• About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
TFI Official Merchandise
TFI English
TFI Global
शुक्रवार, अगस्त 19, 2022
TFIPOST
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आखिर क्यों खुली दवाई बेचने में केमिस्ट कर रहे हैं आनाकानी और यह क्यों है चिंताजनक?

    आखिर क्यों खुली दवाई बेचने में केमिस्ट कर रहे हैं आनाकानी और यह क्यों है चिंताजनक?

    हरदीप सिंह पुरी

    रोहिंग्या मामला: बवाल मचने के बाद भी डिलीट नहीं किया ट्वीट, अहंकार में आकंठ डूबे पुरी का क्या होगा?

    Vikram Sampath

    ‘वीर सावरकर को पूजती थीं इंदिरा गांधी’, विक्रम संपत ने कांग्रेसियों का धागा खोल दिया!

    S Jaishankar

    ‘भारतीयों के लिए बेहतर डील सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है’, जयशंकर ने पश्चिमी देशों की हेकड़ी निकाल दी है

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खिलौना उद्योग

    खिलौने के बाज़ार में लौट आया है हिंदुस्तान, वैश्विक कंपनियां हो गईं किनारे

    Gautam Adani

    अंबानी के बाद अब टाटा, बिड़ला को एक साथ पटखनी देंगे गौतम अडानी

    PM Modi

    चीन की टेक्सटाइल इंडस्ट्री की लाश पर खड़ा होगा भारत का कपड़ा उद्योग

    INDIA RUSSIA

    भारत-रूस में व्यापार बढ़ना अच्छी बात है लेकिन भारत को व्यापारिक घाटे को भी देखना पड़ेगा

    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    F INSAS

    F-INSAS, लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्‍ट, निपुण माइंस और भी बहुत कुछ, देश के सैनिकों के हाथ में आया साक्षात काल

    होवित्जर तोप

    स्वतंत्रता दिवस पर ‘मेक इन इंडिया’ का कमाल, स्वदेशी होवित्जर तोप से पहली बार दी गई सलामी

    White swan and PM Modi

    अब ‘व्हाइट स्वान’ पर कब्जा करेगा भारत, तैयार हो जाए दुनिया

    PNS Alamgir

    कुछ सेकंड्स और होते तो भारतीय नौसेना ‘PNS आलमगीर’ को ‘PNS गाज़ी’ बना देती

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    Myanmar Ambassador

    पिछले एक वर्ष में चीन में 4 राजनयिकों की हुई मौत, ‘दिमाग को फ्राई’ कर देता है चीन!

    INDIA RUSSIA

    भारत-रूस में व्यापार बढ़ना अच्छी बात है लेकिन भारत को व्यापारिक घाटे को भी देखना पड़ेगा

    narendra Modi

    भारत ने तेल आयात की मज़बूरी को मज़बूती कैसे बनाया?

    India Srilanka & China

    जयशंकर की एक चाल और चीनी ‘जासूसी जहाज’ श्रीलंका से बाहर

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    India Today, Karthikeya 2

    कार्तिकेय 2: ‘हिंदूफोबिक’ इंडिया टुडे को भगवान श्रीकृष्ण से बहुत दिक्कत है

    Jawaharlal Nehru

    नेहरू की वो 3 गलतियां जिन्होंने विभाजन की विभीषिका को जन्म दिया

    रक्षाबंधन पर्व का हिंदू शास्त्रों में क्या है महत्व? क्या हैं इसके पीछे की वास्तविक कथाएं?

    रक्षाबंधन पर्व का हिंदू शास्त्रों में क्या है महत्व? क्या हैं इसके पीछे की वास्तविक कथाएं?

    Raani Durgawati

    गुमनाम नायक: रानी दुर्गावती की कहानी, जिन्होंने मुगलों की गिरफ्त की बजाय स्वयं का बलिदान कर दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    NDB

    परमाणु कचरे से बनाई गई बैटरी 28,000 वर्षों तक ऊर्जा देगी, जानिए इसके बारे में सबकुछ

    Abhishek Aggarwal

    जहां बॉलीवुड को अपने अस्तित्व बचाने के लाले पड़े हैं, अभिषेक अग्रवाल नोट पर नोट छाप रहे हैं

    Hiritik Roshan, Arjun Kapoor, Anurag Kashyap

    ऋतिक रोशन, अनुराग कश्यप, अर्जुन कपूर: लाल सिंह चड्ढा के फ्लॉप होते ही बॉलीवुड पगला गया

    It was NCP leader Praful Patel who destroyed Indian Football forever

    NCP नेता प्रफुल्ल पटेल ने भारतीय फुटबॉल को सदैव के लिए के लिए ख़त्म कर दिया

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
TFIPOST
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आखिर क्यों खुली दवाई बेचने में केमिस्ट कर रहे हैं आनाकानी और यह क्यों है चिंताजनक?

