एकनाथ शिंदे हैं महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री, फडणवीस ने किया भाजपा के समर्थन का ऐलान

मास्टरस्ट्रोक है या नहीं इसका विश्लेषण करेंगे लेकिन अभी तो देवेंद्र फडणवीस के समर्थक निराश हैं!

sindhe

Source- TFIPOST.in

कहते हैं पांचों उँगलियाँ, और सभी दिन एक समान नहीं होते। अब इसमें एक चीज़ और जोड़ लीजिए – राजनीति कभी भी एक समान नहीं होती। उद्धव ठाकरे के सत्ता से हटते ही जैसे ही भाजपा और शिवसेना के नए समीकरण बिठाए जाने, एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना और भाजपा की ओर से देवेंद्र फडणवीस ने सभी को अचंभित करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे अब से महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री होंगे और वे शीघ्र ही महाराष्ट्र के राज्यपाल के समक्ष अपनी सरकार हेतु दावा पेश करेंगे।

और पढ़ें: महाराष्ट्र में ठाकरे के साम्राज्य को फडणवीस ने कैसे इंच-दर-इंच ढहाया?

महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री होंगे एकनाथ शिंदे

देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। फडणवीस के अनुसार, “शिवसेना ने दाऊद इब्राहिम का विरोध किया और दूसरी तरफ उन्होंने एक ऐसे शख्स को कैबिनेट में रखा जो दाऊद की मदद करने के आरोप में जेल गया था। वे सावरकर का अपमान करने वाले के साथ गठबंधन में थे। 2019 में बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन हुआ था और हमें विधानसभा चुनावों में आवश्यक संख्या मिली थी। हमें सरकार बनाने की उम्मीद थी, लेकिन शिवसेना ने उन लोगों के साथ गठबंधन करना चुना जिनके खिलाफ बालासाहेब ने जीवन भर विरोध किया। परंतु अब आशा करते हैं कि नए शासन में ऐसा कुछ नहीं होगा। इसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और शिवसेना और भाजपा के नेता शपथ लेंगे। मैं सरकार से बाहर रहूंगा”।

और पढ़ें: कभी महाराष्ट्र की राजनीति का केंद्र हुआ करता था ‘मातोश्री’ लेकिन उद्धव इसे भी ले डूबे

बता दें कि एकनाथ संभाजी शिंदे शिवसेना के प्रारम्भिक नेता दल के सदस्यों में से एक है। एक ऑटो चालक से अपनी यात्रा प्रारंभ करते हुए उन्होंने शिवसेना में कदम रखा, और आनंद दीघे एवं बाला साहेब ठाकरे को वे अपना आराध्य मानते आए थे। वे उद्धव सरकार में भी काफी उच्चतम पदों पर आसीन थे, परंतु निरंतर पराजयों के पश्चात इनका भी मोहभंग होने लगा था, और अंत में विधान परिषद के चुनाव के पश्चात इनका धैर्य जवाब दे गया और इन्होंने लगभग 36 विधायकों के साथ विद्रोह कर दिया। कुल मिलाकर 50 विधायक, जिसमें संभवत 13 निर्दलीय विधायक भी शामिल है, पहले सूरत और फिर गुवाहाटी गए, जहां से उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उद्धव सत्ता से नहीं हटेंगे, तब तक वे नहीं हटेंगे।

और पढ़ें: महाराष्ट्र फ्लोर टेस्ट में क्या-क्या हो सकता है? वो गणित समझ लीजिए जिसकी आपको प्रतीक्षा है

ऐसे में अब शिंदे जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं, तब न केवल उनके वर्षों की मेहनत सफल होते हुए दिखाई देगी, अपितु उद्धव का घमंड भी चकनाचूर होते हुए दिखाई देगा, क्योंकि अब वे चाहकर भी शिवसेना पर पुनः दावा नहीं ठोंक पाएंगे।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Exit mobile version