कट्टरता पालने वाले प्रेम की भाषा कैसे समझ पाएंगे, घर में नहीं हैं दाने और मदरसाछाप चले शिष्टता सिखाने। भारतीय संविधान सभी को एक समान अधिकार देता है, अपने मन मुताबिक रहने का, खाने का और अन्य सभी काम करने के अधिकार देता है। लेकिन कुछ तत्व आज भी ऐसे हैं जहाँ जिहादी तत्वों की सोच का प्रभुत्व है और वो हर मुद्दे पर अपने तुच्छ दिमाग की संकीर्ण सोच का प्रदर्शन कुछ ऐसे करते हैं जैसे पूरे समाज पर इनका एकाधिकार हो। अब हाल ही में पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ के ट्वीट को ही ले लिया जाए तो यह पता चलेगा कि कितने नीच आज भी उस समाज में विद्यमान हैं जो कट्टरता फैलाने और जहर उगलने के अतिरिक्त कुछ नहीं करते हैं।
Tum jeeyo hazaro saal , hai meri ye arzoo ! Happy birthday to my favourite human ♥️ pic.twitter.com/vUy2A7mVG4
— Mohammad Kaif (@MohammadKaif) April 21, 2022
बता दें, मोहम्मद कैफ को अपनी पत्नी के साथ एक तस्वीर अपलोड करने के लिए सोशल मीडिया वाले जेहादियों की कुंठित सोच का सामना करना पड़ा है। दरअसल, भारत के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद कैफ ने ट्विटर पर अपनी पत्नी पूजा कैफ को जन्मदिन की बधाई दी। क्रिकेटर ने अपनी भावनाओं को ट्वीट करते हुए अपनी जीवन संगिनी के साथ एक तस्वीर पोस्ट की थी। कैफ ने ट्वीट पर जो तस्वीर साझा की उसके साथ उन्होंने लिखा कि, “तुम जीओ हज़ारो साल, है मेरी ये आरज़ू! हैप्पी बर्थडे माय फेवरेट ह्यूमन।”
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ट्वीट्टर पर टिप्पणियां
जिस तरह कैफ ने अपनी पत्नी पूजा कैफ के साथ फोटो डाली थी, कैफ की पत्नी को जितने शुभकामनाओं के संदेश मिले उतने ही या उससे अधिक कुंठित संदेश उन्हें इस पोस्ट पर मिले। जिसमें कोई उन्हें रमज़ान का ज्ञान देता दिखा तो कोई घर की मुर्गी बताता दिखा, कोई बुरका और हिजाब वाला निकला, कोई एमएमएस जैसी भद्दी टिप्पणी करता दिखा तो कोई सामाजिक शिष्टाचार का ज्ञान देता दिखा।
@sudhir_bow हैंडल से इस तस्वीर पर लिखा गया कि, “भाईजान रमज़ान में बेगम पे परदा रखने की जगह ऐसी फोटो डालते हो कुछ तो हया शर्म रखो। ऐसे ओहदे पे रहके ये सब काफिरो वाली हरकत मत किया करो।”
bhaijaan ramzaan me begum pe parda rakhne ki jagah aisi photo daalte ho kuch toh haya sharam rakho. aise ohdey pe reh k ye sab kafiro wali harkat mat kia kro .
— Unknwn man सिडनी वाले छाई गाबा सुधीर यादव 🏳️🌈 (@AsliKhuda) April 22, 2022
@Mohammad1Abbash हैंडल से इस तस्वीर पर लिखा गया कि, “भइया इनकी मुर्गी है चाहे जिधर से काटें हमें क्या।”
भइया इनकी मुर्गी है चाहे जिधर से काटें हमें क्या.
— Mirza (@Mirzaabbash) April 21, 2022
@Utt_pataaang हैंडल से इस तस्वीर पर लिखा गया कि, “बुर्का कहाँ है? आपको पता होना चाहिए कि आप मुस्लिम हैं, अपने धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करें!”
https://twitter.com/Utt_pataaang/status/1517316017600352257?s=20&t=JwEXmjx2unhgmiBMJi6wCg
@AmaanAreeb हैंडल से इस तस्वीर पर लिखा गया कि, “बुरा MMS ही अपलोड कर देते बेगैरत।”
Bura MMS hi upload karde na begairat
— أبو بكر 🇵🇸 (@AmaanAreeb) April 21, 2022
@MohammedTabra11 हैंडल से इस तस्वीर पर लिखा गया कि, “सर पत्नी की फोटो अपलोड करने की जरूरत नहीं है, शेयर करने से पहले सोचो जनता देख लेगी ये हमारे संस्कार नहीं हैं।”
Sir No need to upload photos of wife think before sharing it will seen by public it's our manners
— Mohammed Tabraiz (@MohammedTabra11) April 21, 2022
अब जिन तत्वों की सोच में ही बहन-बेटियों को बुर्के पर सीमित रखना और चारदीवारी में रखने की है तो ऐसे लोगों से इससे बढ़कर और कोई उम्मीद करना अर्थात भैंस के आगे बीन बजाने जैसा है। मोहम्मद कैफ और उनकी पत्नी को मिली ऐसी खीज ने यह सिद्ध कर दिया कि कोई भी महिला हो उनके लिए यह जिहादी वही सोच रखते आए हैं जैसी इन्हें मदरसों में सिखाई गई है या तथकथित तालीम दी गई है।