• About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
TFI Official Merchandise
TFI English
TFI Global
रविवार, जून 26, 2022
TFIPOST
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    RB Sreekumar – The scourge of India is now finally behind bars

    आरबी श्रीकुमार: देश को दशकों पीछे ले जाने वाला अंतत: जेल में पहुंच ही गया

    noida

    दिल्ली, गुरुग्राम की बजाय अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा में घर क्यों ख़रीद रहे हैं लोग?

    IB

    भारत की ख़ुफिया एजेंसियों में हुआ यह नया बदलाव बहुत महत्वपूर्ण है

    chai-lassi-and-sattu-the-three-horsemen-of-pakistans-economic-revival

    चाय, लस्सी और सत्तू से पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था में ‘क्रांतिकारी सुधार’ करने जा रहा है

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    india america

    भारत-रूस नज़दीक क्या आए, अमेरिका तो दोबारा पाकिस्तान को पालने लगा

    Zomato acquires Blinkit

    Zomato ने 4,447 करोड़ में Blinkit का अधिग्रहण कर लिया

    Covid Rashan

    मुफ्त राशन योजना पर लग सकती है रोक, वित्त मंत्रालय ने गिनाए कई महत्वपूर्ण कारण

    lAC

    जो मलेशिया कभी विरोध करता था आज भारत का LCA तेजस लेने के लिए गिड़गिड़ा रहा है

    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    VIPINRAWAT

    पूर्व सीडीएस दिवंगत जनरल बिपिन रावत के दिमाग की उपज है ‘अग्निपथ योजना’

    CDS

    CDS की नियुक्ति के प्रावधान में पीएम मोदी ने जो बदलाव किए हैं, उसके मायने समझ लीजिए

    एमके-1 मिसाइल

    भारत की इस स्वदेशी मिसाइल से थर-थर कांप रहे हैं दुश्मन देश

    भारत और जापान

    जापान ने भारत के लिए खोल दिये अपने शस्त्रागार के द्वार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    chai-lassi-and-sattu-the-three-horsemen-of-pakistans-economic-revival

    चाय, लस्सी और सत्तू से पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था में ‘क्रांतिकारी सुधार’ करने जा रहा है

    india america

    भारत-रूस नज़दीक क्या आए, अमेरिका तो दोबारा पाकिस्तान को पालने लगा

    lAC

    जो मलेशिया कभी विरोध करता था आज भारत का LCA तेजस लेने के लिए गिड़गिड़ा रहा है

    MODI & PUTIN

    बीमा कंपनियों के प्रतिबंध के बावजूद भी रूस से तेल आयात कर रहा है भारत

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    mainpuri

    मैनपुरी के गणेशपुर गांव में खुदाई से मिले हथियार हिंदुओं की अत्याधुनिकता का प्रमाण देते हैं

    chaapekar

    गोंडया आला रे! चापेकर बंधु के शौर्य का कोई जवाब नही

    बीयर योगा

    ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाना अच्छी बात है लेकिन अब पश्चिमी शैली में ढलते जा रहा है योग

    saptrishi

    मानवता के मार्गदर्शक हैं भारत के महान 7 संत, जिन्हें कहा जाता है सप्तर्षि

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    Item Number

    आइटम नंबर – फिल्म उद्योग को लील रहा है यह ‘कैंसर’

    gangs Of Wasepur

    गैंग्स ऑफ वासेपुर– भारत की सबसे महत्वपूर्ण गैंगस्टर फिल्मों में से एक

    कार्तिक आर्यन करण जौहर

    कार्तिक आर्यन जैसे स्टार के लिए करण जौहर कौन है?

    karan jauhar

    करण जौहर, वापसी के बारे में भूल ही जाओ क्योंकि अब तुमसे न हो पाएगा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
TFIPOST
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    RB Sreekumar – The scourge of India is now finally behind bars

    आरबी श्रीकुमार: देश को दशकों पीछे ले जाने वाला अंतत: जेल में पहुंच ही गया

    noida

    दिल्ली, गुरुग्राम की बजाय अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा में घर क्यों ख़रीद रहे हैं लोग?

