भी लगा।’ कुछ ऐसा ही हाल दिल्ली की राजनीति का हो गया है, जहां कई फैसले होते नहीं पर उनके होने से पूर्व उस पर अग्रिम प्रतिक्रिया आ जाती है। दिल्ली में नए उप राज्यपाल के तौर पर प्रफुल्ल पटेल का नाम बीते कई दिनों से राजधानी में सुर्खियां बटोर रहा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा यदि प्रधानमंत्री मोदी के विश्वासपात्र प्रफुल्ल पटेल को दिल्ली का उप राज्यपाल बनाया जाता है तो कैसे सीएम अरविंद केजरीवाल राजनीतिक रूप से अपंग हो जाएंगे। जिस प्रकार दिल्ली के स्वघोषित मालिक अरविन्द केजरीवाल और उनके साथी दिल्ली पर अपना एकछत्र राज कायम करना चाहते हैं, प्रफुल्ल पटेल के आने से वो सपना भी धराशाई हो सकता है।

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पीएम मोदी के विश्वासपात्र हैं पटेल

दरअसल, बीते शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने एक ट्वीट कर राज्य का सियासी पारा चढ़ा दिया था। अपने ट्वीट में केजरीवाल ने एक सवाल पूछा था कि “क्या लक्षद्वीप के प्रशासक श्री प्रफुल्ल पटेल को दिल्ली का अगला उप राज्यपाल बनाया जा रहा है?” यूं तो अब तक दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल हैं, ऐसे में प्रफुल्ल पटेल का नाम एकाएक सुर्ख़ियों में आना आश्चर्यजनक था। राज्य के मौजूदा उप राज्यपाल 1969 बैच के यूटी कैडर के अधिकारी रह चुके हैं। वर्ष 2016 में उन्हें दिल्ली का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था। बीते दिसंबर 2021 को उनका यह कार्यकाल पूर्ण हो गया था, ऐसे में अब नए नामों को लेकर संभावनाओं का बाजार गर्म हो चला है। इसमें सबसे बड़ा नाम प्रफुल्ल खोड़ाभाई पटेल का है, जिन्हें पीएम मोदी का विश्वासपात्र माना जाता है।

क्या केजरीवाल सरकार पर कसने वाली है नकेल?

गौरतलब है कि दिल्ली में दो बार से लगातार प्रचंड बहुमत से सरकार बना रही आम आदमी पार्टी के रिश्ते कभी भी केंद्र सरकार से मित्रवत नहीं रहे हैं। कोरोना काल में जैसे-तैसे सरकार ने काम किया पर कहानी वही पुराने ढर्रे पर है, जहां सीएम अरविन्द केजरीवाल और केंद्र के बीच मध्यस्त उप राज्यपाल से राज्य सरकार की ठनी रहती है। जब भी कोई नीतिगत बदलाव केंद्र सरकार की ओर से सुनिश्चित होता है और राज्यों को उन योजनाओं को लागू करने के लिए कहा जाता है, तो लगभग सभी गैर-बीजेपी शासित राज्य अपने राजनीतिक द्वेष के आगे जनता के हितकर योजनाओं पर भी कुंडली मारकर बैठ जाते हैं। दिल्ली में भी यही हालात हैं और ऐसा कई बार देखने को मिला है कि केजरीवाल सरकार केंद्र की योजनाओं को राज्य में लागू करने से हिचकती रही है!

उपराज्यपाल की न सुनने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए पहले नजीब जंग (पूर्व उप राज्यपाल) आंखों से खटकते थे और अब अनिल बैजल नासूर लगते हैं। क्योंकि ये लोग संवैधानिक रूप से दिल्ली के हालात को लेकर केंद्र को सूचित करते हैं और इसी कारण ये केजरीवाल को पसंद नहीं आते! ऐसे में अब केजरीवाल प्रफुल्ल पटेल को लेकर भी बवाल मचाने के फिराक में हैं! हालांकि, प्रफुल्ल पटेल का इतिहास भी लाजवाब रहा है। वो गुजरात में नरेंद्र मोदी सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं। लक्षद्वीप में लिए गए उनके फ़ैसलों से फैली नाराज़गी किसी से छिपी नहीं है, जहां उन्होंने बीफ बिक्री पर पूर्ण रूप से बैन लगा दिया था। अपने कड़े फैसलों के लिए चर्चित प्रफुल पटेल यदि दिल्ली आते हैं, तो इस बात की पूरी संभावना है कि अब तक छुट्टा जानवर की भांति चल रही दिल्ली सरकार पर संवैधानिक नकेल उनके द्वारा कस दी जाएगी!

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