जो कही नहीं हुआ वो भारत में होता है, जो कोई नहीं कर पाया वो भारत करता है और जो हो रहा है उससे भारत गौरवान्वित महसूस करता है। जी हां, प्रौद्योगिकी को जितनी रफ़्तार मोदी सरकार के आने के बाद भारत को मिली है उससे अधिक कभी किसी शासन में नहीं मिली और इसका उदाहरण है हाइड्रोजन, उन्नत ईंधन पर आधारित चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ अब भारत का नया अध्याय शुरू होना।
देश की पहली ग्रीन हाईड्रोजन फ्यूल कार हो गयी है लॉन्च
देश की पहली ग्रीन हाईड्रोजन फ्यूल कार बुधवार को लॉन्च की गई। इस कार को देश में गेम चेंजर के रूप में देखा जा रहा है, नितिन गडकरी समेत चार केंद्रीय मंत्रियों ने बुधवार को इसको लॉन्च किया। ऐसे में अब समय आ गया है कि भारतीय सड़कों पर दौड़ेगी दुनिया की सबसे उन्नत हाइड्रोजन कार, ये भारत के लिए नई उपलब्धि और सिद्धि साबित होने वाली है।
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बीते बुधवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में हाइड्रोजन आधारित उन्नत ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहन (FCEV) वाहनों की व्यवहार्यता का परीक्षण करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया गया है। दुनिया के सबसे उन्नत FCEV Toyota Mirai का अध्ययन और मूल्यांकन करने के लिए टोयोटा द्वारा इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) के साथ पायलट प्रोजेक्ट का संचालन किया जाएगा जो हाइड्रोजन पर चलता है।
इस असाधारण टोयोटा मिराई के नाम एक ही टैंक पर 1359 किमी चलने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है, जिससे यह दुनिया की सबसे हरित(ईको फ्रेंडली) कार बन गई है। टोयोटा मिराई के पास एक टैंक पर 650 किमी का ईपीए-प्रमाणित माइलेज है। हाइड्रोजन को पुनः भरने में कम समय लगता है और इलेक्ट्रिक वाहनों की तरह शून्य टेल पाइप उत्सर्जन होता है।
भविष्य का एक महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी विकल्प है
इस परियोजना का उद्देश्य हाइड्रोजन, एफसीईवी प्रौद्योगिकी के बारे में जागरूकता फैलाना और भारत के लिए हाइड्रोजन आधारित समाज का समर्थन करने के लिए इसके लाभों का प्रसार करना है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, ग्रीन हाइड्रोजन द्वारा संचालित परिवहन भविष्य का एक महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी विकल्प होने जा रहा है, विशेष रूप से बड़ी कारों, बसों, ट्रकों, जहाजों और ट्रेनों में और मध्यम से लंबी अवधि के लिए सबसे उपयुक्त है।
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हाल ही में नितिन गडकरी ने कहा कि वह खुद टोयोटा मिराई का इस्तेमाल शुरू करेंगे और फरीदाबाद से इंडियन ऑयल ने इस वाहन के लिए ग्रीन हाइड्रोजन की आपूर्ति करने का आश्वासन दिया है। जब स्वयं एक मंत्री नई योजना को अपनाने और उसके उपयोग करने की पहल करें तो जनता में विश्वास क्यों नहीं आएगा। और तो और यह भारत को प्रदूषण रहित बनाने के लिए छिड़ी मुहिम में मील का पत्थर साबित होने वाला है। निश्चित रूप से अब भारतीय सड़कों पर फर्राटा भरते दिखेगी दुनिया कि सबसे बड़ी उन्नत हाइड्रोजन कार जिसकी नींव बीते बुधवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रख दी है।