गिरो और नीचे गिरो और अंत में इतने गिर जाओ की आने वाली पुश्तें नाम लेने में भी झिझकें क्योंकि वर्तमान पीढ़ी ऐसा रिकॉर्ड ही स्थापित कर रही है कि सभी पीढ़ियां शर्मिंदगी में ही जीती रहेंगी। जी हाँ, यहाँ बात हो रही है नशा परोसने और उसको संरक्षण देने वाले नेताओं की जिन्होंने पहले पंजाब को “उड़ता पंजाब बनाया” और अब आम आदमी पार्टी के शासन में “हड़हड़ाता” अपनी नई कहानी लिख रहा है। जितनी नशे की तस्करी, उपभोग पहले हुआ करती थी मान सरकार के आने के बाद तो रिकॉर्ड ही टूट गए हैं। नशीले पदार्थ और उनके सेवन से मृत्यु होना अब पंजाब में आम हो गया है और उसके कारक स्वयं राज्य की सत्ता पर काबिज पार्टी के विधायक बन चुके हैं जिनपर पुलिसिया कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
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दरअसल, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सोमवार तड़के पंजाब के अमृतसर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया था और उसमें से प्रतिबंधित पदार्थ के नौ पीले पैकेट बरामद किए थे। पैकिंग सामग्री के साथ हेरोइन का वजन 10 किलो पाया गया।बीएसएफ ने एक ट्वीट में कहा, ‘बीएसएफ के जवानों ने पाक ड्रोन के जरिए तस्करी की एक और कोशिश को नाकाम कर दिया। पाक की ओर से आ रहे ड्रोन पर बीएसएफ के जवानों ने फायरिंग कर उसे नीचे गिरा दिया। एक बैग में हेरोइन (10,670 किलोग्राम) होने के संदेह में 9 पैकेट ले जाने वाला ड्रोन भी बरामद किया गया। इसके बाद अलर्ट जारी करते हुए कहा गया कि, पंजाब पाकिस्तान के साथ 553 किलोमीटर लंबी कांटेदार तार वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है जो लगभग 135 बीएसएफ बटालियनों की निगरानी में है। ड्रग नेटवर्क अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत मार्ग पर संचालित होता है।
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ड्रग ओवरडोज़ की वजह से होती मौतें
ये तो हुई एक बात, बीते एक सप्ताह में ड्रग ओवरडोज़ के चक्कर में कुल 10 मृत्यु की पुष्टि हुई है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पिछले एक सप्ताह में ड्रग ओवरडोज़ या लत के कारण कम से कम 10 मौतों का पता लगाया है। 3 मई को खडूर साहिब के अलावलपुर गांव के रूपिंदरजीत सिंह (36) तरनतारन के एक मोहल्ले में मृत पाए गए। परिजन उसके शव को थाने ले गए जहां दो अज्ञात लोगों के खिलाफ रूपिंदरजीत को नशीला पदार्थ बेचने का मामला दर्ज किया गया। उसी दिन, 28 वर्षीय करमजीत सिंह की सरकारी मेडिकल कॉलेज फरीदकोट में मृत्यु हो गई, जहां उनका नशीली दवाओं की लत का इलाज चल रहा था। उसके भाई की पिछले साल नशे की वजह से मौत हो गई थी।
2 मई को जलालाबाद के गांव जलेवाला के ओम प्रकाश की लाश मिली थी। उसकी मां के मुताबिक वह पिछले एक महीने से नशे की लत का इलाज करा रहा था। उसी दिन गुरदासपुर के शहर बटाला में आरडी खोसला स्कूल के पास नवविवाहित गुरप्रीत सिंह मृत पाया गया। उसके परिवार ने आरोप लगाया कि वह नशे का आदी था और पुलिस को यह भी संदेह है कि उसकी मौत ओवरडोज से हुई है। 2 मई को ड्रग ओवरडोज़ से दो और मौतें हुईं – एनडीपीएस एक्ट के दोषी लट्टी को अमृतसर के गाँव काले में मृत पाया गया, और फ़िरोज़पुर के गाँव गोरहा चक के 26 वर्षीय अमरीक सिंह की भी ड्रग ओवरडोज़ से मौत हो गई।
30 अप्रैल को मुक्तसर के झोरार गांव के सतविंदर सिंह (23) अपने घर के शौचालय में नसों में सिरिंज के साथ मृत पाए गए थे। 29 अप्रैल को फिरोजपुर के अंकू गांव के संतोख सिंह (25) की कथित ड्रग ओवरडोज से मौत हो गई। बाद में, तरनतारन के धारीवाल गांव के 35 वर्षीय शिंदरपाल सिंह की भी कथित तौर पर ड्रग ओवरडोज के कारण मौत हो गई। उसके परिवार के अनुसार वह पास के गांव चुसलेवार से नशा लेकर आया था। मलोट के बाबा दीप सिंह नगर निवासी जय प्रकाश (22) की 28 अप्रैल को कथित तौर पर ड्रग ओवरडोज से मौत हो गई थी।
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मतलब अवैध तस्करी से लेकर मृत्यु तक पंजाब में ड्रग माफिया अब आतंकी बन चुके हैं, जो यहीं रहकर लोगों के जीवन का समूल नाश कर रहे हैं। और तो और हाल ही में बने विधायक इस षड्यंत्र में रिमोट कंट्रोल की तरह सब ही कामों को अंजाम दे रहे हैं जो पंजाब के आगामी भविष्य के लिए घातक होने वाला है। अब भी यदि ऐसे नेताओं को बक्शा गया या न्यायोचित कार्रवाई नहीं हुई तो इन सभी के हौसले बुलंद होंगे और आज मौत का आंकड़ा 10 का है कल को सैंकड़ों में होगा और तब कोई कुछ नहीं कर पाएगा।