    आखिर क्यों खुली दवाई बेचने में केमिस्ट कर रहे हैं आनाकानी और यह क्यों है चिंताजनक?

    हरदीप सिंह पुरी

    रोहिंग्या मामला: बवाल मचने के बाद भी डिलीट नहीं किया ट्वीट, अहंकार में आकंठ डूबे पुरी का क्या होगा?

    Vikram Sampath

    ‘वीर सावरकर को पूजती थीं इंदिरा गांधी’, विक्रम संपत ने कांग्रेसियों का धागा खोल दिया!

    S Jaishankar

    ‘भारतीयों के लिए बेहतर डील सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है’, जयशंकर ने पश्चिमी देशों की हेकड़ी निकाल दी है

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खिलौना उद्योग

    खिलौने के बाज़ार में लौट आया है हिंदुस्तान, वैश्विक कंपनियां हो गईं किनारे

    Gautam Adani

    अंबानी के बाद अब टाटा, बिड़ला को एक साथ पटखनी देंगे गौतम अडानी

    PM Modi

    चीन की टेक्सटाइल इंडस्ट्री की लाश पर खड़ा होगा भारत का कपड़ा उद्योग

    INDIA RUSSIA

    भारत-रूस में व्यापार बढ़ना अच्छी बात है लेकिन भारत को व्यापारिक घाटे को भी देखना पड़ेगा

    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    F INSAS

    F-INSAS, लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्‍ट, निपुण माइंस और भी बहुत कुछ, देश के सैनिकों के हाथ में आया साक्षात काल

    होवित्जर तोप

    स्वतंत्रता दिवस पर ‘मेक इन इंडिया’ का कमाल, स्वदेशी होवित्जर तोप से पहली बार दी गई सलामी

    White swan and PM Modi

    अब ‘व्हाइट स्वान’ पर कब्जा करेगा भारत, तैयार हो जाए दुनिया

    PNS Alamgir

    कुछ सेकंड्स और होते तो भारतीय नौसेना ‘PNS आलमगीर’ को ‘PNS गाज़ी’ बना देती

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    Myanmar Ambassador

    पिछले एक वर्ष में चीन में 4 राजनयिकों की हुई मौत, ‘दिमाग को फ्राई’ कर देता है चीन!

    INDIA RUSSIA

    भारत-रूस में व्यापार बढ़ना अच्छी बात है लेकिन भारत को व्यापारिक घाटे को भी देखना पड़ेगा

    narendra Modi

    भारत ने तेल आयात की मज़बूरी को मज़बूती कैसे बनाया?

    India Srilanka & China

    जयशंकर की एक चाल और चीनी ‘जासूसी जहाज’ श्रीलंका से बाहर

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    India Today, Karthikeya 2

    कार्तिकेय 2: ‘हिंदूफोबिक’ इंडिया टुडे को भगवान श्रीकृष्ण से बहुत दिक्कत है

    Jawaharlal Nehru

    नेहरू की वो 3 गलतियां जिन्होंने विभाजन की विभीषिका को जन्म दिया

    रक्षाबंधन पर्व का हिंदू शास्त्रों में क्या है महत्व? क्या हैं इसके पीछे की वास्तविक कथाएं?

    रक्षाबंधन पर्व का हिंदू शास्त्रों में क्या है महत्व? क्या हैं इसके पीछे की वास्तविक कथाएं?

