पंजाब में अकेले दम पर कांग्रेस को घुटनों पर लाने वाले कांग्रेस के बड़बोले नेता नवजोत सिंह सिद्धू अब ‛बर्बादी मिशन 2.0’ पर आगे बढ़ गए हैं। इस बार भी कहानी के मुख्य पात्र नवजोत सिंह सिद्धू ही है किंतु इस बार उनका निशाना कांग्रेस पार्टी नहीं बल्कि पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी है। इन दिनों मुख्यमंत्री भगवंत मान को ‛पपेट CM’ कहा जा रहा है। इसी बीच कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की तारीफ करते हुए उन्हें अपना छोटा भाई कहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक इमानदार आदमी बताया है।
भगवंत मान के बारे में टिप्पणी करते हुए सिद्धू ने कहा “मैं उन्हें अपना छोटा भाई मानता हूं। वह एक ईमानदार आदमी है। मैंने उस पर कभी उंगली नहीं उठाई। अगर वह इसके खिलाफ (माफिया) लड़ता है, तो मेरा समर्थन उसके साथ है; मैं पार्टी लाइन से ऊपर उठूंगा क्योंकि यह पंजाब के अस्तित्व की लड़ाई है।”
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नवजोत सिंह सिद्धू का यह बयान आम आदमी पार्टी को अंदर से तोड़ने की एक रणनीति का हिस्सा है। कुछ दिनों पूर्व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी और अन्य वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ दिल्ली में बैठक की थी। इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल नहीं थे। केजरीवाल एक केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं जिसे पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त नहीं है जबकि भगवंत मान पंजाब जैसे भारत के प्रमुख राज्य के मुख्यमंत्री हैं। इसके बाद भी भगवंत मान को उन्हीं के राज्य के अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में शामिल नहीं किया गया। ऐसा करके केजरीवाल ने यह साबित किया कि भगवंत मान भले ही पंजाब के मुख्यमंत्री हो किंतु उनकी स्थिति केजरीवाल के अधीनस्थ की है।
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सिद्धू का आप पर डोरे
इस बैठक के बाद विपक्ष आम आदमी पार्टी की सरकार पर हमलावर हो गया और भगवंत मान को कठपुतली मुख्यमंत्री कहा जाने लगा। हालांकि, केजरीवाल की इस हरकत ने भगवंत मान को कितना नाराज किया इसकी तो जानकारी नहीं है किंतु केजरीवाल का व्यवहार जल्द ही आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई में बगावत का कारण बन सकता है। नवजोत सिंह सिद्धू जिनका कांग्रेस में राजनीतिक कैरियर डामाडोल दिख रहा है। सिद्धू चाहते हैं कि भगवंत मान को अपने पक्ष में कर के वह आम आदमी पार्टी में अपने प्रवेश का मार्ग खोल सकें।
किन्तु सिद्धू अपने राजनीतिक हित साधने के लिए आम आदमी पार्टी में पड़ रही दरार को और बड़ा करना चाह रहे हैं। इस प्रकार से सिद्धू कांग्रेस की बर्बादी के बाद आम आदमी पार्टी की बर्बादी के लिए सामान जुटाना शुरू कर चुके हैं। जब कांग्रेस में अंतर्कलह मची थी तब सोशल मीडिया पर मजाक में बहुत से लोग यह कहते है की एक नवजोत सिंह सिद्धू भाजपा के एजेंट हैं और उन्हें अमित शाह द्वारा पंजाब कांग्रेस में तोड़फोड़ का गुप्त मिशन सौंपा गया है। सिद्धू की राजनीतिक गतिविधियों को देखकर संशय है कि यह मजाक कहीं सच तो नहीं है। एक आदमी अकेले बल पर इतना विध्वंस कार्य कैसे हो सकता है? सिद्धू भारतीय राजनीति में एक अनुपम उदाहरण है और उन पर शोधकार्य भी किया जाना चाहिए। भाजपा में रहकर उन्होंने भाजपा का जितना लाभ नहीं किया, उससे अधिक लाभ भाजपा के बाहर रहकर कर रहे हैं।
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