CM बनते ही केजरीवाल के रास्ते पर चले भगवंत मान, खालिस्तानी एजेंडे को दी हवा

आप सरकार आने के बाद पंजाब में क्षेत्रवाद फैलने का डर!

पंजाब भारत

स्रोत - गूगल

भगवंत मान ने सरकार संभालते ही पंजाब में आम आदमी पार्टी का एजेंडा लागू करना शुरू कर दिया है।  भगवंत मान ने पठानकोट हमले से जुड़ा एक किस्सा बताया कि उस समय भारत सरकार ने सेना भेजने के बदले पंजाब से धन की मांग की थी। मान ने कहा पठानकोट हमले के एक डेढ़ महीने बाद उन्हें केंद्र से एक पत्र मिला जिसमें सेना के ऑपरेशन के बदले रुपए की मांग की गई थी। मान ने बताया कि केंद्र ने उनसे 7.5 करोड़ रुपये मांगे थे। इसके बाद वह राजनाथ सिंह से मिले और उन्होंने कहा कि यह धनराशि उनकी सांसद निधि से काट ली जाए | लेकिन बदले में यह लिखकर दे दें, कि पंजाब भारत का भाग नहीं है। मान मूलतः भावनात्मक रूप से अपनी बात रखते हुए सरकार पर आरोप लगा रहे थे, कि केंद्र सरकार पंजाब के साथ दोहरा व्यवहार करती है।

 

 

तथ्यात्मक रूप से भगवंत मान की बात सत्य नहीं 

बात यह है, कि केंद्र यदि पत्रक देगा तो पंजाब सरकार को देगा ना कि सांसदों को। और रही बात CAPF भेजने की तो जब केंद्र किसी राज्य में CAPF भेजता है, तो राज्य भी उस ऑपरेशन में हुए खर्च का एक हिस्सा केंद्र को देता है, और यह पंजाब पर भी लागू होता है। भगवंत मान की बात तथ्यात्मक रूप से गलत है, लेकिन यह बिना कारण नहीं कही गई है। हाल ही में केंद्र ने चंड़ीगढ़ के संदर्भ में एक बदलाव किया है। अब चंडीगढ़ के सरकारी कर्मचारी केंद्रीय नियमों के अधीन कार्य करेंगे, जबकि पहले उनपर पंजाब के नियम लागू होते थे। चंड़ीगढ़ को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद था | जिसके बाद केंद्र पंजाब पुर्नगठन अधिनियम के अंतर्गत इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था। लेकिन पंजाब और हरियाणा ने इसपर अपने अधिकार नहीं छोड़े। हालांकि संवैधानिक रूप से यह विवाद समाप्त हो चुका है, लेकिन जब केंद्र ने बदलाव किए तो पंजाब के कई राजनीतिक दलों को लोगों की भावना भड़काने का मौका मिल गया है ।

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 राष्ट्रवाद बनाम क्षेत्रवाद की भावना फैला रही है आम आदमी पार्टी 

पंजाब की राज्यस्तरीय पार्टियां भाजपा के विस्तार को लेकर सशंकित हैं। भाजपा राष्ट्रवाद की राजनीति करती है, तो उसे रोकने के लिए क्षेत्रवाद की राजनीति से जवाब दिया जा रहा है। ऐसे वक्तव्यों का प्रयोग कर आम आदमी पार्टी पंजाब में क्षेत्रवाद को बढ़ावा दे रही है।क्षेत्रवाद एक गंभीर समस्या बन सकता है, क्योंकि पंजाब देश के अन्य राज्यों की तरह शांत क्षेत्र नहीं रहा है। पंजाब में अलगाववाद का एक इतिहास रहा है, और खालिस्तानीयों ने पंजाब की विशेष पहचान को आधार बनाकर उसे भारत से काटने की साजिश रची है। पंजाब की सीमा पाकिस्तान से सटी हुई है, और पाकिस्तान को पंजाब में भारत विरोधी गतिविधियां चलाने के लिए पर्याप्त मौका मिलता है। ऐसे में मान को शब्दचयन सोच समझ कर करना चाहिए था | मुख्यमंत्री भगवंत मान के वक्तव्य से यह लगता है, कि सरकार बनते ही आम आदमी पार्टी क्षेत्रवाद की राजनीति करने लगी है? क्या यह भारत के हितों के लिए खतरा नहीं? क्या यह खालिस्तान के एजेंडे जैसा नहीं है?

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