    Raani Durgawati

    गुमनाम नायक: रानी दुर्गावती की कहानी, जिन्होंने मुगलों की गिरफ्त की बजाय स्वयं का बलिदान कर दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    NDB

    परमाणु कचरे से बनाई गई बैटरी 28,000 वर्षों तक ऊर्जा देगी, जानिए इसके बारे में सबकुछ

    Abhishek Aggarwal

    जहां बॉलीवुड को अपने अस्तित्व बचाने के लाले पड़े हैं, अभिषेक अग्रवाल नोट पर नोट छाप रहे हैं

    Hiritik Roshan, Arjun Kapoor, Anurag Kashyap

    ऋतिक रोशन, अनुराग कश्यप, अर्जुन कपूर: लाल सिंह चड्ढा के फ्लॉप होते ही बॉलीवुड पगला गया

    It was NCP leader Praful Patel who destroyed Indian Football forever

    NCP नेता प्रफुल्ल पटेल ने भारतीय फुटबॉल को सदैव के लिए के लिए ख़त्म कर दिया

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
TFIPOST
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें

भ्रम में मत रहिए, राजनीतिक लाभ के लिए इंदिरा गांधी ने किया था बैंकों का राष्ट्रीयकरण

बैंकों के राष्ट्रीयकरण से पूरी अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गयी!

Deeksha Sharma
द्वारा Deeksha Sharma
26 जुलाई 2022
in इतिहास, चर्चित
0
Indira Gandhi
236
व्यूज़
Share on FacebookShare on Twitter

इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) जब भारत की प्रधानमंत्री थीं तब देश में आपातकाल लगाया गया था। आज भी उस आपातकाल (emergency) के काले दिनों की चर्चा समय-समय पर होती रहती है। लेकिन क्या आपको पता है कि इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान और भी ऐसी कई घटनाएं हुईं जिस पर खुलकर बात ही नहीं की जाती है लेकिन उन घटनाओं का प्रभाव आज भी देश पर है। उन्हीं घटनाओं या यह कहें कि इंदिरा गांधी के उन्हीं कृत्यों में से एक है बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर देना।

इंदिरा गांधी के एक कदम ने सब बिगाड़ दिया!

जहां कुछ लोगों का मानना था कि इंदिरा गांधी के इस कदम से भारत की अर्थव्यवस्था में चार चांद लग जाएंगे और वह तरक्की करेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसके ठीक उलट भारत उस तरह की तरक्की नहीं कर सका जिसका वह हकदार था। इंदिरा गांधी ने यह कदम भारतवर्ष के कल्याण के लिए नहीं बल्कि आत्महित को पूरा करने के लिए उठाया था जिसमें केवल और केवल उनका और उनकी आने वाली पीढ़ियों का ही भला हुआ।

पांच दशक पहले इंदिरा गांधी के द्वारा लिए इस फैसले ने देश की अर्थव्यवस्था को कुंए में धकेल दिया। 1947 में आज़ादी के बाद भारत की अर्थव्यवस्था के साथ जो छेड़छाड़ इंदिरा गांधी ने की वह तो उनके पिता जवाहरलाल नेहरू ने भी नहीं की थी। उनके इस कदम के पीछे का राजनितिक कारण कुछ इस तरह से था कि 1967 के आम चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने खराब प्रदर्शन किया जिससे कई राज्यों में पार्टी ने अपनी कमान खो दी। ऐसा होने के पीछे ‘स्वतंत्र पार्टी’ थी जो आजादी के बाद से कांग्रेस के आधिपत्य के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर उभर रही थी।

‘स्वतंत्र पार्टी’ का गठन 1957 में सी राजगोपालाचारी, एन जी रंगा, के एम मुंशी और अन्य प्रतिष्ठित कांग्रेसियों द्वारा किया गया था जो जवाहरलाल नेहरू की समाजवादी नीतियों से असहमत थे। उस समय नेहरू ने कुछ ‘भूमि सुधार’ नीतियां भी चलायी थीं जिनके चलते बड़े ज़मींदारों और राजघरानों की भूमि खतरे में आ गयी थी। वे राजघराने और ज़मींदार भी स्वतंत्र पार्टी को अपना समर्थन देने लगे, साथ ही यह पार्टी बड़े व्यवसायियों को भी आकर्षित करने में सफल रही।

1962 के चुनाव में स्वतंत्र पार्टी ने 18 सीटें जीती थीं जो कि एक अच्छी शुरुआत थी। इन सीटों को जीतने के बाद यह पार्टी कांग्रेस (351 सीटों) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई, 29 सीटों) के बाद संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी।

