दुनिया का सबसे प्रसिद्ध भिखमंगा है पाकिस्तान। आतंक की फैक्ट्री है पाकिस्तान। लेकिन इतने विशेषणों के बाद अभी भी पाकिस्तान सुधरा नहीं है और सुधरने की कोई नियत भी नहीं दिखती है। इसलिए अब पाकिस्तान को एक नया विशेषण मिला है- चोट्टा है पाकिस्तान।
सरकार कोई भी आए पाकिस्तान अपनी नीचता में नंबर 1 बना रहता है। हालिया उदाहरण ने एक बार फिर यही साबित किया है। अफगानिस्तान को भेजी गई मानवीय सहायता को चोट्टे पाकिस्तान ने बीच में चुरा लिया और उससे अपना पेट भर रहा है।
अफ़ग़ानिस्तान को भेजी जा रही मानवीय सहायता में से जमाखोरी करने का काम पाकिस्तान कर रहा है। चूँकि यह सहायता भारत से पाकिस्तानी सीमा पार करने के बाद अफ़ग़ानिस्तान में प्रवेश करती है, इसी बीच पाकिस्तानी तस्कर इसमें से चोरी कर लेते हैं। ज्ञात हो कि, बीते वर्ष अगस्त में तालिबान ने अफगानिस्तान की गनी सरकार का तख्ता पलट करके अफगानिस्तान पर अपना राज कायम कर लिया था- इसके बाद राज्य में बड़ी अस्थिरता फ़ैल गई थी।
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अब तालिबानी शासन का यह मतलब तो है नहीं कि एक पडोसी देश होने के नाते वहां की जनता के प्रति हमारे मानवीय और नैतिक संबंध खत्म हो गए। भारत तो दुश्मनों को भी समय आने पर सहयोग प्रदान करने के लिए जाना जाता है, फिर क्या पाकिस्तान और क्या चीन! यह तो फिर भी भारत से मैत्री रखने वाला अफ़ग़ानिस्तान था।
ऐसे में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 50,000 मीट्रिक टन गेहूं और जीवन रक्षक दवाओं के साथ अफगान निवासियों का समर्थन करने का बीड़ा उठाया था। बाद में ले-देकर बमुश्किल इस्लामाबाद अपनी वाघा-अटारी सीमा को ‘मानवीय उद्देश्यों के लिए असाधारण आधार’ पर परिवहन के लिए उपयोग करने की अनुमति देने के लिए सहमत हुआ। हालांकि, अब मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि 50 गेहूं से लदे ट्रकों को अवैध रूप से पाकिस्तान की सीमा में घुसने रोका गया है। इसके साथ ही हेरात-कंधार राजमार्ग पर भी कुछ ट्रकों पर तस्करों ने कब्जा कर लिया।
यह सब इसलिए भी हो रहा है क्योंकि पाकिस्तान में इन दिनों महंगाई चरम पर है। दाने-दाने को मोहताज पाकिस्तान आर्थिक राहत के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) पर आश्रित है। आईएमएफ ने कुछ शर्तों के साथ पाकिस्तान को कर्ज देने की बात कही थी- उन्हीं शर्तों के अनुसार पाकिस्तान सरकार को अपने देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ानी पड़ीं।
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वहीं, पाकिस्तान के मित्र देश जैसे कि चीन और सऊदी अरब भी इस वक्त पाकिस्तान को कर्ज नहीं दे रहे हैं- उनका कहना है कि जब पाकिस्तान को आईएमएफ कर्ज दे देगा- उसके बाद ही हम मदद करेंगे- ऐसे में बुरी तरह से बर्बाद पाकिस्तान के पास कहीं और से मदद की उम्मीद नहीं बची तो वो भारत का गेहूं ही चोरी करने लगा। इसी सिलसिले में पिछले हफ्ते भारत ने अपनी एक टीम अफगानिस्तान भेजी थी। इस टीम का मुख्य उद्देश्य यही था कि जो सहायता भारत से भेजी जा रही है- वो अफगानिस्तान तक पहुंचे।
टीम की रिपोर्ट के आधार पर अब भारत ने ऐलान किया है कि वो परिवहन के मार्ग को बदलेगा। अब भारत मुंबई, कांडला या फिर मुंद्रा बंदरगाहों के माध्यम से पश्चिमी तट पर चाबहार बंदरगाह और ईरानी भूमि मार्ग से हेरात का रास्ता अपना सकता है।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि, “हम पहले ही मानवीय सहायता के कई शिपमेंट भेज चुके हैं। जिसमें 20,000 मीट्रिक टन गेहूं, 13 टन दवाएं, COVID वैक्सीन की 500,000 खुराक और सर्दियों के कपड़े शामिल हैं। इन खेपों को इंदिरा गांधी चिल्ड्रन हॉस्पिटल, काबुल और WHO समेत संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसियों को सौंप दिया गया था। इसके अलावा भारत अफगानिस्तान को अधिक चिकित्सा सहायता और खाद्यान्न भेजने की प्रक्रिया में है।”
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ऐसे में एक बात तो बिल्कुल साफ है कि पाकिस्तान की स्थिति आने वाले वक्त में और ज्यादा बर्बाद होने जा रही है- आर्थिक तौर पर पाकिस्तान किसी भी वक्त दिवालिया घोषित हो सकता है- ऐसे में भारत सरकार को पाकिस्तान के हर कदम पर नजर रखने की आवश्यकता है।
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