सरकार से जिस नीति के तहत काम करने की उम्मीद होती है जब वो उसपर खरी उतरने लगती है तो जनता के लिए इससे अधिक सुखदायी क्षण कुछ और नहीं हो सकता है। यह खबर कर्नाटक से है जहां राज्य की भाजपा शासित बोम्मई सरकार ने बीते मंगलवार को भाजपा कार्यकर्ता प्रवीण नेट्टारू की हत्या के बाद सख्ती का पालन करते हुए कड़े निर्देश जारी किए हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि अगर स्थिति की मांग होती है तो उत्तर प्रदेश का “योगी मॉडल” कर्नाटक में भी उन सभी राष्ट्रविरोधी और सांप्रदायिक तत्वों से निपटने के लिए लागू होगा जो अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही सीएम ने स्पेशल टास्क फोर्स के गठन की बात भी कह दी है जो ऐसे अराजक तत्वों से निपटने में सहायक सिद्ध होंगे।
हमने कल अपनी सरकार के गठन का एक साल पूरा होने का डोड्डाबल्लापुरा में एक कार्यक्रम रखा था लेकिन अब इस कार्यक्रम को रद्द कर रहे हैं। मैं कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करूंगा: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई pic.twitter.com/7p10F0M18g
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 27, 2022
दरअसल, भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता प्रवीण नेट्टारू की हत्या मंगलवार रात को अज्ञात हमलावरों द्वारा कुल्हाड़ी से कर दी गयी थी। दर्ज़ शिकायत के अनुसार प्रवीण नेट्टारू के स्वामित्व वाले अक्षय ताजा चिकन फार्म के कर्मचारी मधुकुमार रायन ने कहा कि घटना मंगलवार की रात करीब 8.30 बजे हुई। उसके बाद राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं ने ही भाजपा सरकार पर सवाल खड़े करते हुए विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था और शायद इसी का परिणाम था कि शाम होते होते स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री को इसपर टिप्पणी और बयान जारी करना पड़ा।
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार शाम को कहा कि “हमने कल (28 जुलाई) अपनी सरकार के गठन का एक साल पूरा होने का डोड्डाबल्लापुरा में एक कार्यक्रम रखा था लेकिन अब इस कार्यक्रम को रद्द कर रहे हैं। मैं कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करूंगा।” भाजपा कार्यकर्ता की हत्या पर बोलते हुए बोम्मई ने कहा कि “यह समाचार सुनने के बाद मेरा मन शांत नहीं था, मैंने उस पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। यह बजरंग दल कार्यकर्ता की मृत्यु के कुछ दिनों बाद हुआ है। यह अमानवीय और निंदनीय है।”
सीएम बोम्मई ने आगे कहा कि “आरोपियों को नहीं बख्शेंगे। कमांडो की एक टास्क फोर्स को इंटेलिजेंस विंग के साथ प्रशिक्षित किया जाएगा और वे विशेष रूप से ऐसे अपराधियों से निपटेंगे। दोषियों को जल्द पकड़ा जाएगा। इसमें अंतर-राज्यीय मुद्दे शामिल हैं इसलिए मैं अभी ज्यादा कुछ नहीं कर सकता।”
Won't spare such elements at any cost. A task force of commandos will be trained along with intelligence wing, they'll specifically look after such elements. Culprits to be nabbed soon… there are inter-state issues involved that's why I can't reveal everything now: Karnataka CM pic.twitter.com/NGcVM18HG4
— ANI (@ANI) July 27, 2022
सत्य तो यह है कि जिस प्रक्रिया के साथ बोम्मई सरकार इस मुद्दे से निपटने की रणनीति बना रही है, वह निश्चित रूप से कठोरतम कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध नज़र आ रही है। वहीं, सोने पर सुहागा यह है कि स्वयं मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राज्य में “योगी मॉडल” अपनाने तक के संकेत दे दिए हैं। सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। कुल पांच टीमों का गठन किया गया है और टीमों को केरल भेजा गया है। सभी अधिकारी काम कर रहे हैं और हमें विश्वास है कि दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। उन्हें दंडित किया जाएगा। जैसा कि इस साल की शुरुआत में शिवमोग्गा में हर्षा हत्याकांड में हुआ था।
सीएम ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के संबंध में कोई समझौता नहीं होगा। बोम्मई ने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने और इसे बिगाड़ने वाली ताकतों को खत्म करने के संबंध में सरकार के सामने कुछ चुनौतियां हैं, यह चुनौती देश भर के राज्यों में मौजूद है और इस तरह की ताकतों ने पिछले 10 वर्षों में कर्नाटक में अपना सिर उठाया है। उनकी गतिविधियां 2014-15 में राज्य में महत्वपूर्ण रूप से शुरू हुईं और अब तक जारी हैं। हमारे पुलिस अधिकारी ‘स्लीपर सेल’ की पहचान करने में कामयाब रहे हैं और इस तरह की गतिविधियों में शामिल या ऐसे तत्वों को समर्थन देने वालों को एनआईए की मदद से जेल भेज दिया गया है।
पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के सवाल पर बोम्मई ने कहा कि यह केंद्र सरकार को करना है और जब राज्य सरकारों ने अतीत में ऐसा करने का प्रयास किया तो अदालतों ने इस पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा, “हमने केंद्र को ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए आवश्यक रिपोर्ट और सुबूत भेजे हैं, प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्द से जल्द आप केंद्र से इस पर एक निर्णय सुनेंगे। प्रतिबंध पूरे देश में लगाया जाना चाहिए।”
जिस प्रकार कर्नाटक सरकार ने विरोध के बाद टास्क फ़ोर्स गठन जैसे त्वरित आदेश दिए हैं और PFI को प्रतिबंधित करने के लिए सुबूत प्रदान किए हैं उससे यह सिद्ध हो रहा है कि हिंदुओं के गुस्से का अपना ही असर होता है और सीएम बोम्मई ने अपने आदेश से यह बात चरितार्थ भी कर दी। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन की मूल भावना और पीड़ा को समझकर ही आदेश जारी किए हैं।
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