सौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली, वर्तमान परिदृश्य में एक व्यक्ति पर यह कथन सटीक बैठता है, वो व्यक्ति हैं शरद पवार। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने देर सवेर ही सही पर अपने विपक्षी और हिंदू विरोधी होने का परिचय दे ही दिया। झूठ गढ़ने के मामले में स्वयं में फैक्ट्री शरद पवार ने इस बार द कश्मीर फाइल्स को अपने राजनीति करने का साधन बनाया है। तुच्छ राजनीति करने के आदी पवार ने केजरीवाल की राह पर चलते हुए, द कश्मीर फाइल्स की कहानी को झूठा प्रचार बता दिया | पर शायद वो अपने अतीत के कर्मों को भूल गए जिनमें वास्तविक रूप से झूठ को गढ़ा भी इन्हीं शरद पवार ने था, और बाद में बेशर्मी से उस झूठ को स्वीकारा भी था। ऐसे में द कश्मीर फाइल्स को अन्य सभी विपक्षी दलों और दुखियाई वाम जमातों की भांति कोसना इस बार शरद पवार को अवश्य महंगा पड़ने वाला है, क्योंकि ये पब्लिक है, सब जानती है |
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शरद पवार और झूठ का पुराना रिश्ता है
दरअसल, दिल्ली इकाई के अल्पसंख्यक विभाग के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को भाजपा पर कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के बारे में झूठा प्रचार फैलाकर जहरीला माहौल बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्म को स्क्रीनिंग के लिए भी मंजूरी नहीं देनी चाहिए थी। लेकिन इसे टैक्स फ्री किया जा रहा है, और देश के नेतृत्वकर्ता इसे देखने के लिए जनता को प्रेरित कर रहे हैं। ऐसे जिम्मेदार लोग जनता में गुस्सा भड़काने वाली फिल्म देखने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। जिस तरह के शब्द इस समय शरद पवार के मुख से ‘द कश्मीर फाइल्स’ के प्रति निकल रहे हैं, उन्हें सुनने के बाद यह अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता, कि शरद पवार की कथनी और करनी में कितना अंतर है | पुराने बयानों को खोजना आजकल कोई मुश्किल काम नहीं है। सम्मेलन के बाद शरद पवार के उस बयान की वीडियो वायरल हो गई जिसमें उन्होंने किस तरह मुख्यमंत्री रहते हुए एक झूठे बम विस्फोट की कहानी रची थी, ताकि एक धर्म विशेष उनसे कट न जाए और उनके वोटबैंक में सेंध न लग जाए। दरअसल, पवार ने 1993 में महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री रहते हुए, एक मनगढंत बम विस्फोट की कहानी गढ़ी थी | 1993 में, जब मुंबई पर घातक बम विस्फोटों की एक श्रृंखला द्वारा हमला किया गया था, उस समय शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। मीडिया से बात करते हुए पवार ने यह बात स्वीकारी थी, कि क्योंकि सभी विस्फोट हिंदू बहुल इलाकों में हुए थे, इसलिए उन्होंने मुंबई के मुस्लिम बहुल इलाके में एक अतिरिक्त बम विस्फोट दर्ज़ कराया जो कभी हुआ ही नहीं था।
Secularism: Sharad Pawar proudly saying that he "DELIBERATELY MISLED" people during 1993 bоmbings. "Instead of 11 bоmbings I said 12- one in Masjid Bandar- a minority area- JUST TO SHOW that bоmbings are not only in Hindu Areas but also in MusIim areas"pic.twitter.com/L6xXIf4NVf
— We, the people of India (@India_Policy) April 1, 2022
ऐसी धर्मनिरपेक्षता लेकर शरद पवार को न जाने कहाँ जाना था | द कश्मीर फाइल्स को झूठा बताना तो बहुत आसान है, पर उस स्थिति को जी कर देखा होता तो ऐसे शब्द मुंह से नहीं निकलते। सत्य तो यह है, कि शरद पवार सत्ता की चाह में इतनी बावले हो गए हैं, कि कब कहाँ क्या बोलना है, उसकी सुध ही नहीं रही है, और अपने इन्हीं कर्मों से वो अपने अतीत को दोहरा रहे हैं |