जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं। इस फ़िल्मी डायलॉग को कभी-कभी असल जिंदगी में भी अमल में लाने की आवश्यकता पड़ जाती है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि लातों के भूत बातों से न आजतक न माने हैं और न ही मानेंगे! 2020 के दिल्ली दंगों की भयावह तस्वीर अभी तक आंखों से ओझल हुई नहीं थी कि उसी की तर्ज़ पर बीते शनिवार को दिल्ली के एक और मुस्लिम या यूं कहें कि बांग्लादेशी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र जहांगीरपुरी में जमकर बवाल मचा और देखते ही देखते यह दंगों में कब परिवर्तित हो गया पता ही नहीं चला। जिस प्रकार हनुमान जयंती पर आयोजित शोभा यात्रा पर इन कथित शांतिदूतों ने पथराव कर, आगजनी तक की उससे न केवल सार्वजनिक बल्कि निजी संपत्ति का भी नुकसान हुआ है। ऐसे में अवैध बसे हुए अनाधिकृत बस्तियों का निर्माण कर उन्हें अपना आशियाना बताने वाले इन बांग्लादेशी मुसलमानों पर अब योगी बाबा के बुलडोज़र की तर्ज़ पर मोटा भाई के बुलडोज़र के चलने का समय आ गया है।
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जानें क्या है पूरा मामला?
जिन्हें देश से लगाव नहीं होता वो अलगाव चाहते हैं और जिन्हें सार्वजनिक संपत्ति से कोई सरोकार नहीं होता वो अलगाव करते हैं। ऐसे में उपद्रवी कहो या कट्टरपंथी ऐसा दुस्साहस करने वाले देश के न कभी थे न हैं और न ही कभी होंगे। सीमा पार चोरों की भांति घुस आने वाले इन घुसपैठियों ने सदा से ही देश विरोधी स्वर उठाये हैं। नमक भारत का खाया और यहीं नमकहरामी होने का सबूत भी दे दिया, ‘कागज़ नहीं दिखाएंगे पर नमकहराम हैं यह ज़रूर जताएंगे।’ शनिवार को हनुमान जयंती के अवसर पर आयोजित शोभा यात्रा के बाद उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में सांप्रदायिक झड़पें हुई। अधिकारियों के मुताबिक इलाके में जमकर पथराव हुआ और देर रात तक स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। यह सब किया धरा उसी समुदाय के लोगों का था, जिन्होंने वर्ष 2020 में हिन्दू नाम सुनते ही दिलबर नेगी जैसे युवा को काट कर भट्टी में झोंक दिया था।
जहांगीरपुरी की यह घटना उसी घटना का भाग-2 है, जहां शनिवार को हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में शुभ यात्रा निकल रही थी। जैसे ही यात्रा स्थानीय मस्जिद से होकर निकली तभी गोली चलने की आवाज़ आई और लोग तीतर-बितर होने लगे। घटना का स्वरुप रौद्र रूप में तब बदला जब एक पक्ष जालीदार टोपी पहनकर मजहबी नारे लगा रहा था और तलवारें लहरा रहा था। इसके बाद पथराव हुआ, आगजनी हुई और भिड़ंत हुई उन बांग्लादेशी मुसलमानों से जो खैरात में मिली ज़मीन और कब्ज़ा कर बनाए मकान को अपनी बपौती समझने लगे। इस उपद्रव में देर शाम तक कई पुलिस कर्मचारी घायल हुए तो सार्वजानिक संपत्ति क्षतिग्रस्त होने के साथ ही आगज़नी से निजी मोटरसाईकिलें, जनउपयोगी साधन आदि का बहुत नुकसान हुआ।
14 जिहादियों को किया गया गिरफ्तार!
इस पूरे प्रकरण में हुए FIR में गिरफ्तार अंसार नाम के शख्स का जिक्र किया गया है। FIR के मुताबिक अंसार 4-5 साथियों के साथ आया था और अंसार ने शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस की थी। यही नहीं, अंसार इससे पूर्व कई आपराधिक घटनाओं में शामिल रहा है। अंसार न केवल लोगों को भड़का रहा था, बल्कि सबसे पहले बंदूक लहराने वाला भी अंसार ही था। सीसीटीवी और वायरल वीडियो से कुछ लोगों की पहचान की गई है, जिनकी गिरफ्तारी भी हुई है। अब तक कुल 14 जिहादी प्रवृत्ति वाले दंगाई गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें सभी उसी एक समुदाय के हैं जिन्हें बंगलदेशी मुस्लमान कहा जाए या घुसपैठिया यह वही हैं। बात दें कि अब तक की जांच में इन सभी का संबंध वर्ष 2020 के दंगों से भी निकला है, जहां यह CAA और NRC के प्रदर्शन में भी शामिल रहे थे और खूब उन्माद फैलाया था। अभी चल रही जांच में मामले की जांच रिपोर्ट MHA को भी सौंपी जाएगी। इन सभी शांतिदूतों पर दंगा करने, सरकारी काम में बाधा डालने, संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने समेत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
14 गिरफ़्तार Aslam also protested against CAA & another case registered against him in 2020 under sections 324/188/506/34 of IPC#DelhiRiots#Jahangirpuri#जहांगीरपुरी_दिल्ली #जहांगीरपुरी #AbsolutelyNot #Delhi #DelhiViolence #Indian #HindusUnderAttackInIndia pic.twitter.com/oGGUXUQvGG
— Vipin Pandey🇮🇳™ (@myvipindia) April 17, 2022
गौरतलब है कि दिल्ली के उत्तर पश्चिमी इलाके जहांगीरपुरी में एक बड़ा उपद्रव हुआ, हनुमान जयंती पर निकली शोभायात्रा पर पथराव के बाद हिंसा भड़की जिसमें कई दुकानों में लूटपाट हुई, सड़क किनारे खड़े वाहन फूंक दिये गये। दिल्ली पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर को गोली मारकर जख्मी कर दिया गया। अब इसका हर्ज़ाना योगी स्टाइल में वसूला जाना चाहिए, जिस प्रकार मध्यप्रदेश में योगी मॉडल की तर्ज़ पर खरगौन और अन्य इलाकों में शांतिदूतों ने नुकसान किया तो उसको वसूलने के लिए कुर्की और बुलडोज़र का सहारा लिया गया। अब यही रीत दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय को शुरू करते हुए अपने स्तर पर तत्काल निर्णय लेते हुए इन सभी जिहादियों की अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर इन्हें सबक सिखाने की आवश्यकता है, क्योंकि इसके अतिरिक्त और कोई चारा अब शासन के पास नहीं है।
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