    IB

    भारत की ख़ुफिया एजेंसियों में हुआ यह नया बदलाव बहुत महत्वपूर्ण है

    chai-lassi-and-sattu-the-three-horsemen-of-pakistans-economic-revival

    चाय, लस्सी और सत्तू से पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था में ‘क्रांतिकारी सुधार’ करने जा रहा है

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    india america

    भारत-रूस नज़दीक क्या आए, अमेरिका तो दोबारा पाकिस्तान को पालने लगा

    Zomato acquires Blinkit

    Zomato ने 4,447 करोड़ में Blinkit का अधिग्रहण कर लिया

    Covid Rashan

    मुफ्त राशन योजना पर लग सकती है रोक, वित्त मंत्रालय ने गिनाए कई महत्वपूर्ण कारण

    lAC

    जो मलेशिया कभी विरोध करता था आज भारत का LCA तेजस लेने के लिए गिड़गिड़ा रहा है

    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    VIPINRAWAT

    पूर्व सीडीएस दिवंगत जनरल बिपिन रावत के दिमाग की उपज है ‘अग्निपथ योजना’

    CDS

    CDS की नियुक्ति के प्रावधान में पीएम मोदी ने जो बदलाव किए हैं, उसके मायने समझ लीजिए

    एमके-1 मिसाइल

    भारत की इस स्वदेशी मिसाइल से थर-थर कांप रहे हैं दुश्मन देश

    भारत और जापान

    जापान ने भारत के लिए खोल दिये अपने शस्त्रागार के द्वार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    chai-lassi-and-sattu-the-three-horsemen-of-pakistans-economic-revival

    चाय, लस्सी और सत्तू से पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था में ‘क्रांतिकारी सुधार’ करने जा रहा है

    india america

    भारत-रूस नज़दीक क्या आए, अमेरिका तो दोबारा पाकिस्तान को पालने लगा

    lAC

    जो मलेशिया कभी विरोध करता था आज भारत का LCA तेजस लेने के लिए गिड़गिड़ा रहा है

    MODI & PUTIN

    बीमा कंपनियों के प्रतिबंध के बावजूद भी रूस से तेल आयात कर रहा है भारत

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    mainpuri

    मैनपुरी के गणेशपुर गांव में खुदाई से मिले हथियार हिंदुओं की अत्याधुनिकता का प्रमाण देते हैं

    chaapekar

    गोंडया आला रे! चापेकर बंधु के शौर्य का कोई जवाब नही

    बीयर योगा

    ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाना अच्छी बात है लेकिन अब पश्चिमी शैली में ढलते जा रहा है योग

    saptrishi

    मानवता के मार्गदर्शक हैं भारत के महान 7 संत, जिन्हें कहा जाता है सप्तर्षि

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    Item Number

    आइटम नंबर – फिल्म उद्योग को लील रहा है यह ‘कैंसर’

    gangs Of Wasepur

    गैंग्स ऑफ वासेपुर– भारत की सबसे महत्वपूर्ण गैंगस्टर फिल्मों में से एक

    कार्तिक आर्यन करण जौहर

    कार्तिक आर्यन जैसे स्टार के लिए करण जौहर कौन है?

    karan jauhar

    करण जौहर, वापसी के बारे में भूल ही जाओ क्योंकि अब तुमसे न हो पाएगा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
TFIPOST
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें

नरेंद्र मोदी का भारत सपनों का वो देश है जिसकी आपने बचपन में कल्पना की थी

फिर विश्वगुरु बनने की राह पर है भारत

Aniket Raj
द्वारा Aniket Raj
25 मई 2022
in समीक्षा
0
PM Modi

source google

52
व्यूज़
Share on FacebookShare on Twitter

देश घर हैं, यहां के 135 करोड़ नागरिक इस विशाल गृह निवास के सदस्य हैं। व्यक्तिगत रूप से सभी सदस्य इस विराट घर के इकाई का प्रतिबिम्ब हैं और एक राष्ट्रभक्त नागरिक के रूप में बाल्यकाल से ही हम सभी के मन में इस विराट घर का एक आदर्श प्रतिबिम्ब बना हुआ है।

हम सभी जानते हैं कि हमारे सपनों का आदर्श भारत पूर्ण रूप से रामराज्य की ही परिकल्पना है। किंतु, हम यह भी जानते हैं कि रामराज्य की संकल्पना का प्रथम आधार राम ही है, अतः यह अप्राप्य है। लेकिन, एक राष्ट्र के तौर पर हमारे मन की हमेशा से अभिलाषा रही है कि हम उसके जितना नजदीक पहुंच सके, उतना पहुंचे। इतिहास के पन्नों में अपने स्वर्ण काल से गुजरते हुए भारत इस्लामी आक्रमणकारियों के चंगुल में फंस गया और फिर यही दमन चक्र गोरों के औपनिवेशिक शासन तक भी चलता रहा। स्वतंत्रता पश्चात हम सभी भारतवासीयों को लेगा कि अब हमारे अपने राजनेता हमारा नेतृत्व करते हुए इस देश को हमारे सपनों के भारत में परिवर्तित कर देंगे, पर ऐसा हुआ नहीं।