फिर भारत चीन से युद्ध में हार गया जिसके बाद 1965 और 1966 के भयानक सूखे ने भारत को बड़े पैमाने पर भुखमरी का शिकार बना दिया। इसके चलते लोगों में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ने लगा और 1967 के चुनाव में यह विरोध साफ़ देखने को मिला जब कांग्रेस को 520 में से सिर्फ 283 सीटों पर जीत मिली थी। स्वतंत्र पार्टी 44 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच गयी और विपक्ष का अगुआ बन गयी। कांग्रेस के कई विधायक पार्टी छोड़कर विपक्ष में चले गए, कांग्रेस का आधिपत्य समाप्त होता दिख रहा था। अगले चुनाव में यह पूरी तरह से संभव लग रहा था कि बड़े व्यवसाय का पैसा और राजा महाराजाओं की सामंती पकड़ एक स्वतंत्र नेतृत्व वाले गठबंधन को सत्ता में लाएगी।

और पढ़ें- 1971 में इंदिरा गांधी POK को वापस ले सकती थीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया

इंदिरा गांधी ने कांग्रेस की जीत को आगे रखा

अब बात जब पार्टी के अस्तित्व की आयी तो देश को दरकिनार कर इंदिरा गांधी ने जीतने के लिए स्वतंत्र पार्टी के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया। स्वतंत्र पार्टी के दो मुख्य स्तंभों, राजा-महाराजाओं और बड़े व्यवसाइयों पर हमला हुआ। रजवाड़ों के भारत में विलय होने के बाद जो धनराशि राजा-महाराजाओं को हर माह मिलती थी उसे रोक दिया गया और उनकी सम्पत्ति पर कर लगाना शुरू कर दिया, जिसके चलते राजा-महाराजाओं और व्यवसाइयों के धनकोष खाली होने लगे। बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने के बाद इंदिरा गांधी ने कर 97.75 % तक बढ़ा दिया था।

उन्होंने कोयला, सामान्य बीमा और तांबे जैसे कई और व्यवसायों का राष्ट्रीयकरण कर दिया और उद्योगपतियों को उनके घुटनों पर ला दिया, यह केवल इसलिए क्योंकि वे स्वतंत्र पार्टी के समर्थक थे, इससे स्वतंत्र पार्टी ऐसी टूटी कि फिर कभी उभर नहीं सकी। उस पार्टी का अस्तित्व ख़त्म करने की इंदिरा गांधी की योजना सफल हो गयी लेकिन उसकी कीमत देश को चुकानी पड़ी।

इसके तुरंत बाद 1975-77 का आपातकाल आया। गांधी ने सभी विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया, इसका नतीजा यह हुआ कि सभी विपक्षी पार्टियां इंदिरा गाँधी के खिलाफ एकजुट हो गयीं और मिलकर कांग्रेस के खिलाफ एक नयी पार्टी का गठन किया, ‘जनता पार्टी’। जनता पार्टी बनाने के लिए कांग्रेस, स्वतंत्र पार्टी, जनसंघ और समाजवादी दलों का विलय हुआ। पार्टी ने 1977 का चुनाव जीता और मोरारजी देसाई के नेतृत्व में एक नयी सरकार बनी लेकिन पार्टी के अंदर फूट पड़ने से तीन साल से भी कम समय में पार्टी टूट गयी। स्वतंत्र पार्टी 1959 से 1974 तक के समय में ही सिमटकर रह गयी और वह दोबारा कभी अस्तित्व में नहीं आयी।

और पढ़ें- जब देशभक्त मनोज कुमार की फ़िल्मों को इंदिरा गांधी ने कर दिया था ‘बैन’

फिर जनता पार्टी का जन्म हुआ और जनता पार्टी के कई सदस्य भाजपा में शामिल हो गए। राजनीतिक दृष्टि से भले ही इंदिरा गांधी ने एक बड़ी सफलता पायी और स्वतंत्र पार्टी को इतने व्यापक रूप से तोड़ दिया कि आज शायद गिने चुने लोगों को ही उसका इतिहास याद है लेकिन इस राजनितिक सफलता के लिए भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया गया। एक पार्टी की जीत की कीमत पूरे राष्ट्र ने उठायी और आज भी उठाता आ रहा है।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: आपातकालइंदिरा गाँधीइमरजेंसीसरकारी बैंक
शेयरट्वीटभेजिए

पिछली पोस्ट

‘द कश्मीर फाइल्स’ को नहीं मिला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, फूल के कुप्पा हो गए वामपंथी

अगली पोस्ट

‘अहीर बेल्ट’ का यादव वोट अपनी ओर कैसे खींच रही है भाजपा?

