जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी….ऐसा ही हाल आज समाज में स्वघोषित पढ़े-लिखे, मॉडर्न और सेक्युलर तबके का हो गया है। उसे भगवान हैं यह मानने में तो परहेज है ही पर अब उस भगवन की आलोचना करने से भी यह शैतान तत्व बाज नहीं आ रहे हैं। यह सब अब उन शिक्षण संस्थाओं में खुलेआम हो रहा है जहां से भारत की अफसरशाही की नींव रखी जाती है। सिविल सेवा परीक्षा के लिए भारत के अग्रणी कोचिंग संस्थानों में से एक विजन आईएएस का एक वीडियो वायरल होने के बाद सभी वर्गों में भारी ऊहापोह की स्थिति बन गई है। उनकी एक फैकल्टी कथित तौर पर ‘इस्लामिक प्रोपेगैंडा’ फैला रही थी ऐसा वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है। परंतु Vision IAS की ओर से एक भी आधिकारिक माफीनामा तो दूर खेद जताना भी आवश्यक नहीं समझा गया।
Very clearly a targeted campaign is going on
Suspended @wokeflix_ now for showing truth and facts
— Kapil Mishra (Modi Ka Pariwar) (@KapilMishra_IND) March 1, 2022
So this Hindu hating bigot Smriti Shah has been poisoning the minds of students of @Vision_IAS for NINE long years? Feeding them lies like Izlam is liberal, Owaisi is ‘learned’ and Hindus of Haryana and Punjab ‘purchase 1 wife for 5 sons’? pic.twitter.com/JLfnQVNVXp
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) March 1, 2022
आखिर किस बारे में था वीडियो?
दरअसल, Vision IAS की संकाय सदस्य स्मृति शाह ने कहा था कि भक्ति आंदोलन की उत्पत्ति इस्लाम के ‘उदार विचारों’ के प्रसार के कारण हुआ था। जहां वीडियो में उन्होंने ‘समानता’ और ‘जातिविहीन’ समाज की बात की थी। प्रश्न ये है कि आखिर किस बारे में था यह वीडियो? तो वायरल वीडियो में स्कूल की सदस्य स्मृति शाह कहती हैं कि ‘इस्लाम भारत में 7वीं सदी में आया। यह बहुत उदार था और समानता की बात करता था और उस काल तक जाति व्यवस्था भी नहीं थी।
Wah bhai wah @Vision_IAS Brainwashing ki badi badhiya dukan kholi hai. @dpradhanbjp ji, please note. Is this kind of radical propaganda of a religion at the cost of another allowed by your ministry? Every Indian must help stop this brainwashing of students. https://t.co/ZyA6epGdPl
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) February 27, 2022
अपने तर्कों को सटीक सिद्ध करने के लिए स्मृति कहती हैं कि पीएम मोदी ने सऊदी किंग को भारत में बनी पहली मस्जिद चेरामन जुमा मस्जिद का एक मिनिएचर गिफ्ट किया था। इस्लाम इस मस्जिद के बनने से पूर्व अस्तित्व में नहीं आया था परंतु उसके अंश आ चुके थे और अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया था। यह किसी भी कठोरता और जातिवाद से मुक्त था। इस्लाम की एक विशेषता थी जो एक ईश्वर (अल्लाह) के प्रति पूर्ण भक्ति की बात करती थी। वे एक ईश्वर की अवधारणा के बारे में बात कर रहे थे।”
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Why is @wokeflix_ account suspended by @TwitterIndia? They only shared classy memes, were never abusive.
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) March 1, 2022
IAS बनने की पढ़ाई के बीच घुसाया जा रहा इस्लामिक प्रोपेगेंडा !
स्मृति शाह के हर एक वाक्य में इस्लाम के प्रति सौम्य झुकाव तो है ही परंतु यह Vision IAS संस्था की जवाबदेही थी जिसकी पूर्ति उनमें से किसी ने भी नहीं की। इस्लाम को उदारवादी बताने वाली स्मृति शाह की यह एकमात्र वीडियो नहीं है जिसमें उनके मुख से इस्लाम के प्रति फूल झड़ रहे थे बल्कि ऐसे वीडियो कि एक लंबी श्रृंखला है जिसमें पढ़ाई के अतिरिक्त कट्टरपंथ को पोषित करने वाली स्मृति शाह का कोई तोड़ ही नहीं है। IAS बनने की पढ़ाई के बीच कैसे इस्लामिक प्रोपेगेंडा को घुसा उसको पढ़ाया जाए इसका रास्ता स्मृति शाह ने “भक्ति आंदोलन” की साख पर रखकर निकला तो चाहा पर सोशल मीडिया के इस युग में उनके मंसूबों पर पानी की झमाझम बरसात ही हो गई।
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कश्मीर मुद्दे पर पानी पानी हो चुकी हैं स्मृति शाह!
एक वीडियो में स्मृति शाह शेख अब्दुल्ला पर मेहरबान होकर उसे सबसे बड़ा लिबरल और समाजवादी विचारों वाला बता दिया। एकाएक मैडम ने कश्मीरी पंडितों पर हुई प्रताड़ना और पलायन को भी जायज़ ठहरा दिया। बहुमुखी कट्टरता की धनी इस प्रकांड लिबरल ब्रिगेड की ध्वजवाहिका स्मृति शाह ने हिजाब और बुर्के को ऐसे पेश किया जैसे औरत का गहना ही हो गया हो। कश्मीर मुद्दे पर पानी पानी हो चुकीं स्मृति शाह ने कश्मीर मुद्दे को ऐसे परिभाषित किया कि, हिन्दू तो जमींदार थे और मुस्लिम समुदाय वाले किसान थे। इस तरह से माननीय टीचर ने हिन्दुओं पर हुए अत्याचार की पूरी पटकथा को ही झूठा करार दे दिया। इतना सब होने के बाद भी Vision IAS की आंखों का पानी नहीं मरा, प्रख्यात संस्थान होने के बाद भी चारों ओर अपनी जगहंसाई और थू-थू कराने के बाद भी उसे लज्जा नहीं आई। न ही संस्थान की ओर से माफ़ी मांगी गई और न ही संबंधित फैकल्टी पर दंडात्मक कार्रवाई की गई। हां, खानापूर्ति करते हुए Vision IAS के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक बयान अवश्य आया क्योंकि मामला तब तक तूल पकड़ चुका था। उसमें भी संस्थान स्वयं और उक्त फैकल्टी को Justify करने के अतिरिक्त कुछ और करते नज़र नहीं आए।
Vision IAS statement on recent events surrounding a video clip#VisionIAS pic.twitter.com/0UvZDIDd3c
— Vision IAS (@Vision_IAS) February 27, 2022
सौ बात की एक बात यह है कि Vision IAS की स्मृति शाह को संरक्षण देने और उनके अनर्गल ज्ञान को पोषित करना संस्थान के हिंदू फोबिया को न केवल उजागर करता है बल्कि उसे अपना ध्येय सिद्ध करता है।
So @Vision_IAS is actually Vision Zakir Naik? https://t.co/yzGxiMFl4v
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) February 28, 2022