और पढ़ें- पार्टी छोड़ते वक्त इशारों-इशारों में कांग्रेस का सच बता गए सुनील जाखड़

कांग्रेस पार्टी सिर्फ एक परिवार की निजी संस्था

जिस दल ने मुख्य रूप से स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था, अब वही कांग्रेस पार्टी सिर्फ एक परिवार की निजी संस्था बनकर रह गई। इस परिवार ने कांग्रेस और कांग्रेस के माध्यम से पूरे देश को अपनी निजी संपत्ति समझी और उसी के हिसाब से अन्य दलों नेताओं और यहां के देशवासियों से बर्ताव किया। इतिहास के पन्नों को पलट कर देखें तो कभी-कभी ऐसा प्रतीत होता है मानो स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के विरुद्ध भारतीयों का नेतृत्व करने वाली यह पार्टी अंग्रेजों के ज्यादा करीब थी। सिद्धांत से लेकर राष्ट्र संचालन में भी उनकी औपनिवेशिक शासन से समानता और लगाव अत्यधिक प्रतीत होता है। नेहरू अंतरराष्ट्रीय राजनेता के रूप में अपने व्यक्तित्व को भारत के संप्रभुता से ज्यादा महत्व देते थे। शायद इसीलिए, उन्होंने जम्मू कश्मीर को भारत में मिलाकर उसके अखंडता सुनिश्चित करने के बजाय एक अंतरराष्ट्रीय राजनेता के रूप में अंतरराष्ट्रीय कानून को तरजीह देते हुए इस मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण कर दिया।

संप्रभुता तो छोड़िए, हमारे नागरिकों को माननीय सहायता भी नहीं मिलती थी। जब-जब भारत किसी अकाल-भूचाल, बाढ-तूफान या फिर किसी भी प्राकृतिक आपदा और प्रकोप का भुक्तभोगी बनता था तब-तब अंतरराष्ट्रीय समुदाय मदद करने के बजाय सिर्फ मुंह ताकते रहते थे। हमारे नागरिकों को खाने के लिए भी वह अनाज दिए जाते थे, जो विदेशों में उनके पाले हुए पशु खाते थे। एक राष्ट्र के तौर पर शक्ति, स्वाभिमान और स्वावलंबी के सबसे निचले पायदान पर हम खड़े थे और औपनिवेशिक सत्ता के बाद अब हम जिस चक्रव्यूह में जकड़े हुए थे उसका नाम था वंशवाद की राजनीति। गांधी परिवार के इसी वंशवादी राजनीति ने ना सिर्फ अंदर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विदेश की छवि को धूमिल किया। राजनीतिक अक्षमता और वीरता की वजह से राज्य स्तर पर अलगाववाद का सृजन हुआ और इसके साथ-साथ राजनेताओं के लूट तथा भ्रष्टाचार की वजह से देश का आर्थिक हालात गर्त में गिरता चला गया। सेवा, सभ्यता, संस्कृति और सर्वांगीण विकास के उलट अलगाववाद, भ्रष्टाचार, गरीबी, कुशासन और सत्ता प्राप्ति ही राष्ट्र संचालन का एकमात्र नींव बन गया।

कोई भी देश ना तो हमें महत्व देता था ना ही हमारे संबंधों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार करने के काबिल समझता था। हमारे संप्रभुता के स्वीकार्यता का स्तर इतना नीचे था कि कोई भी देश जब चाहे हमारी थल, वायु और जल सीमाओं का अतिक्रमण कर देता था। पकिस्तान का महत्व अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए अधिक था और हम चीन तथा अन्य समकालीन राष्ट्रों से आर्थिक विकास के मामले में नित नए दिन पिछड़ते जाते थे। आप भी सोच रहे होंगे की हमारे नेता क्या कर रहे थे इस समय?

