दुराचारी दुराचार करके निकल जाता है और पीड़ित पीछे छूट जाते हैं रोते हुए बिलखते हुए। कुछ ऐसा ही 20 फरवरी को कर्नाटक के शिवमोगा स्थित बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की लिंचिंग के बाद हुआ। 26 वर्षीय हर्षा की कथित रूप से शिवमोगा में बीते माह हत्या कर दी गई थी। इसके बाद हिजाब विवाद से जुड़े इस लिंचिंग के तार ने और आग पकड़ ली और मामला कर्नाटक से पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया था। ऐसे में अब जांच को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया गया है जिससे आरोपियों पर शीघ्र-अतिशीघ्र कार्यवाई सुनिश्चित करने की पहल को आगे बढ़ा दिया गया है।
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कर्नाटक में बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या से बवाल
मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा यह दुस्साहस आम नहीं रहा, आए दिन ऐसी ख़बरों से जनता को दोचार होना ही पड़ता है। देश में पिछले कुछ वर्षों से राइट विंग कार्यकर्ताओं की हत्या के बहुत सारे मामले सामने आये हैं। हिन्दुओं और उनसे जुड़े संगठनों के खिलाफ बढ़ती नफरत देश के लिए खतरा साबित हो रही है। इसी कड़ी में कर्नाटक में बजरंगदल के कार्यकर्ता की हत्या से देश में बीते एक माह से बवाल मचा हुआ है। विडंबना की बात तो यह है कि हम ऐसे देश में रहते हैं, जहां पर बुर्का की मांग करने वाली मुस्कान को पैसे और तमाम चीजें दी जाती हैं और दूसरी ओर बजरंग दल कार्यकर्ता द्वारा सामान स्कूली कपड़े की मांग करने पर उसकी हत्या कर दी जाती है।
ऐसे में हर्ष हिंदू के नाम से मशहूर बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्ष नागराज की हत्या के मामले में एनआईए ने बुधवार को नई दिल्ली की एक अदालत में औपचारिक शिकायत दर्ज की है। कर्नाटक पुलिस ने एनआईए को जांच सौंपी थी। पुलिस ने 2 मार्च को हत्या के मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया था और गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धाराएं लगाई थीं। एनआईए अब शिवमोगा में जांच शुरू करने के लिए गिरफ्तार संदिग्धों की हिरासत की मांग कर सकती है।
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखा गया था एक पत्र
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री और कर्नाटक की भाजपा नेता शोभा करंदलाजे ने दक्षिणपंथी कार्यकर्ता की हत्या मामले में 22 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखकर मामले की जांच एजेंसी द्वारा किए जाने की मांग की थी।
शिवमोगा में बजरंग दल के 27 वर्षीय कार्यकर्ता हर्षा की एक स्थानीय मुस्लिम गिरोह ने कथित तौर पर हत्या कर दी थी। 30 वर्षीय मोहम्मद काशिफ, जो आरोपियों में से एक है। कई आरोपियों के खिलाफ मारपीट, चोरी और डकैती के कई मामले हैं। कर्नाटक पुलिस ने कथित तौर पर हर्ष की हत्या के पीछे एक बड़ी साजिश के संदेह का संकेत दिया है, क्योंकि वह शिवमोगा के कुछ कॉलेजों में हिजाब प्रतिबंध के समर्थन में शामिल था। ऐसे में अब जांच INA के हाथों में जाने से यह तो तय है कि अब समय और नहीं लगेगा और हर्षा को न्याय मिलेगा।
सत्य तो यह है कि आज भी देश का एक तबका ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसे हालातों को पुनर्जीवित करना चाहता है। उनका एकमात्र मकसद यही है कि किसी भी तरह हिन्दू और हिन्दुओं को ख़त्म करो। लेकिन अब समय आ गया है कि UAPA से कहीं अधिक इस देश को धार्मिक वैमन्सयता पैदा करने वालों के विरुद्ध ऐसे कड़े कानून बनाने चाहिए कि ऐसा कुछ करने से यह तत्व 1000 बार सोचें।
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