निवेशकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है, ब्लॉकबस्टर होने जा रहा है LIC IPO

भारत सरकार है इसकी गारंटर!

LIC IPO

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LIC के शेयरों की लिस्टिंग हो गई है। बहुप्रतीक्षित लिस्टिंग में निवेशकों ने पैसे भी लगाए हैं और निवेशकों में एक बड़ी संख्या उन निवेशकों की है जिन्होंने पहली बार शेयर बाजार में निवेश किया है। ध्यान देने वाली बात है कि लिस्टिंग के पहले दिन ही निवेशकों को नुकसान हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के शेयर BSE पर 81.80 रुपये डिस्काउंट यानी 8.62% गिरावट के साथ 867.20 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुए हैं। वहीं, NSE पर LIC के शेयर 77 रुपये डिस्काउंट पर लिस्ट हुए। NSE पर कंपनी के शेयर 8.11 फीसदी की गिरावट के साथ 872 रुपये पर लिस्ट हुए हैं। हालांकि, लिस्टिंग के करीब 10 मिनट बाद 10:02 बजे LIC के शेयरों में थोड़ी रिकवरी देखी गई। मौजूदा समय में बीएसई पर कंपनी के शेयर 4.36% की गिरावट के साथ 907.60 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं। वहीं, इस समय एनएसई पर LIC के शेयर 4.72% की गिरावट के साथ 904.25 रुपये पर ट्रेंड कर रहे हैं। किन्तु गिरावट तो देखी ही गई है और इससे निवेशक घबरा गए हैं। ऐसे में गिरावट के कारण और भविष्य में शेयर की स्थिति पर विचार आवश्यक हो गया है।

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LIC के शेयरों की कमजोर लिस्टिंग की ये रही वजह

सरकार ने इस संदर्भ में बयान दिया है। सरकार ने LIC के शेयरों की कमजोर लिस्टिंग के लिए शेयर बाजार को जिम्मेदार ठहराया है। सरकार का कहना है कि बाजार में उतार-चढ़ाव की वजह से निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि मार्केट की अनिश्चितता इस शेयर की कमजोर लिस्टिंग की वजह है। सरकार की ओर से निवेशकों को एलआईसी के शेयरों को लंबे समय तक रखने की सलाह दी गई है। एलआईसी के चेयरमैन एम आर कुमार का भी कहना है कि शेयर में तेजी रहेगी, भले बाजार में गिरावट आ रही हो।

किन्तु इसके कारणों की विवेचना आवश्यक है। भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का प्रमुख कारण अमेरिकी बाजार में मुद्रास्फीति बढ़ना है। अमेरिका में मुद्रास्फीति 40 वर्षों के रिकॉर्ड स्तर पर है। इस कारण महंगाई बढ़ने लगी है और सरकार पर बाजार से मुद्रा की तरलता कम करने का दबाव भी है। ऐसे में अमेरिका के फेडरल बैंक ने ब्याज दरों में वृद्धि कर दी है। ब्याज में वृद्धि के कारण अब व्यापारी बैंकों से नए लोन नहीं ले सकेंगे। ऐसे में अमेरिका के निवेशकों के लिए अमेरिका स्थित अपने फर्म का संचालन कठिन होगा। इस आर्थिक संकट से बचने के लिए और अमेरिका की अपनी इकाइयों की सुरक्षा के लिए सभी निवेशक, दुनियाभर के अन्य बाजारों से अपना पैसा निकाल रहे हैं। निवेशक भारतीय बाजार से भी जा रहे हैं, जिसका असर स्टॉक एक्सचेंज पर दिख रहा है। अब ऐसे दौर में जब LIC की लिस्टिंग हुई तो इसे भी नकारात्मक परिणाम देखना पड़ा।

भारत सरकार है इसकी गारंटर

हालांकि, सरकार द्वारा निवेशकों को नहीं घबराने की नसीहत इसलिए दी गई है क्योंकि सरकार को उम्मीद है कि गिरते शेयर बाजार के बीच भी LIC जैसा बड़ा नाम निवेशकों को आकर्षित करेगा। LIC कोई PayTm या Zomato नहीं है, भारत सरकार की कंपनी है, सरकार इसकी गारंटर है। ऐसे में निवेशकों का पैसा डूबने वाला नहीं है। दूसरी ओर यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि LIC ने अब तक भारतीय इंश्योरेंस बाजार में एकाधिकार जमा रखा है। कुछ छोटी बड़ी कंपनियां अगर बाजार में है भी तो उसका मार्केट शेयर LIC के आगे कहीं नहीं टिकता। LIC का उसके उपभोक्ताओं के बीच में जो भरोसा है, उसका अन्यत्र कोई उदाहरण नहीं है। उपभोक्ता, किसी अन्य कंपनी में अपने पैसे देकर इतना विश्वास नहीं कर पाता और यही LIC की उपलब्धि है।

पहले दिन की लिस्टिंग के बाद यह बात सामने आई है कि इस आईपीओ में निवेश के लिए भारतीय निवेशक बढ़ चढ़कर सामने आए हैं। क्योंकि एलआईसी के साथ भारत सरकार का नाम और उसका साथ जुड़ा हुआ है, इसलिए भविष्य में विदेशी निवेशक भी इस फर्म के आईपीओ में निवेश कर सकते हैं। जिन लोगों ने शेयर खरीदे हैं उन्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है केवल धैर्यपूर्वक परिस्थितियां ठीक होने का इंतजार करें।

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