आम आदमी पार्टी दंगा फसाद कराने के मामले में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी को टक्कर देने लगी है। दंगा फसाद कराना इनकी आदतों में शुमार हो चला है! आम आदमी पार्टी के कुकृत्य करने की क्षमता और अधिक है क्योंकि यह पार्टी देश की राजधानी वाले राज्य में सत्ता में है, जहां दुनियाभर के राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान, समाजसेवी संस्थाएं आदि उपस्थित हैं, लेकिन इन सभी को ताक पर रखकर यह पार्टी अपने हितों के लिए दंगे करवा सकती है! ध्यान देने वाली बात है कि पहले AAP पार्षद ताहिर हुसैन का नाम दिल्ली दंगे में आया, फिर जहांगीरपुरी में हिंदुओं पर गोली चलाने के लिए मोहम्मद अंसार को गिरफ्तार किया गया और अब निशा सिंह नाम की आम आदमी पार्टी की काउंसलर को दंगे के आरोप में 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है।
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सिसोदिया की सलाहकार रह चुकी है निशा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, “अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोना सिंह की अदालत ने गुरुवार को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की अतिक्रमण विरोधी टीम पर 2015 में हमला करने और पथराव करने के आरोप में 10 महिलाओं समेत 17 लोगों को सात से 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।” इन दोषियों में AAP की पूर्व पार्षद निशा सिंह भी शामिल हैं, जिन्हें भीड़ को भड़काने का दोषी करार दिया गया है। अदालत ने सभी दस महिलाओं पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जबकि अन्य सात दोषियों को 20,000 रुपये का जुर्माना भरना है। साथ ही डिफॉल्ट करने पर दो से तीन साल की सजा बढ़ाई जाएगी। दरअसल, 17 आरोपियों को आईपीसी की धारा 148, 149, 186, 325, 332, 333, 353, 436, 427 और 435 के तहत दोषी ठहराया गया था। हमले की मुख्य आरोपी निशा सिंह दिल्ली के वर्तमान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की निकटतम सहयोगियों में रही है और उसने सिसोदिया के सलाहकार के रूप में कार्य भी किया है।
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जानें क्या है पूरा मामला?
बता दें कि यह मामला 15 मई 2015 का है, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की टीम पुलिस टीम के साथ सेक्टर-47 झिमर बस्ती में अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। आदेश के अनुसार वकील खजान सिंह, प्रदीप जैलदार और निशा सिंह ने भीड़ को टीम पर हमला करने के लिए उकसाया। इसके बाद भीड़ ने प्राधिकरण और पुलिस टीमों पर पत्थर, पेट्रोल बम और एलपीजी सिलेंडर फेंके। इस घटना में एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट और 15 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इस हमले की मुख्य आरोपी आम आदमी पार्टी की पूर्व पार्षद निशा सिंह ने मुंबई विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में डिग्री ली है। इसके बाद निशा ने लंदन बिजनेस स्कूल से MBA भी किया है, उसने गूगल में नौकरी भी की लेकिन आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद उसने अपनी विकृत मानसिकता को उजागर करने में थोड़ा भी समय नहीं लगाया।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी द्वारा मीडिया को इस प्रकार नियंत्रित किया गया है कि बार-बार उसके कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं का नाम तोड़फोड़, आगजनी और दंगे आदि में आता है, किंतु मीडिया द्वारा ऐसी खबरों को दबा दिया जाता है। फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों के समय ताहिर हुसैन के घर से बड़ी संख्या में विस्फोटक पदार्थ मिले थे। ताहिर हुसैन तथा उसके सहयोगियों के नेतृत्व में हिंदुओं के विरुद्ध योजनाबद्ध हिंसा की तैयारी की गई थी। ताहिर हुसैन ने स्वयं स्वीकार किया है कि वह हिंदुओं को सबक सिखाना चाहता था। ध्यान देने वाली बात है कि दिल्ली में यदि भाजपा के किसी छोटे से कार्यकर्ता द्वारा मुहल्ला स्तर पर कट्टरपंथियों के विरुद्ध कोई बयान दे दिया जाता है, तो उसे मीडिया द्वारा किस प्रकार उठाती है। किंतु आम आदमी पार्टी से जुड़े होने के कारण ताहिर हुसैन से लेकर मोहम्मद अंसार और अमानतुल्लाह खान से लेकर निशा सिंह तक, आप के नेताओं के कुकर्मों को मीडिया दबाने का प्रयास करती आई है!
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