भावनाओं पर किसी का नियंत्रण नहीं होता, वो व्यक्तिगत होती हैं। वहीं हर एक व्यक्ति की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए क्योंकि सभी एक समान हैं, लेकिन पंजाब में एक ही वर्ग की भावनाओं को ध्यान में रखने की जैसे होड़ लग गयी है। हालिया उदाहरण भगवंत मान सरकार का वो यू-टर्न है जो 11 जुलाई को जारी किया गया।
क्या भगवंत मान खालिस्तानियों के आगे झुक गए
इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे भगवंत मान खालिस्तानियों के आगे सिर झुकाते हुए दिखायी देने लगे हैं। दरअसल, यू-टर्न कुछ इस तरह से था कि पंजाब रोडवेज ने पीआरटीसी बसों पर जरनैल सिंह भिंडरावाले, जगतार सिंह हवारा और अन्य सिखों और शब्दों की तस्वीरें हटाने का फैसला वापस लिया। इससे पूर्व जारी किए गए आदेश में इन दोनों खालिस्तानी नामों से जुड़ी प्रचार सामग्री को त्वरित रूप से हटाने के निर्देश इसी पंजाब सरकार के रोडवेज़ विभाग ने जारी किए थे।
Punjab Roadways roll back decision of removing pictures of Sant Jarnail Singh Bhindranwale, Jagtar Singh Hawara & other Sikhs & Wordings on PRTC buses https://t.co/VfHJeTWhJp pic.twitter.com/uS53T4Npbn
— Gagandeep Singh (@Gagan4344) July 11, 2022
दरअसल, पंजाब की सरकारी बसों पर लगी जरनैल सिंह भिंडरावाले और जगतार सिंह हवारा की तस्वीरों को अब नहीं हटाया जाएगा। सरकार ने इन दोनों की तस्वीरों को बसों से हटाने के लिए आदेश जारी किया था। लेकिन कई सिख संगठनों की तरफ से इसका विरोध किया गया और साथ ही उन्होंने विरोध प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद अब सरकार ने 1 जुलाई को जारी किया गया अपना आदेश वापिस ले लिया।
ज्ञात हो कि, पंजाब रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (PRTC) और PEPSU की कुछ बसों पर लगी जरनैल सिंह भिंडरांवाला व अन्य समर्थकों की तस्वीरों और लिखित नारों पर आपत्ति उठे उससे पूर्व सरकार ने पंजाब रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन को निर्देश दिए थे कि इस पर उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। जिसके बाद निगम की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी किए गए और बाद में कहा गया कि इस निर्णय का कुछ संगठन विरोध कर रहे हैं, उनकी भावनाएं आहत न हों इसलिए इस फैसले को वापस लिया जाता है।
बता दें कि पंजाब पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) द्वारा सिख चरमपंथियों जरनैल सिंह भिंडरावाले और जगतार सिंह हवारा के पोस्टरों के बारे में शिकायत मिली थीं। जिसके बाद उन्होंने 28 जून को एक पत्र लिखते हुए सार्वजनिक संपत्ति और सरकारी बसों पर लिखे नारों और तस्वीरों से समाज में बिगड़ने वाले सामंजस्य पर सवाल उठाए थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा था किऐसे नारे दूसरे समुदाय की भावनाओं को आहत कर सकते हैं और इसके परिणामस्वरूप समाज में माहौल बिगड़ भी सकता है। इसके बाद पंजाब पुलिस ने सभी अधिकारियों से इस संबंध में सख्त कार्रवाई करने को कहा ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे।
SGPC condemned official letter of
ADGP Law & Order which mentioned photos of Sant Jarnail Singh Bhindranwale, Jagtar Singh Hawara & other Sikhs & Wordings on PRTC buses
as objectionable. @SGPCAmritsar pic.twitter.com/F7dCtvs2xQ— Gagandeep Singh (@Gagan4344) July 2, 2022
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खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे नजर आए
यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब पंजाब के विभिन्न हिस्सों में दीवारों पर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे नजर आ रहे हैं। पुलिस कई मामलों में कार्रवाई कर रही है। 1 जुलाई को सरकार के आदेशों के बाद पुलिस ने बसों पर लगी जरनैल सिंह भिंडरावाले और जगतार सिंह हवारा की तस्वीरें हटानी शुरू कर दी थीं। पंजाब सरकार के सरकारी बसों पर से भिंडरावाले और हवारा की तस्वीर हटाने का फैसला वापस लेने पर भाजपा ने विरोध जताया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुभाष शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार खलिस्तानियों और आतंकियों के आगे झुक गयी है। यह पंजाब के भाईचारे के लिए एक बड़ा खतरा है।
वहीं जब यह सब होने लगा तो वैसे ही खालिस्तानी समूहों का ड्रामा शुरू हो गया और वही विधवा विलाप शुरू कर दिया। दूसरी तरफ इस दबाव में कि यह समूह सरकार को आहत कर सकते हैं, भगवंत मान की सरकार ने इस निर्णय को वापस ले लिया और “खालिस्तानी” सोच और उसके अनुयायियों के सम्मुख घुटने टेक दिए। और तो और पंजाब में अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप की सरकार है लेकिन अरविंद केजरीवाल मूक दर्शक बने हुए हैं या यूं कहें कि वो जानबूझकर कुछ कहना ही नहीं चाहते हैं। इससे यह प्रदर्शित होता है कि कैसे खालिस्तानियों का कब्ज़ा सरकार के हर निर्णय पर हो गया है और किस हद तक वो उसे प्रभावित कर रहे हैं।
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