और पढ़ें- दक्षिण कोरिया ने जताई क्वाड से जुड़ने की इच्छा, बिलबिलाने लगा ‘ड्रैगन’

अपनी राजनीति चमकाने में व्यस्त थे नेता

हम बताते हैं आपको। हमारे नेता अपनी छवि बनाने और विलासिता वाली जीवन जीने में व्यस्त थे। अपनी राजनीति चमकाने में व्यस्त थे। अपने को इतिहास में दर्ज करने और अंतररष्ट्रीय छवि बनाने में व्यस्त थे। आप स्वयं सोचिए, अगर ऐसी अवस्था में जब हमारे नागरिकों के पास खाने को लाले पड़े हों, चीन के सैनिक हमारे सीमा पर खड़े हों, उस समय नेहरु ने देश को “हिंदी चीनी भाई भाई” के भ्रमजाल में फंसाए रखा। सेना को लड़ने के लिए कोई संसाधन मुहैया नहीं करायी गयी। उनको सिर्फ उनके शौर्य के साथ युद्ध में झोंक दिया गया वो भी बिना मन से। हम ये युद्ध हार गए। इस अपमान का घाव लिए हम जीते रहे और टुच्चे से देश हम पर आक्रमण करते रहे। वो तो सेना का साहस था जो हमारी सीमाएं सुरक्षित रहीं अन्यथा।

सेना ने सीमा तो संभाल लिया लेकिन आर्थिक मोर्चे पर हमें इन नेताओं ने एक अंधकारमय गर्त में पंहुचा दिया। 1192 में हार्वर्ड से पढ़े मनमोहन सिंह ने हमारी आर्थिक संप्रभुता को भी गिरवी रख दिया। किन्तु, जब देश में कमल खिला तो देश उन्नति की ओर अग्रसर होने लगा। हम आर्थिक, सामरिक और सैन्य मोर्चे पर सशक्त होने लगे। मुस्कुराते हुए बुद्ध ने पोखरण में शक्ति का प्रदर्शन किया और 1999 में टुच्चे से पाकिस्तान को कारगिल में भारत के संप्रभुता से दुस्साहस करने का दंड दिया गया।

ऐसा लग रहा था मानों भारत फिर से उदित हो ही रहा है तब तक 2004 के आम चुनाव में कमल मुरझा गया और वंशवादी राजनीति की गर्मी इस देश में और बढ़ गयी। इस बार तो इस आग में ना सिर्फ देश के बहुसंख्यक समुदाय का दमन हुआ बल्कि मुस्लिमों का भरपूर तुष्टिकरण हुआ। राष्ट्र के आतंरिक सुरक्षा से समझौता किया गया। प्रधानमंत्री के पद को पुतला बना दिया गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हमारी साख गिरती गयी। मुंबई हमला हुआ और कश्मीर का हमला आम बात हो गयी। नक्सलावाद बढ़ा, अलगाववाद बढ़ा और आतंकवाद बढ़ा और जो घटा वह था हमारा साख और हमारी महत्ता।

1990 के दशक के बच्चे देश की इस दुर्गति को देखकर दुखित थे। उन्हें अपने सपनों का भारत कभी वास्तविकता के धरातल पर उतरता हुआ प्रतीत नहीं हुआ, पर यह लोकतंत्र है। यहां पर अपमान और दमन की मियाद 5 साल में पूरी हो जाती है। भारत की जनता ने तो फिर भी 2014 तक झेल लिया किन्तु 2014 में उसे कमान दी जिसने सौगंध ली की वह देश को नहीं झुकने देगा। हमारे सपनों के भारत को एक और उम्मीद मिली। देश में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी। अब हम सही मायनों में सिर्फ राज्यों के संघ से एक एकीकृत संप्रभु और शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बनने की ओर उन्मुख हुआ। राम मंदिर बनना आरंभ हो गया और अनुच्छेद 370 समाप्त हो गया है जो कभी स्वप्न की बात थी। देश में ना सिर्फ एकीकृत कर व्यवस्था लागु हुई बल्कि आर्थिक रूप से एकीकरण कार्य भी प्रारंभ हुआ। सेना का आधुनिकरण अपने इस स्तर पर पंहुच गया की पाक को छोड़िये चीन की चल को नाकाम करने के लिए दुनिया भारत की ओर देखने लगी। अमेरिका मानवाधिकार के मुद्दे पर भारत से नसीहत लेने लगा और रूस भारत से राय। गेंहू से लेकर दवाई और टीके से लेकर स्टील तक भारत दुनिया के अन्य देशों को मुहैया करने लगा। परिवहन व्यवस्था सुधरी, सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हुई। देश सभी मायनों में अखंड हुआ। विदेशी मुद्रा कोष रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया और आतंकवादी थर्राने लगे। जो प्रधानमंत्री बिना पूछे बोल नहीं पाते थे वही इस बदले हुए भारत के प्रधानमंत्री विश्व के सबसे लोकप्रिय और एक्टिव अंतरराष्ट्रीय नेताओं में शामिल हो गए। भारत अब पुचकारा नहीं बल्कि घर में घुसकर मारने लगा और बालाकोट इसका उदहारण बना।

