अमेरिकी ‘शिकारी ड्रोन’ को भूल जाइए, इजरायल के साथ मिलकर स्वदेशी ड्रोन बनाएगा भारत

इससे बढ़िया और क्या होगा!

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Source- TFIPOST.in

भारत जिसके एक ओर चीन और दूसरी तरफ पकिस्तान है तो ऐसे दो पड़ोसियों के होने पर किसी के लिए भी सबसे बड़ी चिंता का विषय अपनी सुरक्षा ही होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बात को अच्छे से जानते हैं। यही कारण है कि उन्होंने सत्ता में आने के बाद से भारत के रक्षा क्षेत्र में बहुत निवेश और प्रगति करने पर ध्यान दिया है। साथ ही भारत के पास सभी आधुनिक हथियार हों इसका ख्याल करते हुए उन्होंने अमेरिका से भी एक प्रिडेटर ड्रोन डील पर चर्चा की थी।

अमेरिका का यह प्रिडेटर ड्रोन निगरानी के साथ-साथ गतिरोध दूरी से दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। इससे पहले भारत अमेरिका से दो शिकारी ड्रोन ले चुका है जो हिंद महासागर क्षेत्र में गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए नौसेना की मदद कर रहे हैं। इसके आलावा भारत हिन्द महासागर पर नजर रखने के लिए 12 अमेरिकी P-8I एंटी- सबमरीन वारफेयर और निगरानी विमानों का अधिग्रहण कर चुका है और इनमें से छह और विमानों को प्राप्त करने पर काम कर रहा था।

प्रिडेटर ड्रोन की डील की समीक्षा करने की जिम्मेदारी लेफ्टिनेंट जनरल की अध्यक्षता वाली एक समिति को सौंपी गई। उनकी की गई समीक्षा के अनुसार जो 30 ड्रोन भारत अमेरिका से खरीदना चाह रहा था उनकी कीमत 4.5 बिलियन अमेरिकी डालर जो कि बहुत महंगा हो रहा था। साथ ही भारत अपनी ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत सुई से लेकर ट्रेन तक सब भारत में ही बना रहा है तो फिर प्रिडेटर ड्रोन क्यों नहीं। इसी विचार के चलते भारत ने अमेरिकी प्रिडेटर ड्रोन सौदे को रोक दिया।

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तो अब कौन बनाएगा भारत के लिए प्रिडेटर ड्रोन?

भारत के लिए प्रिडेटर ड्रोन अब भारत स्वयं बनाएगा। अब केंद्र का विचार है कि भारत स्वयं का ड्रोन बनाये और उसमें इस्तेमाल होने वाली तकनीक इज़राइल की होगी। हथियारों से लैस यह ड्रोन एक निजी भारतीय फर्म इजरायली रक्षा निर्माता के साथ साझेदारी में बनाएगा।

भारत के लिए हथियार भारत में निर्मित हों इस कारण प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर रक्षा मंत्रालय द्वारा आयात मार्ग के माध्यम से नियोजित लगभग सभी रक्षा सौदों को या तो रद्द कर दिया गया या रोक दिया गया। अब सरकार का पूरा ध्यान देश को अपने लिए खुद हथियार बनाने सीखने की ओर है।

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इससे पहले भारत बना चुका है एक मानव रहित विमान

जून माह में भारत मिसाइल, बम दागने वाले मानवरहित ‘घातक ड्रोन’ का निर्माण और सफल परीक्षण कर चुका है जो कि भारतीय सेना के काम करने के तरीके को पूरी तरह बदलने की ताकत रखता है। घातक का उपयोग न केवल निगरानी के लिए किया जा सकता है, बल्कि निर्दिष्ट लक्ष्यों पर सटीक हथियारों को फायर करने के लिए भी किया जा सकता है, साथ ही अपने स्टेल्थ फीचर्स का इस्तेमाल करके यह दुश्मनों के सेंसर से बच सकता है।

भारत का ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट हर दिन नई उचाइयां छू रहा है और जब यह प्रिडेटर ड्रोन बनकर तैयार हो जायेगा और आकाश में उड़ेगा तो यह भारत के लिए बहुत ही गौरवान्वित करने वाला पल होगा।

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