TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

उम्मीदवार घोषित होने से पहले ही हम बता रहे हैं कि कौन होगा भारत का अगला राष्ट्रपति

मोदी को 100 फीसदी ‘डिकोड’ करना नामुमकिन है, लेकिन उम्मीद है हम ग़लत साबित नहीं होंगे।

Chaman Kumar Mishra द्वारा Chaman Kumar Mishra
18 June 2022
in समीक्षा
भारत का अगला राष्ट्रपति

Source: TFI

Share on FacebookShare on X

टीएफ़आई प्रीमियम में आपका स्वागत है। आज के इस लेख में हम भारत के अगले राष्ट्रपति के नाम का ऐलान करने जा रहे हैं। हम आपको यह भी बताएंगे कि क्यों वही शख्स भारत का अगला राष्ट्रपति बनने जा रहा है। उस शख्सियत के बारे में विस्तार से हम आपको बताएंगे लेकिन उससे पहले आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व के बारे में कुछ बातें ज़रूर जान लेनी चाहिए।

  1. दूरदर्शी निर्णयकर्ता

नरेंद्र मोदी की राजनीति को जो समझता है वो जानता है कि मोदी की योजनाएं भविष्य की योजनाएं होती हैं। उनका प्रत्येक निर्णय आने वाले वक्त के अनुसार होता है। गुजरात से लेकर दिल्ली तक की उनकी राजनीतिक यात्रा को जिसने भी देखा है वो जानता है कि मोदी के ज्यादातर निर्णय चौंकाने वाले होते हैं। मोदी, जिस पर विश्वास करते हैं- उस पर अटूट विश्वास करते हैं और उसे राजनीति में मौके देते हैं। इसके साथ ही उनके निर्णयों के पीछे दूरदर्शिता होती है। भविष्य के समीकरण होते हैं। भविष्य की समझ होती है।

संबंधितपोस्ट

बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन में दरार: कांग्रेस-राजद विधायकों के इस्तीफे से भाजपा को मिला बलt

रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

और लोड करें
  1. राजनीतिक समझ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक समझ पर किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए। हर कोई जानता है कि पीएम मोदी के राजनीतिक फैसले हमेशा ही सही बैठते हैं। गुजरात में जब मोदी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ गए तो एक लंबे अरसे तक के लिए बैठे रहे। पीएम मोदी अपने हर फैसले से गुजरात में विपक्ष को ‘क्लीन बोल्ड’ करते रहे। वहीं, जब पीएम मोदी दिल्ली आए तो यहां भी उन्होंने विपक्ष को कहीं नहीं टिकने दिया। लोगों का दिल जीतना और राजनीति में छाए रहना पीएम मोदी को आता है- पीएम मोदी लोगों की नब्ज पकड़ते हैं। वो लोगों के लिए काम करते हैं- उनकी राजनीतिक समझ का ही नतीजा है कि उनके निर्णय ज्यादातर सही साबित होते हैं।

  1. वंचितों के नेता

पीएम मोदी ने हमेशा ही अपने निर्णयों में समाज के उस वर्ग को आगे किया है जोकि किसी ना किसी वज़ह से पिछड़ गया- जिसे कि पिछली सरकारों ने दरकिनार किया- जिन्हें उनका सही हक़ नहीं मिला- दलितों/वंचितों/पिछड़ों/पीड़ितों के लिए पीएम मोदी ने हमेशा से ही आगे बढ़कर काम किया है। उनकी नीति हमेशा से ही रही है कि समाज के उस वर्ग को आगे लाया जाए- जिसे दरकिनार किया गया है। गुजरात से लेकर दिल्ली तक के उनके निर्णयों में हमें हमेशा यही दिखा है। रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाना उसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

  1. राष्ट्रहित सर्वप्रथम

पीएम मोदी के लिए राष्ट्रहित हमेशा से ही सर्वप्रथम रहा है। वो राष्ट्रहित के लिए ही काम करते हैं। उसी तरह से सोचते हैं- और विचार करते हैं। ऐसे में उनके निर्णय भी ऐसे ही होते हैं। वो उसी शख्स को चुनते हैं जोकि पहले से ही राष्ट्रहित में कार्यरत हो। राष्ट्र के लिए काम करता हो। उनके तमाम निर्णयों में हमें इसकी झलक दिखाई देती है।

कौन बनेगा राष्ट्रपति ?