और पढ़ें- क्वाड के एक्शन से बढ़ने लगी हैं चीन की मुश्किलें, आसियान देशों को भी मजबूत कर रहा QUAD

सपनों का भारत अब आकार लेने लगा है

एक नागरिक के तौर पर हम ये दावे से कह सकते हैं की बालपन में जिस सपने के भारत के बारे में हमने सोचा था अब वह आकार लेने लगा है। यह भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का दौर है। इसी सांस्कृतिक पुनर्जागरण को प्राप्त करने के लिए जनता ने नरेंद्र मोदी को पुनः चुना। इस समर्थन से ना सिर्फ हमारे नेताओं का संबल बढ़ा बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की धमक भी मजबूत हुई।

विदेश मंत्रालय का जिम्मा राजनीतिक जनाधार वाले नेताओं से ज्यादा दक्ष और जानकार नेताओं को सौंपा जाने लगा। दिवंगत सुषमा स्वराज भी इसका उदाहरण रही और आज के समय में जयशंकार भी उदहारण हैं। इन्हीं के बलबूते हम अंतरराष्ट्रीय मंच से भारत के हित की आवाज उठा सके। अपनी कूटनीति और विदेश नीति को बिना किसी शक्तिशाली राष्ट्र के दबाव में लाये निष्पक्ष, संतुलित और राष्ट्रहित में रख सके। जब जरूरत पड़ी तब हमने ना सिर्फ दबाव डालने वाले देशों को आइना दिखाया बल्कि उन्हें मुहतोड़ जवाब भी दिया। विकासशील देशों के ना सिर्फ आर्थिक, सामरिक, रणनीतिक बल्कि निवेश के स्थान और बहुत बड़े बाज़ार भी बने। एक ऐसा बाज़ार जिसकी ताकत के आगे दुनिया सर झुकाए रहती है। हम अलग अलग देशों के समूहों में शामिल हुए, वो भी उनके निवेदन पर और अपनी शर्तों पर वो भी पूरी निष्पक्षता के साथ।

हाल की ही बात ले लीजिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर जापान गए जहां क्वाड समिट में भाग लेते हुए उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया और इस दौरान वे अलग ही आत्मविश्वास दिखायी दे रहा था। उनके हाव भाव और उनकी उपस्थिति से सशक्त भारत का चित्रण हुआ। पीएम फुमियो किशिदा को उनके बहुत अच्छे आतिथ्य के लिए पीएम मोदी ने शुभकामनाएं दी।

ध्यान देने वाली बात है कि हम सिर्फ आर्थिक, सामरिक और रणनीतिक सर्वोच्चता के बारे में ही क्यों बात करें? राष्ट्रीय और अंतररष्ट्रीय स्तर पर भी हमने झंडे गाड़े। योग से लेकर आयुर्वेद तक को दुनिया अपनाने लगी। हमारी सभ्यता और संस्कृति का वैश्वीकरण हुआ। हमने अपनी विरासत और सम्पदा को पुनः प्राप्त करने लगें और जिन महापुरुषों का इनमें योगदान था उन्हें उचित सम्मान भी देने लगे चाहे वो सरदार पटेल हों या फिर सुभाष चन्द्र बोस।

आज के परिदृश्य में देखें तो नरेंद्र मोदी और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व में हमारे सपनों का भारत बनना आरम्भ हो चुका है। हालांकि, अभी हमें मीलों चलना है लेकिन हमने बहुत से मील के पत्थर भी स्थापित कर दिए हैं।

Tags: अखंड भारतकांग्रेसक्वाडपीएम मोदीभारत
शेयरट्वीटभेजिए

पिछली पोस्ट

चरमपंथी इस्लामिक संगठन PFI की केरल में रैली, हिंदू-ईसाइयों के ‘नरसंहार’ के लगे नारे