Deeksha Sharma

Deeksha Sharma

Columnist, TFI Media. Patriot. Bilingual. Opinionated.

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

  • सर्वाधिक पढ़े गए
  • टिप्पणियाँ
  • नवीनतम
“धौंसिये को औकात बता दी”, अजय देवगन ने करण जौहर की दादागिरी उतार उसे माफी मांगने पर मजबूर कर दिया

“धौंसिये को औकात बता दी”, अजय देवगन ने करण जौहर की दादागिरी उतार उसे माफी मांगने पर मजबूर कर दिया

24 जून 2020
चीन, ऑस्ट्रेलिया,

‘जांच तो होकर रहेगी, चाहे जितना रो लो’, ऑस्ट्रेलिया ने ड्रैगन को उसी की भाषा में मजा चखा दिया

29 अप्रैल 2020
G7

दुनिया के 7 बड़े देश एक बात पर हुए सहमत – हम सब चीन के खिलाफ हैं

18 अप्रैल 2020
जापान, चीन

‘हमारी जल सीमा से तुरंत निकल लो’, East China Sea में घुसपैठ करने जा रहे चीनियों को जापानी नौसेना ने खदेड़ा

10 मई 2020
रवीश कुमार

यदि रवीश कुमार मेरे सवालों का ठीक ठीक उत्तर दे दें, तो मैं लिखना छोड़ दूंगा

सरकारी बैंक

प्रिय बैंक कर्मचारियों, अपनी हड़ताल जारी रखें, PSB का निजीकरण होकर रहेगा

संदीप मिश्रा

अखबार के एक मैट्रिमोनियल कॉलम से शुरू हुई प्रेम और देश प्रेम की कहानी

संजय झा

यक्ष – संजय झा संवाद: ऐसे प्रश्न और ऐसे उत्तर जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे

आखिर क्यों खुली दवाई बेचने में केमिस्ट कर रहे हैं आनाकानी और यह क्यों है चिंताजनक?

आखिर क्यों खुली दवाई बेचने में केमिस्ट कर रहे हैं आनाकानी और यह क्यों है चिंताजनक?

18 अगस्त 2022
हरदीप सिंह पुरी

रोहिंग्या मामला: बवाल मचने के बाद भी डिलीट नहीं किया ट्वीट, अहंकार में आकंठ डूबे पुरी का क्या होगा?

18 अगस्त 2022
Vikram Sampath

‘वीर सावरकर को पूजती थीं इंदिरा गांधी’, विक्रम संपत ने कांग्रेसियों का धागा खोल दिया!

18 अगस्त 2022
S Jaishankar

‘भारतीयों के लिए बेहतर डील सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है’, जयशंकर ने पश्चिमी देशों की हेकड़ी निकाल दी है

18 अगस्त 2022

इस सप्ताह लोकप्रिय

Laal singh chaddha
चलचित्र

आमिर खान भारत में फ्लॉप, चीन में सुपरहिट, जांच एजेंसियां करें जांच

द्वारा Animesh Pandey
12 अगस्त 2022
OPEC
चर्चित

OPEC ऑयल गैंग को लगा बड़ा झटका, भारत में 15 साल के निचले स्तर पर पहुंचा OPEC से तेल का आयात

द्वारा Utkarsh Upadhyay
23 जनवरी 2022
BYJU
चर्चित

BYJU’S के पीछे का सच अब धीरे-धीरे सामने आने लगा है, यह घोटाला तो बहुत बड़ा है

द्वारा TFIPOST News Desk
20 जुलाई 2022
Gautam Adani
चर्चित

इतिहास रचने से बस एक कदम दूर हैं अरबपति गौतम अडानी

द्वारा Deeksha Sharma
5 अगस्त 2022
adaani jef bejos
चर्चित

एलन मस्क और जेफ़ बेजोस को भारतीय अरबपति गौतम अडानी ने पछाड़ा

द्वारा Chaman Kumar Mishra
10 अगस्त 2022

©2022 TFI Media Private Limited

  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFI Official Merchandise
TFI English
TFI Global
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships

©2022 TFI Media Private Limited

Follow us on Twitter

and never miss an insightful take by the TFIPOST team

Follow @tfipost_in