शायद, आप कभी जीवन में पंजाब गए नहीं हो, लेकिन फिर भी आपके मन में पंजाब की एक छवि जरुर होगी. ये छवि बॉलीवुड चलचित्रों, किवदंतियों और आपके कपोल कल्पनाओं पर बनी है जिसमें पंजाब में हरे भरे खेत, पांच नदियों की बहती हुई धारा, मवेशी सम्पदा, खेत-खलिहान-किसान के साथ-साथ दूध-दही, घी-मक्खन और लस्सी दिखाई जाती है. किन्तु, ये सच नहीं है. सच तो कुछ और ही है जो अब बॉलीवुड के द्वारा नहीं, बल्कि समाचार चैनल और समाचार पत्रों के माध्यम से दिख रहा है. पंजाबी गायक सिद्दू मूसेवाला की दुखद और असामयिक मौत ने इन सारे झूठ और पंजाब की छवि की कलई खोलकर रख दी है. अगर वास्तविकता के धरातल का अवलोकन करें तो पंजाब अब ‘लैंड ऑफ़ 5 रिवर्स’ नहीं बल्कि ‘लैंड ऑफ़ गैंग्स’ बन चुका है.
इस आर्टिकल में हम पंजाब के उस दस प्रमुख गैंग या फिर कुख्यात गिरोहों के बारे में जानेंगे, जिन्होंने न सिर्फ पंजाब की छवि राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल की बल्कि आज इन्हीं की वजह से पूरा का पूरा पंजाब रक्तरंजित पड़ा कराह रहा है. इस परिस्थिति ने भारत के सुरक्षा और संप्रभुता पर भी एक प्रश्नचिन्ह लगा दिया है. इन गिरोहों ने आपसी गैंगवार में पंजाब के भविष्य को अन्धकार की ओर तो धकेला ही ऊपर से वहां के युवा वर्ग को नशा और बन्दूक संस्कृति का महिमामंडन कर उनके भविष्य को भी अंधकारमय करने का कुकृत्य किया है.
गायक-सह-राजनेता मूसेवाला की हत्या ने पंजाब में सक्रिय गैंगस्टर गिरोहों को लाइमलाइट में ला दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 70 संगठित गिरोह की नकाली छांव में लगभग 500 से अधिक सदस्य सक्रिय हैं, जिनमें से 300 विभिन्न जेलों में बंद हैं. इन 70 में से 8 प्रमुख गिरोहों ने राज्य में शांति को पूर्ण रूप से भंग कर दिया है. यहां हमने 10 गैंगस्टरों की एक सूची तैयार की है, जिनके कुकृत्यों की सूची काफी लंबी है और ऐसा कोई अपराध नहीं है जिसे इन्होंने नहीं किया हो।
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1. सुखा कहलों
सुखा कहलों एक प्रसिद्ध गैंगस्टर, शूटर, सीरियल किलर और कहलों, जालंधर, पंजाब का लुटेरा था। वह पंजाब और अन्य उत्तर-भारतीय राज्यों में अपनी अनगिनत हत्याओं के लिए कुख्यात था। उसे वर्ष 2015 में विक्की गाउंडर ने मार डाला था। हालांकि, गिरोह अभी भी सक्रिय है। इसने सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर अपने अपराधों के लिए समर्थन जुटाया था.
2. विक्की गौंडर
मुक्तसर जिले के सरवन बोड़ला गांव में एक मध्यम आय वाले किसान परिवार में जन्मे हरजिंदर सिंह प्राथमिक विद्यालय में ‘विक्की’ के नाम से जाना जाता था। उसने ‘गौंडर’ का टैग इसलिए लगाया गया क्योंकि वह अपना ज्यादातर समय ‘मैदान’ (खेल के मैदान) पर बिताता था। वर्ष 2008 तक, उसका एथलेटिक बनने का सपना खत्म हो गया क्योंकि अपराध की दुनिया के साथ उसका आकर्षण काफी तेजी से बढ़ता जा रहा था।
वर्ष 2010 में, आंतरिक प्रतिद्वंद्विता के कारण उसने सुखा कहलों को मारने के लिए अपने दोस्त बाबा को प्रेरित किया. इस प्रकार, गौंडर ने अपने दोस्त की मौत का बदला लेने के लिए उसने अपने पक्ष में गैंग का माहौल बनाने के लिए कहलों को मारने का फैसला किया. जनवरी 2015 में, उसने सुखा को मार डाला, जब जालंधर में एक अदालत की सुनवाई के बाद सुखा कहलों को वापस नाभा जेल ले जाया जा रहा था, तब गौंडर ने फगवाड़ा के पास बंदूक की नोक पर पुलिसकर्मियों को बंधक बनाकर कहलों की हत्या कर दी. विक्की गौंडर की वर्ष 2018 में पंजाब पुलिस ने दो अन्य गैंगस्टरों के साथ गोली मारकर एनकाउंटर कर दिया था.
3. लॉरेंस बिश्नोई
31 वर्षीय लॉरेंस बिश्नोई एक “गैंगस्टर” है, जो बिश्नोई जनजाति से है. लॉरेंस चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज का छात्र था. वह पंजाब विश्वविद्यालय (SOPU) के छात्र संगठन का अध्यक्ष भी था. उस पर हत्या के प्रयास, अतिचार, डकैती और मारपीट सहित कई अपराध करने का आरोप है. वह वर्ष 2017 से राजस्थान की भरतपुर जेल में बंद है. वर्ष 2018 में पकड़े गए उसके एक सहायक ने बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की हत्या की योजना का चौंकाने वाला खुलासा किया, क्योंकि लॉरेंस ने उनसे ऐसा करने का आग्रह किया था. लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के पूरे देश में 700 सदस्य हैं.