अगली पोस्ट

जम्मू-कश्मीर के सर्वोच्च वीरता पदक से शेख अब्दुल्ला की तस्वीर हटाई गई

Aniket Raj

Aniket Raj

अधिवक्ता ( सर्वोच्च न्यायालय) हिंदी स्तंभकार (TFI Media) दक्षिणपंथी-हिन्दू-राष्ट्रवादी ।। यत: धर्मोस्ततो जय: ।।

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

  • सर्वाधिक पढ़े गए
  • टिप्पणियाँ
  • नवीनतम
“धौंसिये को औकात बता दी”, अजय देवगन ने करण जौहर की दादागिरी उतार उसे माफी मांगने पर मजबूर कर दिया

“धौंसिये को औकात बता दी”, अजय देवगन ने करण जौहर की दादागिरी उतार उसे माफी मांगने पर मजबूर कर दिया

24 जून 2020
चीन, ऑस्ट्रेलिया,

‘जांच तो होकर रहेगी, चाहे जितना रो लो’, ऑस्ट्रेलिया ने ड्रैगन को उसी की भाषा में मजा चखा दिया

29 अप्रैल 2020
G7

दुनिया के 7 बड़े देश एक बात पर हुए सहमत – हम सब चीन के खिलाफ हैं

18 अप्रैल 2020
जापान, चीन

‘हमारी जल सीमा से तुरंत निकल लो’, East China Sea में घुसपैठ करने जा रहे चीनियों को जापानी नौसेना ने खदेड़ा

10 मई 2020
रवीश कुमार

यदि रवीश कुमार मेरे सवालों का ठीक ठीक उत्तर दे दें, तो मैं लिखना छोड़ दूंगा

सरकारी बैंक

प्रिय बैंक कर्मचारियों, अपनी हड़ताल जारी रखें, PSB का निजीकरण होकर रहेगा

संदीप मिश्रा

अखबार के एक मैट्रिमोनियल कॉलम से शुरू हुई प्रेम और देश प्रेम की कहानी

संजय झा

यक्ष – संजय झा संवाद: ऐसे प्रश्न और ऐसे उत्तर जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे

RB Sreekumar – The scourge of India is now finally behind bars

आरबी श्रीकुमार: देश को दशकों पीछे ले जाने वाला अंतत: जेल में पहुंच ही गया

26 जून 2022
noida

दिल्ली, गुरुग्राम की बजाय अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा में घर क्यों ख़रीद रहे हैं लोग?

26 जून 2022
Madhvan ISRO

ओ कूप मंडूको! ISRO को वैज्ञानिक हिंदू पंचांग का प्रयोग क्यों नहीं करना चाहिए?

26 जून 2022
Manoj Sinha

मनोज सिन्हा पेश करते हैं नई योजना, कश्मीर में अब पैसे दो, बिजली लो

26 जून 2022

इस सप्ताह लोकप्रिय

Shopping Mall culture is losing its sheen in India
प्रीमियम

भारत के शॉपिंग मॉल ‘डेड मॉल’ या ‘जॉम्बी मॉल’ क्यों बन रहे हैं?

द्वारा Chaman Kumar Mishra
19 जून 2022
PARLE-g
प्रीमियम

एक या दो दशक में Parle-G बिस्किट का उत्पादन बंद करने पर विवश हो जाएगी पारले कंपनी

द्वारा Chaman Kumar Mishra
22 जून 2022
फ्लिपकार्ट
चर्चित

कभी भारत में फ्लिपकार्ट की बोलती थी तूती, अब चीन की गोद में जा बैठा

द्वारा Deeksha Sharma
16 जून 2022
ललितादित्य
प्रीमियम

भारत के अवेन्जर्स– जिन्होंने अरबी आक्रान्ताओं को 313 वर्ष भारतवर्ष में घुसने तक नहीं दिया

द्वारा Animesh Pandey
18 जून 2022
karan jauhar
चलचित्र

करण जौहर, वापसी के बारे में भूल ही जाओ क्योंकि अब तुमसे न हो पाएगा

द्वारा Animesh Pandey
19 जून 2022

©2022 TFI Media Private Limited

  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFI Official Merchandise
TFI English
TFI Global
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships

©2022 TFI Media Private Limited

Follow us on Twitter

and never miss an insightful take by the TFIPOST team

Follow @tfipost_in