आखिरकार भाजपा नीतीश कुमार और उनके तोतों को क्यों बर्दाश्त कर रही है?

भाजपा जेडीयू से गठबंधन क्यों नहीं तोड़ पा रही है ?

bihaar nitish

Source- TFIPOST.in

इस्लामिक कट्टरता देश में लगातार बढ़ती ही चली जा रही है। किसी न किसी बहाने की आड़ लेकर कट्टरपंथी देश के माहौल को लगातार बिगाड़ने के प्रयासों में जुटे हुए है। इन कट्टरपंथियों के हौसले इस कदर बुलंद होने लगे है कि वो भारत को इस्लामिक राष्ट्र तक बनाने का षड्यंत्र तक रचने लगे है। पटना में पुलिस ने एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। जिसके बाद पता चला है कि भारत को वर्ष 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की तैयारी चल रही थी। इसके तार कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े है।

इस मॉड्यूल का खुलासा करते हुए पटना पुलिस ने दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। परंतु इसके साथ ही पटना के एसएसपी ने पूरे मामले पर एक ऐसा बयान दे दिया, जिसको लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद उनके संगठन और मंसूबों से जुड़ी जानकारी देने के लिए पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों सामने आए। इस दौरान उन्होंने एक चौंकाने वाला बयान देते हुए चरमपंथी इस्लामिक संगठन PFI की तुलना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से कर दी।

पटना एसएसपी ने अपने बयान में कहा- “यह लोग मदरसे, मस्जिदों में युवाओं को कठोरता की ओर मोबिलाइज करते थे और उन बच्चों को कट्टर बना रहे थे। इनका जो मोडस (उद्देश्य) था कि यह लोग, जैसे शाखा होती है, RSS अपनी शाखा में लाठी की ट्रेनिंग देती है। ठीक वैसे ही यह लोग भी शारीरिक प्रशिक्षण के नाम पर युवाओं को बुलाकर प्रशिक्षित कर रहे थे। इसके साथ वो अपना एजेंडा और प्रोपेगेंडा उनके माध्यम से युवाओं का ब्रेन वॉश करने का काम कर रहे थे।“

और पढ़ें: ‘भारत को 2047 तक बनाना चाहते थे इस्लामिक मुल्क’ पटना में गिरफ्तार दोनों आतंकियों का PFI से कनेक्शन

RSS की PFI से तुलना

यानी यहां एसएसपी ने सीधे-सीधे RSS की तुलना PFI से कर डाली। यह बयान देते हुए क्या वो यह नहीं जानते थे कि PFI एक ऐसा कट्टरपंथी संगठन है, जो देश को तोड़ने, देश को जलाने जैसे तमाम गतिविधियों में लिप्त रहता है। देश में कोई हिंसा होती है, तो उससे PFI का नाम जुड़ ही जाता है। अराजकता फैलाने से लेकर देश में दंगे कराने तक इन सभी घटनाओं में PFI हमेशा सबसे आगे रहता है। इन कारणों से ही बार-बार देश में इस कट्टरपंथी संगठन को बैन करने की मांग भी उठाई जाती रही है।

अब अगर पटना के एसएसपी ऐसे संगठन की तुलना RSS से करेंगे, तो इस पर बवाल तो खड़ा होना लाजिमी है। इस बयान को लेकर BJP हमलावर हो गई है और SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों से माफी मांगने और उन्हें उनके पद से हटाने की मांग कर रही है। BJP विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसा लगता है एसएसपी दिमागी तौर पर दिवालिया हो चुके हैं। विधायक ने कहा- “PFI और RSS की तुलना कैसे की जा सकती है। एक आतंकी संगठन है और दूसरा सांस्कृतिक और राष्ट्र निर्माण संगठन है।“ उन्होंने नीतीश सरकार से तुरंत इस मामले पर एक्शन लेते हुए कार्रवाई की मांग की और कहा कि ऐसी टिप्पणियों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

यहां गौर करने वाली बात यह है कि बिहार के एसएसपी RSS को लेकर इतना बड़ा बयान दे देते हैं और नीतीश कुमार इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठे हैं। कार्रवाई के नाम पर दिखावे के लिए महज राज्य सरकार की ओर से एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों को नोटिस जारी कर पूछा जाता है कि आखिर उन्होंने इस तरह का बयान क्यों दिया?

और पढ़ें: ‘दंगाइयों’ को मौन समर्थन देने के पीछे क्या है नीतीश कुमार की ‘कुंठित’ चाल, यहां समझिए !

आखिर भाजपा कब सुध लेगी

ऐसे में यहां सबसे बड़ा प्रश्न बीजेपी पर खड़ा होता है कि आखिर वो नीतीश कुमार और उनके एसएसपी के इस तरह के बयानों को बर्दाश्त कैसे कर सकती है, जो RSS को लेकर इस तरह की घटिया मानसिकता रखते हैं? आखिर क्यों BJP ऐसी सरकार का समर्थन कर रही है, जिसके राज में इस तरह की विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है और RSS को लेकर घृणात्मक बातें फैलाई जा रही हो? तो ऐसे में समय नहीं आ गया जब BJP को इस पूरे मामले पर सख्ती दिखाकर नीतीश सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेना चाहिए?

बात आतंकी मॉड्यूल के खुलासे की करें तो पुलिस इस मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पटना पुलिस ने अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को फुलवा शरीफ इलाके से गिरफ्तार किया है। अतहर प्रतिबंधित आतंकी संगठन SIMI का सदस्य था। वहीं मोहम्मद जलालुद्दीन झारखंड पुलिस में सब इंस्पेक्टर मोहम्मद जलालुद्दीन रह चुका है। यह दोनों PFI व सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के सक्रिय सदस्य है। यह सभी लोग मिलकर भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की प्लानिंग कर रहे थे। खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इनके इरादे काफी खतरनाक थे। इसके लिए युवाओं की भर्ती कर उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। मार्शल आर्ट के नाम पर अस्त्र-शस्त्रों का प्रशिक्षण दिया जाता था।

और पढ़ें: नीतीश कुमार बिल्कुल नहीं चाहते कि उन्हें इज्जत से रिटायरमेंट मिले!

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Exit mobile version