तो हमने पीएम मोदी के विशाल व्यक्तित्व की उन कुछ विशेषताओं को देखा जो पीएम मोदी को ‘पीएम मोदी’ बनाती हैं। तो चलिए अब हम आपको बताते हैं कि भारत का अगला राष्ट्रपति कौन बन सकता है।

और पढ़ें: राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में गोपाल कृष्ण गांधी का नाम विपक्षी खेमें में ‘विश्वसनीयता’ की कमी को दर्शाता है

द्रौपदी मुर्मू

द्रौपदी मुर्मू- वो नाम है जिसके ऊपर पीएम मोदी मुहर लगा सकते हैं। और भारत का अगला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बन सकती हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि मुर्मू को ही राष्ट्रपति क्यों बनाया जा सकता है? मुख्य धारा की मीडिया में तो कई नाम चल रहे हैं- आरिफ मोहम्मद का नाम सामने आ रहा है। वेंकैया नायडू का नाम भी लिया जा रहा है। फिर हम अकेली मुर्मू का नाम ही क्यों ले रहे हैं? तो चलिए आपको बताते हैं कि क्यों द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बन सकती हैं।

Presidential Poll draupadi murmu
राष्ट्रपति पद की दौड़ में आगे चल रही हैं द्रौपदी मुर्मू।

आदिवासी

भारत में अभी तक कोई भी आदिवासी राष्ट्रपति नहीं बना है। पीएम मोदी एक आदिवासी को भारत का अगला राष्ट्रपति बनाकर देश के सामने उदाहरण पेश कर सकते हैं। पीएम मोदी ने ही ‘एक दलित’ रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया था और अब पीएम मोदी ही एक आदिवासी को राष्ट्रपति बना सकते हैं।

द्रौपदी मुर्मू का आदिवासी होना पीएम मोदी की राजनीतिक समझ के अनुसार भी सटीक बैठता है। इस एक निर्णय से पीएम मोदी 2024 को भी साधने की कोशिश करेंगे और आने वाले विधानसभा चुनावों को भी। लोकसभा की 543 सीटों में से 47 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इसके साथ ही 62 लोकसभा सीटों पर आदिवासी समुदाय का सीधा-सीधा प्रभाव है। वहीं, अगर विधानसभा चुनावों की बात करें तो मध्य-प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात में आदिवासी मतदाता प्रभावी हैं।

गुजरात में तो इसी वर्ष चुनाव होने हैं और गुजरात के आदिवासी मतदाताओं पर बीजेपी की पकड़ कुछ कमजोर भी रही है। प्रदेश में करीब 14 फीसदी आदिवासी हैं- जोकि 60 सीटों पर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। इसके साथ ही 182 सदस्यीय विधानसभा में 27 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं। भाजपा की अगर बात करें तो 2007 में पार्टी ने 13, 2012 में पार्टी ने 11 और 2017 में पार्टी ने 9 सीटें जीती थीं।

मध्य-प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 2023 में चुनाव होना है। मध्य प्रदेश की अगर बात करें तो कुल 230 सीटों में से 84 सीटों पर एसटी निर्णायक भूमिका में हैं। 2013 में भाजपा ने यहां से 59 सीटें जीती थी लेकिन 2018 में यह घटकर सिर्फ 34 रह गईं। इसी तरह की स्थिति छत्तीसगढ़, ओड़िशा, महाराष्ट्र और झारखंड में भी है- जहां आदिवासी समाज चुनावों के नतीजों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है।

इन परिस्थितियों को देखते हुए साफ कहा जा सकता है कि द्रौपदी मुर्मू पर पीएम मोदी दांव लगा सकते हैं।

संवैधानिक अनुभव

द्रौपदी मुर्मू का संवैधानिक पद पर रहने का अनुभव भी उनके पक्ष में काम करता है। मुर्मू झारखंड की इकलौती ऐसी राज्यपाल रही हैं जिन्होंने अपना पूरा कार्यकाल पूरा किया। कार्यकाल पूरा ही नहीं किया बल्कि उनके कार्यकाल को विस्तार भी मिला था। वो 6 वर्ष से अधिक समय के लिए झारखंड की राज्यपाल रही। राज्यपाल रहते हुए मुर्मू हमेशा आदिवासियों और बालिकाओं के हितों को लेकर सजग और तत्पर रही। राज्यपाल रहते हुए वो अपनी सादगी के लिए भी जानी गई- उनके राज्यपाल रहते हुए कोई भी विवाद सामने नहीं आया।

Presidential Poll draupadi murmu
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ द्रौपदी मुर्मू

महिला

द्रौपदी मुर्मू महिला हैं- और महिला होना भी उनके पक्ष में जाता है। दरअसल, प्रधानमंत्री बनने के बाद से पीएम मोदी ने महिलाओं के हितों के लिए तमाम कार्य किए हैं- तमाम नीतियों से- तमाम योजनाओं से- तमाम जागरुकता के अभियानों से उन्होंने महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम किया है। हर घर में शौचालय की बात हो- महिलाओं को गैस सिलेंडर देने की बात हो- आवास योजना में महिलाओं को प्राथमिकता देने की बात हो- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की बात हो- पीएम मोदी ने हमेशा ही महिलाओं के हितों की बात की है।

