भगवंत मान बने ‘मनमोहन सिंह’, राघव चड्ढा ने ली ‘सोनिया गांधी’ की जगह

पंजाब में अब रिमोट कंट्रोल से चलेगी सरकार!

PANJAAB

Source- TFIPOST.in

आम आदमी पार्टी “राजनीति बदलने” आई थी, पर वो खुद ही बदल गई। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत “परिवर्तन” NGO चलाते थे, किसे पता था दोनों खुद ही परिवर्तित हो जाएंगे। जिस कांग्रेस के विरोध और उसकी नीतियों के प्रतिकार स्वरुप आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ था आज उन्हीं नीतियों को “आप” आत्मसात कर चुकी है। ताजा उदाहरण पंजाब से आया है, जहाँ राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान को डमी मुख्यमंत्री बनाया है उसकी तस्दीक हो चुकी है। अब नीति निर्धारण का काम कागज़ी रूप में मान देखेंगे पर उन्हें अमल में लाने का काम और कोई नहीं दिल्ली से ही अरविंद केजरीवाल के विश्वासपात्र बने हुए राघव चड्ढा को दिया गया है। पंजाब सरकार ने आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को एक सलाहकार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

दरअसल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राघव चड्ढा आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद को राज्य सरकार की सलाहकार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा कहा गया कि वह पंजाब में आप सरकार की जन-समर्थक पहल की अवधारणा और कार्यान्वयन की देखरेख करेंगे और वित्त के मामलों पर सरकार को सलाह देंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि, “श्री चड्ढा एक चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं और उन्होंने दुनिया की कुछ सबसे बड़ी कॉर्पोरेट फर्मों के साथ काम किया है। उन्होंने दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया के वित्तीय सलाहकार के रूप में भी काम किया है।” बयान में आगे कहा गया है कि, “उनके कड़े प्रयासों ने दिल्ली को एक राजस्व अधिशेष राज्य बनाने में मदद की और इस तरह इसे उच्च आर्थिक विकास के पथ पर रखा।”

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ज्ञात हो कि, तो इस कदम को सोनिया गांधी के उस कदम से जोड़कर देखा जा रहा है जो उन्होंने भारत की राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) का गठन कर दिया था। इस नेशनल अडवाइज़री काउंसिल के माध्यम से निवर्तमान प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को “मौन” रहने का आदेश प्राप्त था और सारे आदेश इस NAC की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा पारित किए जाते थे। उन्हीं के 10 जनपथ से सरकारें चलती थीं और सारे निर्णायक फैसले सोनिया गांधी की सहमति के बाद यही NAC उसपर ठप्पा लगाती थी और मनमोहन सिंह मौन रहते हुए मात्र हस्ताक्षर करने के लिए याद किए जाते थे।

इसी की पुनरावृत्ति अब पंजाब में हो रही है, जहाँ केजरीवाल के विश्वासपात्र, राघव चड्ढा को पहले पंजाब से राज्यसभा सांसद बनाया और बाद में मुख्यमंत्री भगवंत मान को सलाह देने के नाम पर NAC सरीके पंजाब सरकार की एडवाइजरी कमेटी का चेयरमैन बनाया गया। यह सिद्ध करता है कि कैसे पंजाब सरकार अब दिल्ली से ही केजरीवाल के नियंत्रण में रहकर चलेगी और उसका माध्यम और मध्यस्त राघव चड्ढा बने हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि कैसे भगवंत मान आज के डॉ मनमोहन सिंह तो वहीं अरविंद केजरीवाल और राघव चड्ढा सोनिया गांधी बन चुके हैं।

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बता दें, बवाल से बचाव के लिए पहले ही पंजाब सरकार ने समिति के गठन को लेकर एक अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना के अनुसार, अस्थायी समिति के एक अध्यक्ष होंगे और इसके सदस्य किसी भी मुआवजे, पारिश्रमिक या अनुलाभों के हकदार नहीं होंगे। विडंबना की बात यह है कि भगवंत मान को सीएम ही इसलिए बनाया गया ताकि केजरीवाल उन्हें एक डमी सीएम के रूप में उपयोग कर सकें और सारी  शक्तियां उन्हीं के हाथ में रहें।

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