IITian सीएम झुनझुना बजाते रह गए, भगवाधारी योगी ने बना डाला ई-विधानसभा

डिजिटल क्रांति की ओर CM योगी का बढ़ता कदम !

up vidhansabha

Source- TFIPOST.in

भारत की राजनीति एक संसदीय प्रणाली के ढांचे में केंद्रित है जो संघीय और एक लोकतांत्रिक गणराज्य है। भारत की राजनीति बहुदलीय व्यवस्था पर आधारित है। देश में आज नरेंद्र मोदी की सरकार चल रही है और भारत पहले के मुताबिक बहुत ही तरक्की कर रहा है। आज जब हम विकास की बात करते हैं तो देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की चर्चा पहले पंक्ति में की जाती है।

दरअसल विकास गाथा के संयोजक के रूप में पूरे भारत में प्रसिद्द योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा गैलरी के सौंदर्यीकरण कार्यों और ई-विधान का लोकार्पण किया। इसके साथ ही अब विधानसभा की कार्यवाही के पेपरलेस होने का रास्ता साफ़ हो गया है। इसे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योगी सरकार का एक बड़ा और डिजिटल क्रांति की ओर बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है। ई-विधान के माध्यम से यूपी विधानसभा की कार्यवाही ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। प्रत्येक विधायक की सीट के सामने टेबल पर सिस्टम लगाया गया है। पहले सत्र से ही सदन का बदला हुआ नजारा दिखने लगा। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना भी ई-विधान के शुभारंभ के दौरान उपस्थित थे। पिछले दिनों विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस संबंध में जानकारी दी थी। उन्होंने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी। नई व्यवस्था लागू होने के बाद राज्य विधानसभा हाईटेक और डिजिटल हो जाएगी। इससे न सिर्फ विधानसभा के सभी विभाग आपस में जुड़ सकेंगे, बल्कि सोशल मीडिया पर भी काम करेंगे।

और पढ़ें: योगी आदित्यनाथ ने यूपी सरकार में “उपहार परंपरा” पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है

आइये समझते है National E-Vidhan

देश के सभी विधानसभाओं के कामकाज को कागज रहित बनाने के लिए डिजिटल विधायिकाओं के लिए एक मिशन मोड प्रोजेक्ट “नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा)” को ‘वन नेशन-वन एप्लीकेशन’ की थीम पर विकसित किया गया है। नेवा सभी राज्य विधानसभाओं को ‘डिजिटल हाउस’ में तब्दील कर रहा है ताकि वे राज्य सरकार के विभागों के साथ डिजिटल मोड में सूचना के आदान-प्रदान सहित डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पूरे सरकारी कारोबार को लेन-देन कर सकें। यह लोगों को अच्छी तरह से सूचित और प्रबुद्ध नागरिक बनाकर देश भर में शासन में दूरगामी परिवर्तन लाने के लिए है और इस तरह देश में लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करता है।

NEVA न केवल एक राज्य में बल्कि पूरे राज्यों में विधायिका और कार्यपालिका के बीच अधिक तालमेल, समन्वय, पारदर्शिता और जवाबदेही ला रहा है। ICT के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी विकास को ध्यान में रखते हुए नेवा को एक मजबूत आईटी उत्पाद बनाने के लिए एआई और आईओटी का अधिकतम उपयोग किया गया है। इसी के साथ ई-विधान लागू करने वाला यूपी दूसरा राज्य बन गया है। इससे पहले नागालैंड ने पूरी तरह से कागज रहित होने के लिए राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) कार्यक्रम को लागू करने वाली देश की पहली विधानसभा बनकर इतिहास रच दिया था।

और पढ़ें: एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के अपने अधूरे सपने पर योगी आदित्यनाथ की निगाहें पड़ गई है

डिजिटल क्रांति को बढ़ावा

एक साधू जिन्हें लोग बाबा मुख्यमंत्री कहते हैं आज उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास की तरफ तेजी से अग्रसर हो चुका है। वामपंथी मीडिया योगी आदित्यनाथ को जो प्रोजेक्ट करता है, उसके विपरीत, वह एक विकास प्रेमी सीएम हैं। उनका मूल विश्वास प्रौद्योगिकी के उचित उपयोग के माध्यम से राज्य को सशक्त बनाना है।

डिजिटल शिक्षा और ई-लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने छात्रों को स्मार्ट फोन और टैबलेट का वितरण किया। आज जहां आईआईटीयन सीएम अपने काल्पनिक मॉडल और सिर्फ प्रचार को बढ़ावा देते हैं, वहीं यूपी के सीएम योगी राज्य के विकास को नई मजबूती प्रदान कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ आज देश के वो मुख्यमंत्री बन चुके है जो विकास ,प्रौद्योगिकी ,सड़क ,चिकित्सा हर एक विभाग में सराहनीय कार्य रहे हैं। योगी आदित्यनाथ मठ के महंत के साथ टेक्नोलॉजी के ज्ञान में भी अव्वल है।

और पढ़ें: यहां समझिए कि कैसा होगा योगी आदित्यनाथ का नया कैबिनेट

Exit mobile version