सरकार बना लो नारों से, जनता क्या ही देखेगी। पर अब जनता मुर्ख नहीं समझदार है, उसके पास वो स्त्रोत है जहां से वह झूठ का पर्दाफाश करने में सबल हो चुकी है। दिल्ली में दो बार से इन्हीं झूठे आडंबरों के साथ सरकार बना रही आम आदमी पार्टी और उसकी दिल्ली सरकार की झूठी नीतियों का पर्दाफाश हो गया है।
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नकली शिक्षा मॉडल की जड़ें हिल जाएंगी
जिस शिक्षा-स्वास्थ्य के मुद्दे पर अब तक केजरीवाल और मडंली सरकार बना रही थी उसके प्रपंच को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने बीते मंगलवार को उजागर किया है। ऐसे में केजरीवाल के नकली शिक्षा मॉडल की जड़ें हिलाने स्वयं इतने महतवपूर्ण पद पर बैठे प्रियांक कानूनगो आ गए हैं।
NCPCR says only 203 out of 1,027 govt schools in Delhi have a headmaster or principal; seeks explanation
— Press Trust of India (@PTI_News) April 12, 2022
दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी के 1,027 सरकारी स्कूलों में से केवल 203 में हेडमास्टर या प्रिंसिपल हैं, इस पर बाल अधिकार निकाय (NCPCR) ने मंगलवार को प्रिंसिपल जैसे महत्वपूर्ण पदों पर शून्यचित्त रिक्तता के लिए दिल्ली सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव को लिखे पत्र में, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने कहा कि उसके अध्यक्ष के नेतृत्व में उसकी टीम ने दिल्ली के कई स्कूलों का दौरा किया और बुनियादी ढांचे और अन्य पहलुओं के संबंध में विसंगतियां पाईं। आयोग के संज्ञान में यह भी आया कि टीम ने जिन स्कूलों का दौरा किया उनमें से अधिकांश स्कूलों में स्कूल के प्रधानाध्यापक का पद खाली पाया गया। ऐसे में यह तो सबसे बड़ी विफलता है कि जिस शिक्षा की क्रांति और वर्ल्ड क्लास शिक्षा का बखान अब तक दिल्ली के दो जोगा-बोगा की जोड़ी अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया करते आए हैं, असल में वो मिथ्या है, फ्रॉड है।
NCPCR says 203 out of 1027 govt schools in Delhi functioning without a head, seeks explanation https://t.co/XMGQu57yGa
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (मोदी का परिवार) (@KanoongoPriyank) April 12, 2022
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प्रियांक कानूनगो ने क्या कहा?
NCPCR के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि स्कूलों में सकारात्मक सीखने का माहौल और देखभाल और समावेशी संस्कृति सुनिश्चित करने में स्कूल के प्रमुख अर्थात प्रिंसिपल की बेहद अहम और महत्वपूर्ण भूमिका होती है। NCPCR प्रमुख ने कहा कि स्कूल के प्रधानाध्यापक या प्रधानाध्यापक की अनुपस्थिति का भी बच्चों की सुरक्षा पर प्रभाव पड़ेगा। कानूनगो ने मुख्य सचिव से 19 अप्रैल तक “एचओएस/प्रिंसिपल की रिक्तियों और इस संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में तथ्यात्मक जानकारी के साथ अपनी टिप्पणियों को साझा करने के लिए कहा है।”
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— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (मोदी का परिवार) (@KanoongoPriyank) April 12, 2022
लोकलुभावन वादे, झूठे आडंबरों में आकंठ डूबे अरविंद केजीरवाल के शिक्षा मॉडल को ध्वस्त करने के लिए वो स्वयं ही काफी हैं। दिल्ली को लंदन-पेरिस के समकक्ष बनाने वाले दावों के प्रणेता अरविंद केजरीवाल ने असल में दिल्ली को दिल्ली भी नहीं रहने दिया है। उनके झूठ से दिल्ली की जनता त्रस्त हो चुकी है। इस बार मामला उनके कथित शिक्षा मॉडल और दिल्ली के सरकारी स्कूलों से जुड़ा हुआ है, जो केजरीवाल के झूठ के साम्राज्य में सेंध लगाते दिख रहा है और इसके कारक बने हैं NCPCR के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो।
दिल्ली में 1027 सरकारी स्कूलों में से सिर्फ 203 में प्रधानाचार्य: एनसीपीसीआर https://t.co/YufttS7mwV
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (मोदी का परिवार) (@KanoongoPriyank) April 12, 2022