हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या? अगर कोई आपसे यह कहे कि सूरज पश्चिम से उगता है तो क्या आप विश्वास कर लेंगे? नहीं, क्यूंकि आपको तथ्य के रूप में यह मालूम है कि सूरज पूरब से उगता है। खैर धूर्त लोग तो कहते रहेंगे की नहीं, सूर्य पश्चिम से उगता है लेकिन जो समझदार है वह तथ्यों के साथ जाएगा।
अब इसको दूसरे तरीके से समझने की कोशिश करते हैं। देश को जब कोरोना ने पूरी तरह से जकड़ रखा था तो उस समय भारत बायोटेक ने Covaxin बना लोगों को राहत पहुंचाई थी। Covaxin भारत में निर्मित Covid की पहली वैक्सीन है जिसका लोहा विश्व ने भी माना है। इसी बीच कुछ मानसिक कुंठा से पीड़ित तथाकथित मीडिया समूहों ने अपनी घटिया सोच से देश के वैक्सीन कार्यक्रम को बदनाम करने की कोशिश करते हुए कोवाक्सिन के प्रमाणिकता पर सवाल उठा दिया था। खैर अब जब FDA ने वैक्सीन को प्रमाणिकता दे दिया है तो हम यह कह सकते हैं कि द वायर जैसी एजेंसियों के मुंह पर तमाचा पड़ गया है।
द वायर का झूठ
द वायर ने 29 दिसंबर 2021 को एक लेख में दावा किया था कि “वायरोलॉजिस्ट ने कहा कि वर्तमान में कोवैक्सिन द्वारा उत्पन्न प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। इसपर भारत बायोटेक ने कहा कि Covaxin द्वारा उत्पन्न प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पर डेटा 2020 और 2021 के माध्यम से कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सहकर्मी-समीक्षित पत्रिकाओं में प्रकाशित किया गया है। इसमें बूस्टर खुराक पर डेटा, अधिकारियों को प्रस्तुत किया गया है।
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भारत बायोटेक कंपनी ने कहा कि मीडिया आउटलेट्स द्वारा उपर्युक्त झूठे बयान उनके टीके और कंपनी के खिलाफ कई प्रकाशनों द्वारा साझा किए गए झूठे दावों और गलत सूचनाओं की संख्या के कुछ उदाहरण हैं। उन्होंने कहा था कि कि वे झूठे दावों की ‘तथ्य-जांच’ करना जारी रखेंगे।
दरअसल लाखों और लाखों भारतीयों को प्रतिरक्षा प्रदान करने के बावजूद, भारत बायोटेक को ‘द वायर’ जैसे प्रचार पोर्टलों से नहीं बख्शा गया। वहीं अब भारत बायोटेक ने दोहराया है कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में अपने कोविड -19 टीके लगाने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी अमेरिकी महाद्वीप में सभी आयु समूहों के लिए टीके की आवश्यकता का ध्यान रखेगी। Ocugen Inc., Covaxin नामक कम्पनियां वैक्सीन के लिए कंपनी की US और कनाडाई पार्टनर है।
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अब FDA ने दे दिया है परीक्षण का आदेश-
हैदराबाद स्थित बहुराष्ट्रीय कंपनी ने बताया कि यूएस एफडीए ने वयस्कों में क्लिनिकल परीक्षण करने के लिए चरण 2/3 जांच दवा आवेदन के लिए कोवैक्सिन को मंजूरी दी है। जाहिर है, यूएसए कंपनियों से अपने टीकों को रोल आउट करने से पहले अपने देश में अपना नैदानिक परीक्षण करने के लिए कह रहा है। 4 मार्च को, उन्होंने 32 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के लिए कोवैक्सिन के लिए एक आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) जारी करने से इनकार कर दिया था। उस समय भारत बायोटेक ने कहा था, “ओक्यूजेन कोवाक्सिन के बाल चिकित्सा उपयोग के लिए नियामक मार्गों का मूल्यांकन करने के लिए एफडीए के साथ काम करना जारी रखना चाहता है।
आपको बता दें कि “क्लिनिकल परीक्षण करने की अनुमति भारत बायोटेक के लिए एक बड़ी जीत के रूप में सामने आई है, जो भारत के अंदर और साथ ही भारत के बाहर भी एक अनावश्यक लड़ाई लड़ रही है। द वायर, द हिंदू, डेक्कन हेराल्ड, टाइम्स ग्रुप जैसे मीडिया घरानों ने कंपनी के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार किया है।
हालांकि, भारत बायोटेक ने मामले को कानूनी क्षेत्र में ले जाने का फैसला किया। इसने प्रचार पोर्टल ‘द वायर’ के खिलाफ 100 करोड़ का मानहानि का मुकदमा दायर किया। कोर्ट इस साल 16 मार्च को फैसला सुनाएगी। इस बीच, हैदराबाद में रंगा रेड्डी जिला न्यायालय ने 23 फरवरी को फर्जी नए पोर्टल को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित 14 लेखों को 48 घंटों के भीतर हटाने का आदेश दिया। भारतीय टीकों के लिए पक्षपात और प्रचार का सामना करना कोई नई बात नहीं है क्यूंकि बाहरी पैसे पर चल रही कंपनी को अपने मालिक के प्रति जवाबदेही भी तो देना होता है।
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