महामारी कोरोना के चलते बुरी तरह से प्रभावित होने के बाद अब भारत की अर्थव्यवस्था एक बार फिर पटरी पर आ रही है। अब भारत की इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ रही है और भारत सरकार के द्वारा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) से जुड़े जारी किए गए ताजा आंकड़े इसका संकेत देते हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो मालूम चलता है कि दुनिया में इस वक्त जिस देश की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, वो भारत ही है। जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वार्षिक वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत दर्ज की गई। जो चीन, अमेरिका जैसे बड़े और विकासशील देशों से अधिक है।
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NSO ने जारी किए आंकड़े
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) के जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देश की जीडीपी ने वित्त वर्ष 2021-22 में 8.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी। पिछले 22 सालों से यह सबसे अधिक रही। यही नहीं वित्त वर्ष 2021-22 में भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था भी बनीं। इस दौरान चीन की अर्थव्यवस्था में 8.1%, ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में 7.4%, अमेरिका 5.7% और फ्रांस की 7%, जर्मनी की 2.8% तो वहीं जापान में 1.6% की दर से वृद्धि दर्ज की गई।
Upwards and Onwards!
India becomes the world's fastest-growing economy with a GDP growth rate of 8.7%. #IndiaBouncesBack pic.twitter.com/kbRXG3sZ4N— MyGovIndia (@mygovindia) May 31, 2022
वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार ने आर्थिक विकास दर 8.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। जो अनुमानित आंकड़ों से थोड़ी कम ही रही। हालांकि बावजूद इसके यह भारत के लिए काफी अच्छे संकेत भी लेकर आई। क्योंकि इस समय कोरोना महामारी के प्रभाव और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया संकट के बड़े दौर से गुजर रही है। इसके बाद भी भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी देखने को मिल रही है।
कोरोना महामारी के बाद तेजी से उछाल
इससे पहले पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुई थी और इसमें 6 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। NSO के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में वास्तविक जीडीपी 147.36 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई। यह पिछले साल 135.58 लाख करोड़ रुपये थी। भारत की रफ्तार पकड़ती अर्थव्यवस्था उन आलोचकों के लिए करारा जवाब है, जो यह अनुमान जता रहे थे कि कोरोना महामारी के झटके से भारत को उभरने में सालों का वक्त लग जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने यह अनुमान जताया था कि भारत की अर्थव्यवस्था केवल 2022 के अंत में ही प्री-कोविड स्तर पर वापस आ पाएगी।
ET Now को दिए गए एक इंटरव्यू में रघुराम राजन ने कहा था- “मेरा अनुमान है कि हम शायद 2022 के अंत तक वापस नहीं आएंगे, जहां हम महामारी से पहले थे। और निश्चित तौर पर उस यथास्थिति में वापस जाने में थोड़ा अधिक समय लगेगा, जिसे हमने खो दिया क्योंकि हम उस समय से पहले 4% या 5% की दर से बढ़ रहे थे।“ हालांकि उनके यह अनुमान गलत साबित हुए, क्योंकि मार्च 2022 में ही भारत ने उस स्तर कोविड से पहले वाली स्थिति को छू लिया है।
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लगभग हर क्षेत्र में भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन कोरोना से पूर्व के वित्त वर्ष 2019-20 से बेहतर स्तर पर पहुंच गया है। विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 9.9 फीसदी रही, जो एक साल पहले 0.6 फीसदी तक घटकर आ गई थी। इसके अलावा खनन और निर्माण इन दोनों ही क्षेत्रों में विकास दर 11.5 फीसदी पहुंच गई। इन दोनों ही क्षेत्रों में एक साल पहले संकुचन आया था। हालांकि देश की बड़ी आबादी से जुड़े कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर वर्ष 2021-22 में घटकर तीन फीसदी रह गई जो एक साल पहले 3.3 फीसदी पर थी। अब अनुमान तो ये जताया जा रहा है कि वर्ष 2030 तक भारत, जापान को भी पीछे छोड़ सकता है और एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।