कुछ लोगों को भारत और भारतीयों की भावनाओं को आहत करने में विशेष आनंद मिलता है और अब इसमें लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) की ताजा एंट्री हुई है। प्रभु श्रीराम को अपमानित करने के लिए एक समय चर्चा में आया यह संस्थान अब अपने एक वीडियो के लिए काफी विवाद में आया है, जहां इसने अपने मानचित्र में न केवल भारत को खंड खंड दिखाया है, अपितु भारत विरोधियों को फिर से विष उगलने का अवसर दे दिया है। इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी ने अपने भड़काऊ वीडियो से भारत विरोधी तत्वों को आयुध प्रदान किया है और कैसे भारत के वास्तविक मानचित्र को हमें रेखांकित करने और उसे स्पष्ट करने की सख्त आवश्यकता है।
मूल समस्या प्रारंभ होती है इस वीडियो से –
Here is the full video posted on 7th june pic.twitter.com/XKtV8HQvXz
— Chad Infi𓄿 (@chad_infi) June 19, 2022
पंजाब के फगवाड़ा स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) ने अपने स्टडी इंडिया प्रोग्राम में एक विवादित वीडियो चलाया। इस वीडियो में भारत के मानचित्र से कश्मीर को हटा दिया गया। इस वीडियो को सबसे पहले यूनिवर्सिटी के हैंडल से 7 जून, 2022 को शेयर किया गया था। परंतु ये तो कुछ भी नहीं है, इस वीडियो में पूर्वोत्तर भारत को भारत का हिस्सा तक नहीं माना गया है –
Even entire NE is not included. pic.twitter.com/2T110L6D53
— Chad Infi𓄿 (@chad_infi) June 19, 2022
परंतु आपको क्या लगता है, यह यूं ही हुआ है? इसके पीछे एक बहुत सोची समझी रणनीति है। इस विश्वविद्यालय के कुलपति यानी चांसलर हैं अशोक कुमार मित्तल, जो राज्यसभा सांसद भी हैं और अनुमान लगाइए वो किस पार्टी के सांसद के है? सोचिए, सोचिए, वे उसी आम आदमी पार्टी के सांसद हैं, जिसने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने से लेकर खालिस्तान को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
पूर्व में भी दोहराई जा चुकी हैं ऐसी घटनाएं
परंतु ठहरिए, बात यहीं पर खत्म नहीं होती। यह कनेक्शन बहुत लंबा है। यह यूनिवर्सिटी वर्ष 2005 में बन कर तैयार हो गई थी और 1 वर्ष बाद 2006 में इसमें कामकाज और पठन-पाठन शुरू हो गया था। वर्तमान में शारदा यूनिवर्सिटी नोएडा में प्रोफेसर और सोशल मीडिया पर नरेंद्र मोदी विरोधी पोस्ट करने के लिए चर्चित अहरार अहमद लोन भी पहले इसी लवली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर थे। इससे पूर्व में भी इस प्रकार की घटनाएं दोहराई जा चुकी है, चाहे वो चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के Alumni सेक्शन का विवादित मानचित्र हो या फिर Google Analytics के मानचित्र हो, सबकी बराबर हिस्सेदारी रही है।
परंतु प्रश्न तो अभी भी यथावत है – भारत का वास्तविक मानचित्र क्या है? भावनात्मक रूप से तो कश्मीर से कन्याकुमारी तक और गुजरात से अरुणाचल तक, सम्पूर्ण भारतवर्ष हमारा है। अब इसमें मतभेद है कि प्राचीनतम भारत का मानचित्र किसने उकेरा, परंतु आधुनिक, अविभाजित भारत का सर्वप्रथम मानचित्र मेजर जेम्स रेनेल ने रचा था, और यदि मान भी लें कि अंग्रेज़ी अफसर सिरिल रेडक्लिफ द्वारा रचित स्वतंत्र भारत का मानचित्र आधुनिक भारत का मानचित्र था, तो भी, उसमें कश्मीर, पूर्वोत्तर भारत इत्यादि को उनका उचित स्थान दिया गया था। आज कुछ धूर्त सरकारों के दबाव में जिस प्रकार से हमारे मानचित्र के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, उससे भले उन्हें प्रतीत हो रहा है कि वे विचारधारा की लड़ाई जीत रहे हैं, परंतु वे वास्तव में उगते हुए सूर्य के सूर्योदय को रोकने का प्रयास कर रहे हैं, और हम सभी जानते हैं कि वो कितना संभव है!
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