26 वर्षीय दलित युवक बिलिपुरम नागराजू को हैदराबाद के सरूरनगर में एक व्यस्त सड़क पर बेरहमी से पीटा गया और चाकू मारकर उसकी हत्या कर दी गयी। कारण ये है कि उसने लड़की के परिवार की इच्छा के विरुद्ध जाकर एक मुस्लिम लड़की से शादी की। लड़की उच्च जाति के मुस्लिम समुदाय से आती है। यह घटना बुधवार 4 मई की रात करीब 9 बजे की है। अपने दोपहिया वाहन से यात्रा कर रहे दंपति का बाइक पर सवार महिला के भाई और एक अन्य रिश्तेदार ने पीछा किया और फिर दंपति को रोका। पीड़ित के सिर पर लोहे की रॉड से वार किया और उस पर चाकू से हमला भी किया। पुलिस ने बताया कि जब देखने वालों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्हें धमकाया गया। वहीं नागाराजू ने तुरंत दम तोड़ दिया।
पुलिस क्या कहती है?
पुलिस का कहना है कि हमले के पीछे दो लोग थे जबकि, पीड़ित की पत्नी सैयद अश्रीन सुल्ताना ने कहा कि हमले में पांच लोग शामिल थे। अश्रीन ने मीडिया को बताया कि वे 10वीं कक्षा से एक दूसरे से प्यार करते थे। नागराजू के परिवार से शादी करने का इरादा व्यक्त करने के बावजूद, उन्होंने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। अश्रीन ने कहा- “उन्होंने मेरी मां से यहां तक कह दिया कि वह इस्लाम कबूल कर लेंगे, लेकिन फिर भी उन्होंने इस प्रस्ताव को कभी स्वीकार नहीं किया।”
नागराजू रंगारेड्डी जिले के मारपल्ले के मूल निवासी थे जबकि अश्रीन उसी जिले के पड़ोसी घानापुर गांव की रहने वाली हैं। अश्रीन के माता-पिता उनके प्रस्ताव से सहमत नहीं थे पर फिर भी इस जोड़े ने इस साल 31 जनवरी को हैदराबाद में एक आर्य समाज समारोह में शादी कर ली।
शादी के बाद यह जोड़ा सरूरनगर के पंजाला अनिल कुमार कॉलोनी में रह रहा था और नागराजू कार सेल्समैन का काम करता था। अश्रीन के परिवार के सदस्यों द्वारा उनका पीछा किया जा रहा था, इसी डर से यह युगल कुछ समय के लिए विशाखापत्तनम में स्थानांतरित हो गया था। वे पांच दिन पहले ही शहर लौटे थे।
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एलबी नगर क्षेत्र के सहायक पुलिस आयुक्त, पी श्रीधर रेड्डी ने कहा- “महिला के भाई और उसके रिश्तेदार को दंपति के निवास का पता मिल गया था। पीड़ित पर लोहे की रॉड और चाकू से हमला किया गया था। प्रारंभिक जांच में घटना में दो लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है। हम आगे की जांच कर रहे हैं।“
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है। सरूरनगर इंस्पेक्टर के सीताराम ने कहा, “मकसद स्पष्ट है। उन्होंने पीड़ित को इसलिए मार डाला क्योंकि वह एक अलग धर्म से ताल्लुक रखता था।”
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भाजपा कार्यकर्ताओं की मांग है कि दोषियों को मिले सजा
इस बीच, उस समय इलाके में थोड़ा तनाव व्याप्त हो गया जब भाजपा कार्यकर्ता एकत्र हुए और पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए। प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की मांग है कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए।
कुछ अंधे लोग हिंदू मुस्लिम एकता का नारा लगाते हैं तो वहीं कुछ धूर्त लोगों ने इस नारे का गलत फायदा उठाते हुए सम्माननीय दलित समाज को हिंदू धर्म से अलग करने की कोशिश की। परंतु, ‘जय भीम और जय भीम’ का नारा लगाने वाले कुछ अंधे लोगों को अपने आंख से पट्टी हटाते हुए यह देखना ही पड़ेगा कि जिस दिन मीम की जय हुई, उस दिन भीम की पराजय सुनिश्चित है। मुस्लिम समाज में व्याप्त घनघोर रूढ़िवादी पितृसत्तात्मक सोच औरत को सिर्फ एक वस्तु समझती है। वस्तुतः, इसी सिद्धांत का पालन करते हुए वे अन्य धर्मों की लड़की को लव जिहाद के जाल में फंसाकर जनसंख्या वृद्धि की एक मशीन बना देते हैं और फिर उस मशीन के खराब होते ही उसे सूटकेस में पैक कर देते हैं। अगर यही परिस्थिति विपरीत हुई और कोई मुस्लिम लड़की इन पितृसत्तात्मक बंधनों को तोड़ते हुए हिंदू समाज में शादी करती है तो वह इस मशीन को खराब समझकर उसे ठिकाने लगा देते हैं। निश्चित रूप से इस समुदाय के सभी लोग ऐसी मानसिकता के नहीं होंगे पर अगर 1% भी ऐसी सोच रखते हों तो निश्चित रूप से ये अब भारत के सामाजिक ताने-बाने और राष्ट्रीयता के लिए अत्यंत विनाशकारी सिद्ध हो सकता है।