और पढ़ें: राष्ट्रपति चुनाव: विपक्ष के टकराव ने भाजपा को दे दिया है आसान रास्ता

यही कारण है कि आज देश की महिलाएं पीएम मोदी के पक्ष में खड़ी दिखाई देती हैं। हाल में हुए कई राज्यों के विधानसा के चुनाव परिणाम भी हमें यही बताते हैं कि महिलाएं पीएम मोदी के साथ खड़ी हैं। ऐसे में एक महिला को राष्ट्रपति बनाकर पीएम मोदी पूरे देश को और दुनिया को यह संदेश दे सकते हैं कि भारत में एक ऐसी सरकार है जो महिला सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।

Presidential Poll draupadi murmu
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्रौपदी मुर्मू

ओडिशा

द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की हैं। उनका जन्म मयूरभंज जिले के एक गांव में हुआ था। भाजपा और बीजू जनता दल की जब संयुक्त सरकार ओडिशा में थी- उस वक्त द्रौपदी मुर्मू राज्य सरकार में मंत्री पद पर भी रही। 6 मार्च, 2000 से लेकर 16 मई, 2004 तक वो मंत्री रही। ऐसे में अगर भाजपा उन्हें राष्ट्रपति बनाती है तो पार्टी ओडिशा में भी मजबूती के साथ आगे बढ़ सकती है। ओडिशा में अबतक भाजपा ने अपनी पकड़ उतनी मजबूत नहीं कर पाई है लेकिन उसकी पूरी कोशिश है कि ओडिशा को जीता जाए और द्रौपदी मुर्मू उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति के पद पर बैठाना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए भी एक मौका होगा। दरअसल, संघ ने आदिवासी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा काम किया है। संघ के आदिवासी काम की तारीफ कई बार भाजपा की विरोधी पार्टियां भी करती हैं। ऐसे में अगर भाजपा द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाती है तो यह संघ के कार्यों पर भी एक मुहर होगी।

21 जुलाई को वोटों की गिनती

इन सभी तथ्यों को देखते हुए यह निश्चित तौर कहा जा सकता है कि द्रौपदी मुर्मू भारत का अगला राष्ट्रपति बन सकती हैं। लेकिन किसी भी चौंकाने वाले निर्णय के लिए भी आपको तैयार रहने होगा। दरअसल, मोदी को पूरी तरह से ‘डिकोड’ करना करीब-करीब नामुमकिन है- इसलिए हो सकता है कि वो किसी ऐसे शख्स के नाम का ऐलान कर दें जिसके बारे में हमने सोचा भी नहीं होगा।

भारत के 16वें राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को चुनाव होगा। 15 जून को चुनाव की अधिसूचना जारी होगी और 29 जून तक नामांकन दाखिल होंगे। 21 जुलाई को वोटों की गिनती होगी यानी कि 21 जुलाई को ही देश को अगला राष्ट्रपति मिलेगा। उम्मीद करते हैं कि 21 जुलाई को हम सही साबित होंगे और द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन में निवास करेंगी।

Presidential Poll draupadi murmu
21 जुलाई को मिलेगा देश को नया राष्ट्रपति।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

 

Tags: Draupadi MurmuNarendra ModiPresidential Election 2022Rashtrapati Chaunavद्रौपदी मुर्मूनरेंद्र मोदी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

स्पेन के विदेश मंत्री की राय- नाटो को है भारत जैसे स्थिर देशों की आवश्यकता

अगली पोस्ट

भारत के अवेन्जर्स– जिन्होंने अरबी आक्रान्ताओं को 313 वर्ष भारतवर्ष में घुसने तक नहीं दिया

संबंधित पोस्ट

मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई
क्राइम

मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

23 October 2025

जब मां काली की मूर्ति का सिर काट दिया जाए और सत्ता मौन रह जाए, तो यह केवल एक अपराध नहीं, बल्कि सभ्यता और श्रद्धा...

‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन
चर्चित

‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

23 October 2025

बिहार की राजनीति एक बार फिर चुनावी तापमान पर है। हर पार्टी जनता को रिझाने की कोशिश में है, लेकिन इस बार जो वर्ग सबसे...

गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत
इतिहास

गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

22 October 2025

जून 2025 में सऊदी अरब ने आधिकारिक रूप से अपने विवादित कफाला प्रणाली को समाप्त करने की घोषणा की। यह एक ऐसा कदम था, जिसे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

00:06:22

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16

What Really Happened To the Sabarimala Temple Gold Under Left Government?

00:07:21
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited