एक बार फिर हो गया साबित, रूस ही है भारत का सबसे अच्छा मित्र

गहरी हो रही है भारत रूस की मित्रता

भारत और रूस की मित्रता किसी से छुपी नहीं है। रूस के साथ द्विपक्षीय संबंध भारत की विदेश नीति का एक प्रमुख स्तंभ हैं। इसी बीच रूस और यूक्रेन के बीच विध्वंशक युद्ध की शुरुआत हो गई है जिसके बाद पश्चिम देशों और वामपंथी मीडिया भारत की तरफ नज़र गड़ाए हुई हैं। कुछ देश और मीडिया संस्थानों ने यहां तक लेख लिखना शुरू कर दिया की रूस और यूक्रेन के युद्ध से भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को नुकसान पहुंचेगा पर आज के परिदृश्य की बात करें तो अब रूस पूरी तरह से भारत के साथ खड़ा दिखाई पड़ रहा है और ऐसा हो भी क्यों ना, जब पूरा पश्चिम देश रूस के खिलाफ खड़ा है उस समय भारत सभी दबावों को दरकिनार कर रूस की सहायता के लिए अग्रसर है।

रूस ने भारत को आश्वासन दिया है कि मास्को के खिलाफ घोषित पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद भारत के साथ रक्षा आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी और यह सुनिश्चित करने के लिए उनके पास वैकल्पिक तंत्र मौजूद हैं और उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि S-400 वायु रक्षा प्रणाली जैसे महत्वपूर्ण अनुबंध बाधित न हों।

घोषित प्रतिबंधों के बड़े होने की नहीं है उम्मीद

रूस का पक्ष सामने आने के बाद भारतीय वायु सेना (IAF), जो कि Su-30MKI और मिग श्रृंखला के लड़ाकू विमानों सहित रूसी मूल के विभिन्न उपकरणों का संचालन करती है, ने भी कहा है कि कुछ कठिनाइयां हो सकती हैं, लेकिन घोषित प्रतिबंधों के बड़े होने की उम्मीद नहीं है।

और पढ़ें:-  मीडिया को रोने दीजिए, भारत-रूस ट्रेड संबंध और मजबूत होने वाले हैं

इस मामले में एयर स्टाफ के वाइस चीफ एयर मार्शल संदीप सिंह ने कहा, “चीजें अभी भी सामने आ रही हैं (लेकिन) मुझे नहीं लगता कि यह हम पर असर करेगी।” “हमारी स्थिति बहुत मजबूत है, दोनों देशों के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं। हम मूल्यांकन कर रहे हैं, कुछ कठिनाइयाँ होंगी लेकिन यह हमें बहुत अधिक प्रभावित नहीं करना चाहिए। मुझे विश्वास है कि यह हमें महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं करेगा।”

मिल चुका है S-400 प्रणाली का पहला बैच

वायु सेना को पहले ही S-400 प्रणाली का पहला बैच मिल चुका है और वह अपने लड़ाकू बेड़े के पुर्जों के लिए रूसी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर है, जिनमें से अधिकांश रूसी मूल के हैं। जबकि स्वदेशीकरण की दिशा में प्रयास किए गए हैं, रूस से नियमित आपूर्ति बेड़े को चालू रखने के लिए महत्वपूर्ण है। इस बीच रूस ईस्टर्न ब्लॉक बनाने की कोशिश कर रहा है जिसमें भारत और चीन भी साथ आ सकते हैं। और अगर जिस दिन यह ईस्टर्न ब्लॉक बन जाएगा उसके बाद पश्चिमी देशों का वजूद ही समाप्त हो जाएगा।

और पढ़ें:- अमेरिका के विरोध की धज्जियां उड़ाते हुए भारत हासिल कर रहा है S-400, रूस द्वारा आपूर्ति आरंभ

भारत और रूस के बीच मित्रता का एक और उदहारण तब सामने आया जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खार्किव शहर में फंसे भारतीय छात्रों को तत्काल निकालने पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की।

अपने वीडियो कॉल के दौरान पुतिन ने क्या कहा?

खबरों के अनुसार, बुधवार को अपने वीडियो कॉल के दौरान पुतिन ने कहा कि उन्होंने रूसी सैनिकों को “सशस्त्र संघर्ष क्षेत्र से भारतीय नागरिकों के सुरक्षित निकास और उनकी मातृभूमि में वापसी सुनिश्चित करने के लिए” आदेश दिया है। और उन्होंने आश्वासन दिया है कि जब तक भारतीय नागरिक यूक्रेन की सीमा से बाहर नहीं आ जाते वो यूक्रेन पर कार्पेट बॉम्बिंग नहीं करेंगे।

वहीं बुधवार को यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि रूसी पैराट्रूपर्स पूर्वी शहर में उतरे थे और सड़कों पर लड़ाई चल रही थी। इस बीच, रूस के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि यूक्रेनी अधिकारियों ने भारतीय छात्रों के एक समूह को बलपूर्वक पकड़ रखा है। ऐसे कई वीडियो भी भारतीय छात्रों के प्रकाश में आए हैं जहां यूक्रेनी सेनाओं द्वारा भारतीय छात्रों को पीटा गया था।

और पढ़ें:- जहाँ अमेरिका, ब्रिटेन और चीन ने अपने नागरिकों को यूक्रेन में छोड़ दिया, वहीं भारत ने 60 फीसदी भारतीयों को बाहर निकाला

वहीं इस खबर के सामने आने के बाद भारतीय मीडिया की खबरों में कहा गया कि नई दिल्ली ने अपने छात्रों को यूक्रेन में बंधक बनाए जाने की खबरों का खंडन किया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह यूक्रेन में भारतीय नागरिकों के साथ लगातार संपर्क में हैं।

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हमने खार्किव और पड़ोसी क्षेत्रों से छात्रों को देश के पश्चिमी हिस्से में ले जाने के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने में यूक्रेनी अधिकारियों के समर्थन का अनुरोध किया है। “हमें किसी भी छात्र के संबंध में किसी भी बंधक की स्थिति की रिपोर्ट नहीं मिली है।

भारत का 25 वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है रूस

वर्तमान में रूस भारत का 25 वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। अप्रैल 2020-मार्च 2021 के दौरान, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 8.1 बिलियन डॉलर था, जिसमें भारतीय निर्यात 2.6 बिलियन डॉलर और रूस से 5.48 बिलियन डॉलर का आयात हुआ। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान रूस को भारतीय निर्यात 2.5 अरब डॉलर का रहा और रूस से आयात 6.9 अरब डॉलर था। अब द्विपक्षीय व्यापार के आंकड़े शायद उतने अच्छे न रहें लेकिन रूस वास्तव में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापार भागीदार है।

गौरतलब है कि भारत रूस से ईंधन, खनिज तेल, मोती, कीमती पत्थर, परमाणु रिएक्टर, बॉयलर, मशीनरी, विद्युत मशीनरी और यांत्रिक उपकरणों का आयात करता है। दूसरी ओर, रूस भारत से फार्मा उत्पाद, विद्युत मशीनरी और उपकरण, जैविक रसायन और वाहन आयात करता है। वहीं यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के बाद भी यह साफ़ हो गया है कि भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय समझौता में रुकावट नहीं आएगी चाहे कोई भी परिस्थिति सामने आ जाए।

Exit mobile version