4. कुलबीर सिंह नरुआना
कुलबीर सिंह नरूआना को वर्ष 2021 में, बठिंडा के गांव नरुआना में उनके घर के बाहर कथित तौर पर एक सहयोगी द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके साथ उसका किसी मुद्दे पर विवाद था. नरूआना 15 से अधिक मामलों का सामना कर रहा था और हत्या के समय जमानत पर बाहर था. उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के तहत 26 से अधिक मामले दर्ज थे.
5. लखा सिधाना
लखा सिधाना उन दो नामों में से एक है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में खालिस्तानी विरोध के दौरान भड़की हिंसक झड़पों को भड़काने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं. गैंगस्टर से एक्टिविस्ट बने सिधाना के खिलाफ पंजाब में भी एक दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं. उस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान भीड़ जुटाने का भी आरोप था.
6. काला धनौला
गुरमीत सिंह मान उर्फ काला धनौला, धनौला गिरोह का मुखिया सरगना था और बरनाला जिले के धनौला पुलिस स्टेशन के रिकॉर्ड में सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर था. नाभा जेल में बंद रहते हुए वह धनौला का अधिपति बना रहा, जहां वह वर्ष 2015 में अपने जेल सेल से पार्षद चुना गया था. हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, घुसपैठ और अन्य मामलों के 49 मामलों में बुक किया गया, गवाहों के मुकर जाने के बाद उन्हें कुछ 20 मामलों में बरी कर दिया गया.
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7. जयपाल सिंह भुल्लर
पंजाब का मॉस्ट वांटेड ड्रग तस्कर और ए-श्रेणी का गैंगस्टर जयपाल सिंह भुल्लर, जसप्रीत सिंह (उर्फ जस्सी) वर्ष 2021 में कोलकाता में पश्चिम बंगाल पुलिस के एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया था. वह सीमा पार से ड्रग की तस्करी में शामिल था. सीमा पार से हथियार और हेरोइन तस्करी का उसे गॉडफादर माना जाता था.
8. जसविंदर सिंह उर्फ रॉकी
वर्ष 2012 में बठिंडा में एक पुलिस मुठभेड़ में 24 वर्षीय गुरशियाद सिंह, जिसे शेरा खुबन के नाम से जाना जाता है, को मार गिराया गया. खुबन गिरोह को शक था कि सुखा कहलों और सदस्यों सेखों करामिटी और जसविंदर सिंह ने इन तीनों लोगों को मार डाला. विशेष रूप से, वह हत्या सहित कम से कम 23 मामलों में वांछित था और उसे 18 मामलों में बरी कर दिया गया था.
9. दविंदर बंबिहा
दविंदर बंबिहा मोगा जिले के बंबिहा भाई गांव के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखता था और वह एक शार्पशूटर भी था। बंबिहा ने 21 वर्ष की उम्र में जेल से भागकर अपना गैंग बनाया था. वह आधा दर्जन हत्या के मामलों में नामजद था. वह वर्ष 2012 से 2016 में अपनी मृत्यु तक पंजाब में मॉस्ट वांटेड गैंगस्टरों में से एक था. बंबिहा सोशल मीडिया पर अपनी आपराधिक गतिविधियों को अपडेट करता था. वह 9 सितंबर, 2016 को बठिंडा जिले के रामपुरा के पास गिल कलां में 26 साल की उम्र में पंजाब पुलिस के साथ हुई एक मुठभेड़ में मारा गया था. हालांकि, उसका गैंग अभी भी सक्रिय है. हाल ही में जालंधर में अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप सिंह नंगल अम्बिया की हत्या बांबिहा गिरोह ने ही की थी.
10. जग्गू भगवानपुरिया
मॉस्ट वांटेड गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया का जन्म 4 जुलाई 1990 को पंजाब के भगवानपुर में हुआ था. वह 10वीं कक्षा में पढ़ते हुए अपराध की दुनिया में आ गया था. उसकी मुलाकात गैंगस्टर गुरी से हुई. वह एक उत्कृष्ट कबड्डी खिलाड़ी था लेकिन वर्ष 2010 के बाद एक गैंगस्टर बन गया. उसका गिरोह जबरन वसूली और डकैती के लिए कुख्यात था. पंजाब पुलिस ने उसके खिलाफ लगभग 50 मामले दर्ज किए हैं, और उनमें से दो उसके निर्वाचन क्षेत्र में दर्ज किए गए हैं, जबकि 13 मामले अमृतसर में पंजीकृत थे.
बताते चलें कि पंजाब में गन और गैगस्टर संस्कृति चरम पर पहुंच चुकी है. पंजाब में लाइसेंस देने की दर 20 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है यानी की हर 5 में से 1 पंजाबी के पास हथियार है. आपने सुना होगा कि देश में सबसे ज्यादा लाइसेंस यूपी के पास है लेकिन यूपी की आबादी भी पंजाब से कई गुना ज्यादा है. अतः अनुपातिक दृष्टि से देखें तो पंजाब के पास प्रति व्यक्ति सबसे ज्यादा हथियार हैं, ऊपर से इस डाटा में वो हथियार शामिल नहीं हैं जो सीमा पार या फिर कनाडा से आते हैं. यहां तक कि जनता के पास पुलिस से ज्यादा हथियार हो गया है. ऐसे में राज्य में गन और गैंगस्टर संस्कृति का ट्रेंड स्वभाविक है. सरकार को जल्द से जल्द इसपर कार्रवाई करनी चाहिए अन्यथा यह भारत की सुरक्षा के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकता है.
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