योगी सरकार नोएडा प्राधिकरण के सेक्टर 78 में 12-एकड़ के क्षेत्र में एक पार्क (वेद वन) विकसित कर रही है, जिसमें चारों वेद इसके विषय के रूप में शामिल होंगे और जो वेदों के विराट ज्ञान से लोगों को परिचित कराएंगे। इस पार्क को देश में इस तरह के पहले परियोजन के रूप में पेश किया जा रहा है, जिसमें 50,000 प्रकार के पौधे और झाड़ियां होंगी जिनका उल्लेख पवित्र शास्त्रों में मिलता है। इसके अलावा वेद वन में बरगद, कल्पवृक्ष, नीम, नारियल आदि जैसे 1,250 पेड़ भी होंगे। इसमें चार वेदों – ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद के मुख्य आकर्षण के साथ एक दीवार होगी और इसमें प्राचीन भारतीय संतों की मूर्तियां शामिल होंगी।
पूरे क्षेत्र को सात सप्तऋषियों के क्षेत्रों में विभाजित किया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक में एक संत का नाम होगा- कश्यप, भारद्वाज, गौतम, अत्रि, वशिष्ठ, विश्वामित्र और अगस्त्य। प्राधिकरण एक ओपन जिम, रेस्तरां और एक एम्फी थिएटर के अलावा लेजर शो की भी व्यवस्था करेगा। परियोजना के लिए निविदाएं पहले ही जारी की जा चुकी हैं। इ सपर 30 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। खबरों के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि पार्क को वेद वन कहा जायेगा।
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नि: शुल्क होगा वेद वन में प्रवेश
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी इंदु प्रकाश ने कहा, “पार्क को सौर ऊर्जा से रोशन करने की भी योजना है। यह वेदों की थीम पर आधारित देश का पहला पार्क होगा। इसमें पवित्र शास्त्रों की जानकारी के अलावा प्राचीन भारतीय संतों के बारे में भी जानकारी होगी। पार्क में प्रवेश नि: शुल्क होगा।” प्रकाश ने कहा कि परियोजना के लिए निर्धारित 30 करोड़ रुपये में से 6.5 करोड़ रुपये बागवानी विभाग द्वारा पौधे लगाने पर खर्च किए जाएंगे, जबकि शेष राशि का उपयोग सिविल और बिजली के काम पर किया जाएगा। पार्क के दीवारों पर चार वेदों की जानकारी को चित्रित किया जाएगा, जबकि पौधे, झाड़ियां और अन्य हरे तत्व वे होंगे जिनका शास्त्रों में उल्लेख मिलता है। इनमें लगभग 50,000 किस्मों के पौधे और झाड़ियाँ और लगभग 1,250 जैविक पेड़ शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि पार्क ज्यादातर पड़ोसी सेक्टर 74-79 में ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों को पूरा करेगा। दिल्ली-एनसीआर में शायद ही कोई ऐसा पार्क होगा, जो इतना अनोखा होगा। इसमें प्रवेश नि: शुल्क रहेगा। यहां पर वेदों का जंगल बनाया जाएगा। इनमें वेदों के आधार पर पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। इसमें अधिकतर औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। सभी 4 वेद के बारे में जानकारी देने के लिए शिलापट लगाए जाएंगे।
अगस्त्य ऋषि का समुद्र पीना होगा आकर्षण का केंद्र
अगस्त्य ऋषि के बारे में कहा जाता है कि एक बार उन्होंने अपनी मंत्र शक्ति से समुद्र का समूचा जल पी लिया था। वेद वन में इसको प्रदर्शित किया जाएगा। इसके लिए यहां पर एक तालाब भी बनाया जा रहा है, जिसके सामने अगस्त्य ऋषि की कलाकृति को लगाया जाएगा, जो मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा। 4 वेदों में जिन पेड़ पौधों का जिक्र है, उनका आज धार्मिक मान्यताओं के साथ औषधि, यज्ञ, हवन व धार्मिक अनुष्ठान में प्रयोग किया जाता है। इन्हें यहां पर ग्रीन हाउस के रूप में लगाए जाने के साथ-साथ इनके वनस्पतीय नाम भी बताएं जाएंगे। इसमें कल्प वृक्ष, बेल, कदम्ब, कटहल, नीम, सेमुल, पलाश, अमलताश, गुगल, कमंडल, रूद्राक्ष, मंदार, बरगद, गूलर, पीपल, आम, बकुला, केला, पारीजात, आंवला, अशोक, चंदन, रीठा, सीता अशोक, साल, इमली, अर्जुन, बेर शामिल हैं। खबरों की मानें तो वेदों पर आधारित यह पार्क नवंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा। वेदवन में बुधवार से ग्रीन हाउस में पौधे पहुंचाने का काम शुरू हो चुका है।
इस देश का सौभाग्य है कि एक संत शासक बना है। योगी सरकार भारतीय संस्कृति के पुनरुद्धार और इसके व्यापक प्रचार प्रसार के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। वेद वन निश्चित रूप से युवाओं को हमारी विराट और वैभवशाली कृति के बारे में अवगत कराने का एक बेजोड़ माध्यम बनेगा। 28 से 30 करोड़ में बने इस वेद वन के अगले दो-तीन महीनों में खुलने की संभावना है। यह योगी सरकार द्वारा किए गए अतुलनीय विकास को परिलक्षित करता है।
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