अब बदल जाएगी यूपी की तस्वीर- आ रहे हैं अडानी

भारत की अर्थव्यवस्था का इंजन बनेगा योगी का यूपी !

yogi adaani

Source- TFIPOST.in

उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट 2022 शुक्रवार, 3 जून को लखनऊ में शुरू हुआ। समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिखर सम्मेलन के शिलान्यास समारोह में भाग लिया, जिसके दौरान उन्होंने 80,000 करोड़ रुपये से अधिक की 1,406 परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इसी दौरान एशिया के सबसे अमीर भारतीय और अडानी ग्रुप के चेयरमैन, गौतम अडानी ने यह घोषणा की कि अडानी ग्रुप उत्तर प्रदेश में 70,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जिससे भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 30,000 नौकरियां पैदा होंगी। अडानी यूपी इन्वेस्टर्स समिट को संबोधित कर रहे थे, जिसका आयोजन लखनऊ में किया गया है।

इन्वेस्टर्स समिट में गौतम अडानी ने यह भी कहा कि, “इस निवेश में से 11,000 करोड़ रुपये ट्रांसमिशन, पानी, एग्री लॉजिस्टिक्स, डाटा सेंटर बिजनेस और हरित ऊर्जा जैसी परियोजनाओं पर पहले ही खर्च किए जा चुके हैं। अडानी ग्रुप सड़क और परिवहन के बुनियादी ढांचे पर 24,000 करोड़ रुपये और मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक और रक्षा क्षेत्र पर 35,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है।

इसके अलावा, अडानी ग्रुप कानपुर में दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा गोला बारूद परिसर स्थापित करने की प्रक्रिया में है। यह यूपी के रक्षा क्षेत्र में सबसे बड़ा प्राइवेट सेक्टर इन्वेस्टमेंट होगा। अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के अध्यक्ष और सीईओ आशीष राजवंशी ने कहा, “गोला-बारूद परिसर में कम दूरी की वायु रक्षा मिसाइलों के साथ-साथ छोटे और मध्यम कैलिबर गोला-बारूद में अत्याधुनिक तकनीक होगी। यह रक्षा निर्माण में 5.0 अरब डॉलर के निर्यात को प्राप्त करने के भारत के लक्ष्य में एक प्रमुख सूत्रधार होगा। यह परियोजना स्वदेशी रक्षा निर्माण के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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यूपी इन्वेस्टर्स समिट

पहला यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2018 में और दूसरा 2019 में आयोजित किया गया था। पहले शिखर सम्मेलन के दौरान, 61,500 करोड़ रुपये से अधिक की 81 परियोजनाओं को लॉन्च किया गया था, जबकि दूसरे शिखर सम्मेलन के दौरान 67,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाले 290 प्रोजेक्ट लॉन्च किए गए थे।

यूपी सरकार के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शुक्रवार के समारोह में निवेश सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र में कम से कम 805 परियोजनाओं, कृषि और संबद्ध उद्योगों में 275 और फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा आपूर्ति में 65 परियोजनाओं को निधि देगा। इन परियोजनाओं में 1,183 करोड़ रुपये के शिक्षा क्षेत्र से संबंधित छह, 489 करोड़ रुपये की डेयरी से संबंधित सात और 224 करोड़ रुपये की पशुपालन से जुड़ी छह परियोजनाएं होंगी। राज्य में 90 लाख एमएसएमई हैं जो देश में ऐसी सभी परियोजनाओं का 14.2 प्रतिशत है।ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह 3.0 में, राज्य में स्थापित किए जा रहे नए एमएसएमई में कुल 4,459 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

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इन जिलों में लग रहे हैं MSME प्रोजेक्ट

इनमें से दो यूनिट आगरा में, तीन अलीगढ़ में, दो अमेठी में, एक अयोध्या में, सात बाराबंकी में, दो बरेली में, एक चंदौली में, एक इटावा में, दो फतेहपुर में, एक फिरोजाबाद में और 40 गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद में शुरू होंगी। एक बयान में कहा गया है कि नकदी का प्रवाह 19,928 करोड़ रुपये के सात डेटा केंद्रों और 6,632 करोड़ रुपये की 13 बुनियादी ढांचा (infrastructure) परियोजनाओं के लिए होगा। कृषि और संबद्ध उद्योगों में परियोजनाओं को 11,297 करोड़ रुपये, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स को 7,876 करोड़ रुपये और विनिर्माण को 6,227 करोड़ रुपये मिलेंगे।

इतने बड़े निवेश निवेशकों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी विश्वास का प्रतीक है जो यह विश्वास दिलाते हैं कि आज एक ऐसे नए भारत का निर्माण हो रहा है जो अपने पुराने गौरव को एक बार फिर से पा सकेगा। एक ऐसा भारत जो दुनिया में सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनेगा। साथ ही जिस तरह से उत्तर प्रदेश में हजारों करोड़ों का निवेश हो रहा है, वह दिन दूर नहीं जिस दिन उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का निर्माण कर सकेगा। यह वही उत्तर प्रदेश है जो एक समय में गुंडाराज के लिए बदनाम हुआ करता था और यह वही उत्तर प्रदेश है जिसमें आज कई निवेशक इतने बड़े बड़े निवेश कर रहे हैं जो भारत को नई ऊंचाइयों पर लाने की ताकत रखते हैं।

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