दिल्ली देश की राजधानी है और पूरे देश पर इसकी राजनीति का प्रभाव पड़ता है। अब चाहे नेता हो या नौकरशाही वाला कोई रसूखदार अधिकारी हर किसी का पहला गंतव्य दिल्ली ही होता है। अब हालिया स्थिति यह है कि दिल्ली की राजनीति मूलतः दो बिंदुओं पर आकर टिकी हुई है पहला दिल्ली का नया उपराज्यपाल कौन होगा और दूसरा एकिकृत होने के बाद अब दिल्ली में एमसीडी चुनाव कब होंगे?
अब चुनाव में समय लगेगा यह तो लगभग तय ही माना जा रहा है पर नए उपराज्यपाल की नियुक्ति अब लंबित नहीं रहने वाली, शीघ्र ही अनिल बैजल के स्थान पर नए उपराज्यपाल को लाने की योजना है। ऐसे में जो नाम चर्चा में चल रहे हैं उन पर नज़र डाली जाए तो कई संभावित तो कई चौकाने वाले नाम हैं जिनके उपराज्यपाल बनने की सुगबुगाहट दिल्ली के सियासी गलियारे में हैं।
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपना इस्तीफा भेज दिया था। हालाँकि, इस्तीफा स्वीकार किया जाना बाकी है, क्योंकि राष्ट्रपति 21 मई तक जमैका और सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस की राजकीय यात्रा पर थे। अब किसी भी क्षण बैजल के इस्तीफे पर मुहर लगेगी और नए उपराज्यपाल की नियुक्ति की जाएगी।
बता दें बैजल ने ‘व्यक्तिगत और स्वास्थ्य कारणों’ का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है। 31 दिसंबर, 2016 को दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में बैजल की नियुक्ति की गई थी। पूर्व नौकरशाह का पांच साल का कार्यकाल पिछले साल समाप्त हो गया था, लेकिन उन्हें विस्तार दिया गया था। ऐसे में यह तो तय है कि अब बैजल का इस्तीफा स्वीकार कर ही लिया जाएगा क्योंकि वो अभी विस्तार पर चल रहे हैं। ऐसे में उनका अपनी ओर से इस्तीफा देना यह बताता है कि वास्तव में अब वो इस कार्यभार को चलाने में अक्षम हैं।
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दिल्ली में नए उपराज्यपाल के रूप में संभावित नामों की चर्चा में पहला नाम है, प्रफुल्ल खोड़ा पटेल का। पटेल वर्तमान में केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के प्रशासक हैं। संभावित नामों में सबसे ऊपर पटेल का नाम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि साल के शुरुआत में ही राजनीति का केंद्र पटेल बन गए थे जब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उनका नाम लेकर ट्वीट किया था।
इस साल मार्च में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक ट्वीट के बाद बैजल के हटने की अटकलें तेज हो गईं थीं। केजरीवाल ने ट्वीट किया था, ‘क्या लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को दिल्ली का अगला उपराज्यपाल बनाया जा रहा है?’ इसके बाद से ही नए उपराज्यपाल की खोज में सबसे पहले नाम के रूप में पटेल को देखा जा रहा है, ज्ञात हो कि पीएम मोदी से भी पटेल के अच्छे संबंध बताये जाते हैं।
Is Mr Praful Patel, Administrator of Lakshdweep, being made the next LG of Delhi?
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 12, 2022
संभावित नामों की कड़ी में अगला नाम राजीव महर्षि का है। बैजल की भांति, एक पूर्व केंद्रीय गृह सचिव, जिन्होंने वित्त सचिव और नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) के रूप में भी काम किया हुआ है, राजीव का नाम भी चर्चाओं में बना हुआ है।
इसी क्रम में अगला नाम देश के पूर्व चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा का भी माना जा रहा है। एक पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में जिनका कार्यकाल पिछले साल अप्रैल में समाप्त हुआ था। अरोड़ा ने क्रमशः कौशल विकास और उद्यमिता, और सूचना और प्रसारण मंत्रियों में सचिव के रूप में भी कार्य किया है। उनका नाम भी भावी उपराज्यपाल के रूप में लिया जा रहा है।
और एक नाम है जिस पर सबसे बड़ा पेंच फंस रहा है या फिर कहें कि सबसे चर्चित नाम जो है वो है वर्तमान में दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना। आगरा से ताल्लुक रखने वाले अस्थाना अपने कार्यकाल में बहुत बड़े केसों में नाम कमाया, जिसमें चारा घोटाला प्रमुख रूप से याद किया जाता है। जिसके बाद लालू प्रसाद यादव को जेल जाना पड़ा था। ज्ञात हो कि दिल्ली के वर्तमान पुलिस आयुक्त जिन्होंने पिछले साल जुलाई में राष्ट्रीय राजधानी में अपना कार्यभार संभाला था। अब उन्हें उपराज्यपाल बनाया जा सकता है ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा है।
यह बात तो हुई अब तक के परंपरागत ढाँचे की जिस हिसाब से दिल्ली में नौकरशाही उपराज्यपाल पद पर वर्ष 1966 से हावी रही है। लेकिन अब समय और राजनीतिक माहौल ऐसा है कि राजनेताओं को उपराज्यपाल बनाना आम हो गया है, ऐसे में इस बार यदि कोई राजनेता दिल्ली का उपराज्यपाल बनाया जाता है तो निश्चित रूप से यह दिल्ली के राजभवन के लिए पहला क्षण होगा जब कोई राजनेता वहां की चौखट बतौर उपराज्यपाल पार करेगा। शेष यदि पुराने रिकॉर्ड को ही बरक़रार रखने की कवायद रहती है तो निस्संदेह ऊपर दिए गए चारों नामों में से एक संभवतः दिल्ली के नए उपराज्यपाल बन सकते हैं।